स्वप्न से परेशान लोगो के लिए यह एक अकाट्य उपाय है की आप समय पर सोएं और आप समय पर उठें....
सोने और उठने का भी एक काल निश्चित है यदि आप उस काल के अनुरुप नहीं सोयेंगे और उठेंगे तो फिर आप तामसिक शक्तियों के संपर्क में आ ही जायेंगे और अधिकतर दुस्वप्न आदि समयानुसार देर से सोने वाले और देर से उठने वाले लोगों को ही अधिक आते हैं.....
खैर स्वप्न तो सभी कों आते हैं परंतु अपने अपने स्वप्न सभी को याद नहीं रहते, हमें ज्यादातर वही स्वप्न याद रहते हैं जो की या तो हमारी भावनाओं से जुड़े होते हैं या फिर जो हमें भयभीत करते हो....
कहने का अर्थ है की केवल कुछ विशेष अवस्था के स्वप्न ही हमें याद रहते हैं परन्तु जिन्हे प्रतिदिन ही दिन रात आँख लगते ही दु स्वप्न आने लगें फिर यह शुभ संकेत नहीं.....
स्वप्न भी अन्य लोको का एक प्रकार का विचरण ही हैं यह जीवत्मा से सम्बंधित दृष्टिकोण है यदि आप निशाचरी काल में निद्रा कों ग्रहण करेंगे तो फिर आपको दुस्वप्न आदि आएंगे ही आएंगी क्यूंकि ऐसी स्थिति में उस काल में विचरण करने वाली शक्तियों का आप पर प्रभाव पड़ जाता है....
इसलिए सदैव समय से सोयें और समय से उठे एवं पूरी नींद लें 10:00 -10:30 तक आप सो जायें और सुबह 5 के आस पास आप उठ जायें, वंही अगर आप दिन में भी आराम करते हैं तो उसके लिए 1-3 के बीच का समय उत्तम है आपका दिन भी अच्छा जाएगा और आपको दुस्वप्न आदि से भी निजात भी लगभग मिल ही जाएगी.....
यदि इतने से भी आपके स्वपनो में परिवर्तन नहीं होता तो फिर ऐसी स्थिति में ध्यान और प्रयाणाम करें शिव की आराधना करें, शुद्ध एवं सात्विक अवस्था में सोएं, तकिया बिस्तर सिरहाना आदि शुद्ध हो एवं सोते समय सिराहाने पर एक स्टील के लोटे में इतर मीठा शहद और पुष्प रखकर सोएं एवं सुबह होते ही उस जल कों पश्चिम या दक्षिण दिशा में छोड़ आयें यह प्रतिदिन करके सो जायें आपको लाभ होगा.