जबलपुर. भारत-पाकिस्तान के बीच जबर्दस्त तनाव बना हुआ है. भारतीय सेना जहां सीमा व पाकिस्तान के अंदर तक ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को सबक सिखा रही है, वहीं भारत के अंदर भी किसी तरह की वारदात नहीं हो, इसके लिए भी एलर्ट है. इसी क्रम में पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों रेल मंडलों जबलपुर, भोपाल व कोटा के सभी छोटे-बड़े ब्रिजों पर 200 से अधिक कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जो चौबीसों घंटें सुरक्षा में मुस्तैद हैं.
रेल सूत्रों के मुताबिक वैसे तो पूरे भारतीय रेलवे एलर्ट मोड पर है, रेल सुरक्षा निर्बाध रूप से संचालित रहे, साथ ही जरूरत पड़ने पर इंडियन आर्मी व असलहे को सीमा पर द्रुत गति से पहुंचाने में मुस्तैद रहे, इसके लिए इन दिनों ट्रैक की सुरक्षा तो मजबूत की गई है, साथ ही सभी रेल पुलों पर एक्स्ट्रा कर्मचारी तैनात किये गये हैं. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, भोपाल व कोटा मंडलों में इंजीनियरिंग विभाग ने पुल की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कर्मचारी लगा दिये हैं.
नर्मदा, शेर, तवा, हिरण, परियट में कर्मचारी तैनात
सूत्रों के मुताबिक पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल के नर्मदा नदी, शेर नदी, तवा नदी, हिरण नदी, परियट नदी सहित सभी छोटे-बड़े पुलों पर 12-12 घंटे के लिए 2-2 कर्मचारी लगाए गए हैं. यानी हर 12 घंटे में 2-2 कर्मचारी पुलों की सुरक्षा में लगाये गये हैं. एक पुल पर चौबीस घंटों में 4 कर्मचारी हैं, जो लगातार पुल के नीचे व ऊपर नजर रखे हुए हैं. ताकि कोई अवांछित व्यक्ति नजर आने पर उसकी सूचना तत्काल उच्च अधिकारियों को दे सके.
ट्रैकमैन को रेल लाइन के साथ-साथ आसपास नजर रखने के निर्देश
बताया जाता है कि रेलवे में ट्रैकमैन ही एक ऐसा कर्मचारी होता है, जो हर समय ट्रैक पर मुस्तैद रहता है और हर विषम परिस्थितियों, मौसम पर रेल संचालन निर्बाध बनाये रखने काम करता है, इसलिए ट्रैकमैन को दिन में तो ठीक है, किंतु रात्रिकालीन ड्यूटी वाले स्टाफ को पैनी नजर रखने को कहा गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-