भारत को अमेरिका ने भेजी 295 अवैध प्रवासियों की लिस्ट, जल्द किया जाएगा डिपोर्ट

भारत को अमेरिका ने भेजी 295 अवैध प्रवासियों की लिस्ट

प्रेषित समय :17:49:38 PM / Sat, Feb 8th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. अमेरिका ने भारत को 295 लोगों की सूची भेजी है, जिनकी नागरिकता की पुष्टि होने के बाद भारत वापस भेज दिया जाएगा. ये लोग उन 487 व्यक्तियों में शामिल हैं जिन्हें अमेरिका से निर्वासित किया जाना है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यह जानकारी दी. एक बयान देते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका से निर्वासित करने के लिए 487 भारतीय नागरिकों की पहचान की गई है और 295 लोगों के विवरण भारत के साथ साझा किए गए हैं. उन्होंने कहा कि साझा की गई जानकारी की अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पुष्टि की जा रही है.

विदेश सचिव ने कहा, यह एक नियमित प्रक्रिया है, जिसके बारे में कल संसद में विदेश मंत्री ने भी स्पष्ट किया था. भारत को असहयोगी देश कहना उचित नहीं होगा. कोई भी देश यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि निर्वासित किए जा रहे लोग उसके नागरिक हैं या नहीं. इससे कानूनी और सुरक्षा से संबंधित मुद्दे भी जुड़े हुए हैं.

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 487 भारतीय नागरिकों के संभावित निर्वासन के बारे में जानकारी दी थी. भारत सरकार ने इस संबंध में और जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में अमेरिका ने 298 व्यक्तियों की विस्तृत जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरकरार रख रहा है और अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है.

भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने गैर-कानूनी प्रवासियों को हथकड़ी और निर्वासन के मुद्दे पर अमेरिका के साथ चिंता व्यक्त की है और ऐसे व्यवहार से बचा जा सकता था. विदेश सचिव विक्रम मिस्री की यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा एक सैन्य विमान में 40 घंटे की उड़ान के दौरान गैर-कानूनी भारतीय प्रवासियों को हथकडिय़ों में वापस भेजने को लेकर हुए हंगामे के बीच आई है. प्रवासियों के निर्वासन से जुड़े सवालों पर, मिस्री ने कहा, हमने अपनी चिंताएं अमेरिका को बता दी हैं कि इस तरह के व्यवहार से बचा जा सकता है.

विदेश सचिव ने कहा कि गैर-कानूनी प्रवासियों को हथकड़ी लगाने और वापस भेजने की अमेरिकी नीति 2012 से लागू है. जब विदेश सचिव से पूछा गया कि क्या भारत ने 2012 में गैर-कानूनी प्रवासियों को हथकडिय़ों और निर्वासन का विरोध दर्ज कराया था, तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि कोई विरोध हुआ था. हमारे पास इस आपत्ति के बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिसका हवाला विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संसद में दिया.

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