* प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतगणना के साथ ही यह साफ हो गया है कि- 27 साल बाद बीजेपी की दिल्ली की सत्ता में बड़ी वापसी हो रही है, लेकिन इससे भी बड़ी हार अरविंद केजरीवाल की हुई है, तो कांग्रेस को बीजेपी का आभारी होना चाहिए, जिसने अरविंद केजरीवाल को राजनीतिक मुख्यधारा से बाहर कर दिया है, क्योंकि.... पिछले लंबे समय से बीजेपी ने कांग्रेस का उतना नुकसान नहीं किया, जितना अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस का किया है, इस दौरान गुजरात, हरियाणा जैसे अनेक विधानसभा चुनाव आए, जब अरविंद केजरीवाल की पार्टी की मौजूदगी ने वोट-कटवा की भूमिका निभा कर कांग्रेस को किनारे पर डुबो दिया.
सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस नेतृत्व को अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी से ही चुनौती मिलती रही है, जबकि पिछले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उदासीन नहीं रही होती तो ममता बनर्जी की वापसी मुश्किल थी.
ताजा, हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने कांग्रेस को हराने और बीजेपी को जिताने में अप्रत्यक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
लेकिन.... कांग्रेस के लिए इतना काफी नहीं है, यह समझ लेना चाहिए कि नरेंद्र मोदी केवल मुखौटा हैं, असली ताकत तो संघ की है, इसलिए कांग्रेस को संगठन पर ताकत लगाने की जरूरत है, क्योंकि इस वक्त तो कांग्रेस आत्ममुग्ध नेताओं की भीड़ है, समर्पित कार्यकर्ताओं का बड़ा अभाव है और यह भी जान लेना चाहिए कि.... संघ की ताकत पिछले पचास सालों की मेहनत का नतीजा है, केवल बयानबाजी से बीजेपी से मुकाबला नहीं किया जा सकता है!