MP: हाईकोर्ट ने SIT गठित करने के दिए निर्देश, RDVV के कुलगुरु पर लगे आरोपों की करेगी जांच, 3 IPS अधिकारियों को नियुक्त करेगे DGP

MP: हाईकोर्ट ने SIT गठित करने के दिए निर्देश, RDVV के कुलगुरु पर लगे आरोपों की करेगी जांच, 3 IPS अधिकारियों को नियुक्त करेगे DGP

प्रेषित समय :15:27:43 PM / Thu, May 22nd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. राजेश वर्मा पर महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच SIT द्वारा की जाएगी. इस आशय के निर्देश मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दिए है. हाईकोर्ट ने कहा कि DGP तीन दिन के अंदर तीन IPS अधिकारियों को नियुक्त करें.

हाईकोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि SIT का नेतृत्व IG स्तर के अधिकारी को सौंपा जाए, जिसमें महिला IPS अधिकारी हों. जांच जल्द कराकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए. हाईकोर्ट ने यह जोर देकर कहा कि SIT में जबलपुर जिले का अधिकारी नहीं होना चाहिए. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पदस्थ महिला अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश पारित करते हुए कहा कि एक महिला अधिकारी द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति पर लगाए गए यौन उत्पीडऩ के आरोप गंभीर हैं.  जिसकी निष्पक्ष जांच कराई जा रही है. कोर्ट ने कहा कि यह मामला संविधान पीठ के प्रसिद्ध निर्णय विशाखा बनाम राज्य राजस्थान 1997 में निर्धारित दिशा निर्देशों के अंतर्गत आता है. कोर्ट ने पाया है कि पूर्व में गठित जांच समितियों ने इस गंभीर मामले की ठीक प्रकार से जांच नहीं की है.

गौरतलब है कि  12 दिन पहले हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पदस्थ महिला अधिकारी की याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकल पीठ ने विश्वविद्यालय द्वारा दी गई इस जानकारी पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि घटना वाले दिन सीसीटीवी कैमरा काम नहीं कर रहा था. कोर्ट ने कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि फोरेंसिक व तकनीकी विशेषज्ञों से जांच कराई जाए कि क्या वाकई घटना के दिन कैमरा बंद था. हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि कैमरा कब इंस्टॉल हुआ, कब तक चालू रहा और किस दिन से बंद हुआ. इन सभी जानकारियों को शामिल कर रिपोर्ट अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत की जाए. वहीं कुलसचिव को भी हलफनामा देकर यह बताने को कहा है कि पूर्व आदेश के बाद भी तत्कालीन CCTV फुटेज को सुरक्षित क्यों नहीं किया गया.

यदि कैमरा खराब था तो उसे समय पर ठीक क्यों नहीं कराया गया. तमाम दलीलों को दृष्टिगत रखते हुए जस्टिस विशाल मिश्रा की कोर्ट ने यह आदेश पारित किया है कि मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) जल्द ही तीन वरिष्ठ IPS अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन करें. इनमें से एक अधिकारी अनिवार्य रूप से महिला होनी चाहिए जो पुलिस अधीक्षक (IPS) से कम रैंक की न हो. SIT का नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक (IG) स्तर का अधिकारी करेगा. यह टीम तीन दिनों में गठित की जाए, पहले से उपलब्ध समस्त दस्तावेज, साक्ष्य, बयान आदि तत्काल SIT को सौंपे जाएं. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस गंभीर मामले में निष्पक्षता बनाए रखना आवश्यक है ताकि पीडि़ता को न्याय मिल सके और संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके.

कुलगुरु ने बैठक में किया था अभद्र भाषाा का प्रयोग-

महिला अधिकारी ने कुलपति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट को बताया है कि 21 नवंबर 2024 को एक बैठक के दौरान कुलगुरु ने न सिर्फ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, बल्कि आपत्तिजनक इशारे भी किए. महिला अधिकारी ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा व राज्य महिला आयोग को भी शिकायत भेजी थी. जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पीडि़त महिला ने हाईकोर्ट की शरण ली.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-