सैफ अली मामला: मैच नहीं हुए आरोपी के फिंगरप्रिंट, पुलिस ने घर से एकत्र किए थे सैंपल

सैफ अली मामला: मैच नहीं हुए आरोपी के फिंगरप्रिंट

प्रेषित समय :15:25:33 PM / Sun, Jan 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

मुम्बई. फिल्म स्टार सैफ अली खान पर हमले के आरोप में जिस शरीफुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया है. सीआईडी की प्रारंभिक जांच में उसके आरोपी न होने के फैक्ट सामने आए हैं. सैफ के घर से इक_ा किए गए 19 फिंगरप्रिंट आरोपी शरीफुल के फिंगरप्रिंट से मेल नहीं खा रहे हैं. 19 जनवरी को शरीफुल इस्लाम को सैफ पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था.

खबर है कि मुंबई पुलिस ने सैफ अली के घर से फिंगरप्रिंट्स व बल्ड सैंपल कलेक्ट किए थे. जिसे जांच के लिए सीआईडी के फिंगरप्रिंट ब्यूरो भेजा था. जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने पर मुंबई पुलिस ने आगे की जांच के लिए और सैंपल भेजे हैं. इससे पहले खबर आई थी कि पुलिस को आशंका है कि सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले में एक से ज्यादा आरोपी शामिल हो सकते हैं.

सैफ अली खान ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि 15 जनवरी की देर रात वे और उनकी पत्नी करीना कपूर 11वीं मंजिल पर अपने बेडरूम में थे, उस वक्त उन्होंने अपनी नर्स एलियामा फिलिप की चीखें सुनीं. वे जहांगीर के कमरे की ओर भागे जहां एलियामा फिलिप भी सोती थीं. वहां उन्होंने एक अजनबी को देखा, जहांगीर भी रो रहा था. सैफ ने बताया कि उन्होंने अनजान शख्स को पकड़ लिया. इसके बाद उसने हमला कर दिया, जिससे सैफ घायल हो गए. इसके बाद हमलावार धक्का देकर भाग गया.

एक्टर सैफ अली खान को पांच जगहों पर चाकू घोंपा गया था. उनको पीठ, कलाई, गर्दन, कंधे व कोहनी पर चोटें लगी थीं. उन्हें उनके दोस्त अफसर जैदी ने ऑटो रिक्शा में मुंबई के लीलावती अस्पताल पहुंचाया था. सैफ की मेडिकल रिपोर्ट से यह पता चला है. रिपोर्ट में कहा गया है चोटों का आकार 0.5 सेंटीमीटर से लेकर 15 सेमी तक है. हमले की रात सैफ के दोस्त अफसर जैदी उन्हें सुबह 4.11 बजे लीलावती अस्पताल ले गए और औपचारिकताएं पूरी कीं. वहीं दूसरी ओर मुंबई पुलिस ने इस मामले में आरोपी शरीफुल इस्लाम को कोर्ट में पेश किया.

अदालत ने उसे 29 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया. पुलिस को आशंका है कि सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले में एक से ज्यादा आरोपी शामिल हो सकते हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मामले में पर्याप्त प्रगति हुई है. अपराध गंभीर है और सेशन कोर्ट में है. आरोपी की बेगुनाही का पता लगाने के लिए भी ऐसी जांच जरूरी है. पुलिस को पहले ही 5 दिन की रिमांड मिल चुकी है. गवाहों के बयान भी पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं. पुलिस जूते बरामद करने की बात भी कह रही है, जबकि आरोपी के घर से पहले ही सब कुछ ले लिया गया है. सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के पास है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-