भारतीय कुश्ती महासंघ को मिली राहत, खेल मंत्रालय ने 15 माह बाद हटाया निलंबन

भारतीय कुश्ती महासंघ को मिली राहत, खेल मंत्रालय ने 15 माह बाद हटाया निलंबन

प्रेषित समय :12:42:23 PM / Tue, Mar 11th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के लिए एक बड़ी खुशखबरी है क्योंकि खेल मंत्रालय ने महासंघ पर लगाया गया निलंबन तत्काल प्रभाव से हटा लिया है. यह फैसला डब्ल्यूएफआई के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो पिछले कुछ वर्षों से विवादों से घिरा हुआ था. खेल मंत्रालय के इस कदम से महासंघ में चल रहे अनिश्चितता के माहौल के खत्म होने की उम्मीद है.

खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई की संजय सिंह की अगुवाई वाली कार्यकारी समिति पर राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए निलंबन लगाया था. हालांकि, अब मंत्रालय ने अपने निलंबन आदेश को वापस ले लिया है, जिससे डब्ल्यूएफआई को फिर से मान्यता मिल गई है. इससे पहले, कुश्ती की वैश्विक शासी निकाय, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भी पिछले साल संजय सिंह की अध्यक्षता वाले डब्ल्यूएफआई से निलंबन हटा दिया था. इन घटनाक्रमों के बाद, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी भारत में कुश्ती के दैनिक मामलों की देखरेख कर रही भूपेंद्र सिंह बाजवा के नेतृत्व वाली तदर्थ समिति को भंग करने का निर्णय लिया.

डब्ल्यूएफआई कार्यकारी समिति के अध्यक्ष संजय सिंह को यूडब्ल्यूडब्ल्यू और आईओए से पहले ही राहत मिल चुकी थी, लेकिन उन्हें केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने का इंतजार था, जो अब खेल मंत्रालय के नवीनतम फैसले के साथ खत्म हो गया है. सरकार ने पहले डब्ल्यूएफआई पर नियमों का उल्लंघन करने का हवाला देते हुए कार्रवाई की थी और चुनाव संपन्न होने के तीन दिन बाद ही महासंघ को निलंबित कर दिया था.

डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाने वाले संजय सिंह के नेतृत्व वाली समिति ने 21 दिसंबर, 2023 को चुनाव जीता था. चुनाव जीतने के बाद, नई कार्यकारिणी ने अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की घोषणा की थी. हालांकि, सरकार को इस चैंपियनशिप के आयोजन स्थल – गोंडा के नंदिनी नगर पर आपत्ति थी, जो बृजभूषण शरण सिंह का गढ़ माना जाता है. सरकार ने इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए 24 दिसंबर, 2023 को डब्ल्यूएफआई को निलंबित करने का कड़ा कदम उठाया था.

डब्ल्यूएफआई के निलंबन के कारण भारतीय पहलवानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा था. महासंघ और खेल मंत्रालय के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी, जिससे सबसे ज्यादा नुकसान पहलवानों को हो रहा था. हालांकि, निलंबन हटने से अब घरेलू कुश्ती टूर्नामेंट के आयोजन का रास्ता साफ हो गया है. अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए पहलवानों के चयन को लेकर भी अब कोई अस्पष्टता नहीं रहेगी. खेल मंत्रालय ने अपने नवीनतम आदेश में कहा है कि डब्ल्यूएफआई द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों को ध्यान में रखते हुए निलंबन को वापस लिया जा रहा है. इस फैसले के साथ, खेल मंत्रालय ने लगभग 15 महीने बाद डब्ल्यूएफआई पर लगा निलंबन आधिकारिक रूप से हटा दिया है, जिससे भारतीय कुश्ती में एक नए अध्याय की शुरुआत होने की संभावना है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-