सियासत. इस वक्त राजस्थान में कमाल की सियासी धमाल चल रही है. जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत सरकार के समर्थन में खड़े हैं और सचिन पायलट खेमे की ओर से की गई बगावत को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं बीजेपी के नेता प्रत्यक्ष तौर पर इस प्रकरण से पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से सचिन पायलट खेमे के साथ मजबूती से खड़े हैं.

इस सियासी घटनाक्रम की शुरूआत में भी सीएम गहलोत के पास बहुमत था, लेकिन शायद कच्चा था, लिहाजा तब वे फ्लोर टेस्ट पर फोकस नहीं थे, अब पक्का बहुमत हांसिल कर लिया है, लिहाजा वे चाहते हैं कि जल्दी-से-जल्दी विधानसभा में शक्ति परीक्षण हो जाए, ताकि अगले छह माह के लिए उनकी सरकार सुरक्षित हो जाए.

उधर, कांग्रेस सरकार की अस्थिरता से बीजेपी खुश जरूर है, परन्तु आॅपरेशन लोटस की कामयाबी के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है, इसलिए बीजेपी, सीएम गहलोत को विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती नहीं दे रही है.

अशोक गहलोत सरकार इस वक्त दो प्रमुख मोर्चों पर फोकस है.

एक- जल्दी से जल्दी विधानसभा में बहुमत साबित करना ताकि सरकार सुरक्षित हो जाए और मंत्रिमंडल के विस्तार सहित सामान्य राजकाज पटरी पर आ जाए.

दो- बागी खेमे के कुछ सदस्यों और उनके सहयोगियों पर कानूनी कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाना, ताकि भविष्य में बगावत की आशंका खत्म हो जाए.

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