पलपल संवाददाता, जबलपुर/दमोह. एमपी के दमोह स्थित मिशन अस्पताल में सात लोगों की मौत का खुलासा होने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन की कारगुजारियां भी सामने आने लगी है. मिशन अस्पताल की प्रबंधन समिति के खिलाफ दमोह पुलिस ने अवैध कैथ लैब संचालन करने पर एफआईआर दर्ज की है. इस मामले में जबलपुर के डाक्टर अखिलेश दुबे ने सीएमएचओ मुकेश जैन को लिखित शिकायत दी थी कि उनके नाम का दुरुपयोग कर फर्जी रजिस्टे्रशन से कैथ लैब चलाई जा रही है.
बताया जाता है कि दमोह के मिशन अस्पताल में डाक्टर नरेन्द्र जॉन केम द्वारा किए गए आपरेशन के बाद सात मरीजों की मौत हो गई. इस मामले के तूल पकडऩे के बाद पुलिस से लेकर स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन हरकत में आ गया. डाक्टर नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव को पुलिस ने सात अप्रेल को प्रयागराज यूपी से गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद मिशन अस्पताल चर्चाओं में आ गया. इस दौरान जबलपुर के डाक्टर अखिलेश दुबे ने ऑन लाइन दस्तावेजों में अपने फर्जी हस्ताक्षर पाए, जिसपर मिशन अस्पताल ने कैथ लैब का रजिस्ट्रेशन कराया है. डाक्टर दुबे ने तत्काल इस बात की शिकायत दमोह सीएमएचओ मुकेश जैन से की. सीएमएचओ श्री जैन द्वारा जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने मामले में मिशन अस्पताल प्रबंधन समिति के 9 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी है. हालांकि अभी क ोई भी गिरफ्तारी नहीं की गई है.
इनके खिलाफ दर्ज किया गया केस-
पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपियों में सेंट्रल इंडिया क्रिश्चियन मिशन के असीम न्यूटन, फे्रंक हैरिसन, इंदुलाल, जीवन मैसी, रोशन प्रसाद, कदीर यूसुफ, अजय लाल, संजीव लैम्बर्ड व विजय लैम्बर्ड शामिल है. इन सभी के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिकए अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. मामले की जांच जारी है.
ऐसे हुआ है कि फर्जी डाक्टर का पर्दाफाश-
बताया गया है कि कृष्णा पटेल नाम के युवक ने हार्ट सर्जरी के नाम पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए शिकायत मानव अधिकार आयोग से की थी. उन्होंने ऑपरेशन करने वाले डाक्टर नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम की शिकायत में ये भी कहा है कि उनकी पहचान भी फर्जी है. उसके आधार कार्ड पर भी जर्मनी के डॉक्टर के पिता का नाम व पता लिखा है. इसके बाद आरोपी डॉक्टर को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-