भोपाल. पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल रेल मंडल के भोपाल लॉबी में वर्तमान लोको फोरमैन के कार्यकाल में अनियमितताएं अपने चरण पर पहुंच चुकी हैं. लोको फोरमैन व मान्यता प्राप्त संगठन मिलकर अपने खासमखास लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट को नियम विरुद्ध तरीके से रिफ्रेसर व लाइन लर्निंग में नहीं भेजा जा रहा है, जिससे अन्य एलपी व एएलपी पर कार्य का बोझ तो बढ़ ही रहा है, वहीं चहेते स्टाफ बिना ट्रेन चलाये लाखों का वेतन पा रहे हैं, जिससे रेलवे को आर्थिक चपत लग रही है. ऐसे चहेते स्टाफ रेलवे के लिए सफेद हाथी साबित हो रहे हैं.
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने भोपाल लॉबी में लोको फोरमैन द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं की शिकायत पमरे के महाप्रबंधक से की है और इस अनियमितता को तत्काल रोकते हुए जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने की मांग की है. यूनियन ने इस मामले में शिकायत करते हुए कहा हैकि लोको फोरमैन अपने कई खास लोको पायलट, सहायक लोको पायलट को पिछले काफी समय से रिफ्रेसर कोर्स व लर्निंग में नहीं भेज रहे हैं, इन लोगों को बगैर रिफ्रेसर व लर्निंग के ट्रेन संचालन नहीं कराया जा रहा है, जिससे इन्हें बगैर लाइन में जाये हर माह मोटी राशि वेतन व भत्ते के मिल रही है. जिससे रेलवे को लाखों रुपए की चपत लग रही है.
यूनियन ने इन मामलों में की शिकायत
लोको पायलेट कमलेश परिहार अधीन लोको फोरमैन भोपाल का ए. एल. एफ के रूप में ड्राफ्टेड के रूप में कार्यकाल जुलाई 2023 में समाप्त हुआ था इसके बाद इन्हें एक वर्ष का कार्यकाल बढ़ाया गया था जो अक्टूबर 2024 में समाप्त हो चुका है. कर्मचारी को रिफ्रेशर करा दिया गया है एवं मूल कार्य इनके स्थान पर अन्य ए. एल. एफ की पोस्टिंग भी कर दी गई है लेकिन इन्हें अभी तक अपने कार्य पर नहीं भेजा गया है क्योंकि इनकी लोको हैंडलिंग एवं रोड़ लर्निंग अपूर्ण है तथा लोको फोरमैन भोपाल मनमाने रूप से इनका पक्ष लेकर इन्हें जानबूझ कर लाईन पर नहीं भेज रहे है. अभी इनका नाम 07.04.2025 से लोको हैंडलिंग में रखा गया था लेकिन इन्होने सिक कर दी एवं हैंडलिंग के लिये नहीं जा रहे है. इनको इस प्रकार से एकतरफा लाभ देने से अन्य रनिंग स्टाफ में रोष व्याप्त है.
एक अन्य मामला में सहायक लोको पायलट प्रवीण अवस्थी को लोको फोरमैन भोपाल द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से लाभ पहुंचाया जाता है एवं मनमाने तरीके से ड्यूटी कराई जाती है. प्रवीण अवस्थी को 15.09. 2024 से 22.09.2024 को भोपाल से भुसावल तक रोड लर्निंग दी गई थी लेकिन इनको लोको फोरमैन भोपाल द्वारा 3 माह तक इस खण्ड में एक भी गाड़ी नहीं लगाई जिससे इनकी रोड़ लर्निंग डयू हो गई. इस प्रकार की मनमानी से ना केवल मेन पावर का दुरुपयोग होता है एवं अन्य कर्मचारियों पर भी कार्य का दबाव बढ़ता है. इस प्रकार से अनावश्यक रूप से एलआरडी ड्यू करवाने पर लोको फोरमेन भोपाल एवं संबंधित कर्मचारी पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानी चाहिये, जिससे इस प्रकार की अनुशासनहीनता पर रोक लग सकें .
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-