पलपल संवाददाता, मंदसौर. एमपी के मंदसौर स्थित ग्राम लसूडिय़ा में बदमश ने अफीम के लिए वृद्धा चंद्र कुंवर की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी. हत्या के बाद आरोपी घर में रखी करीब 14 लाख रुपए की अफीम लेकर भाग गया. वृद्धा की हत्या का खुलासा आज उस वक्त हुआ है जब बटाईदार घर पहुंचा. वृद्धा चंद्र कुंवर की हत्या की खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए, जिन्होने पूछताछ आरोपी की तलाश शुरु कर दी है.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार लसूडिय़ा गांव में रहने वाली वृद्धा चंद्र कुंवर उम्र 70 वर्ष के पास आधा बीघा जमीन का अफीम का पट्टा रहा. उक्त जमीन को वृद्धा ने गांव के प्रहलाद प्रजापत बटाई पर लिदया था. वहीं वृद्धा अपने दोनों दो बेटे बलवंत सिंह व महेंद्र सिंह के साथ राजस्थान के निम्बाहेड़ा में रहती है. चंद्रकुंवर अफीम के सीजन होने के कारण करीब डेढ़ माह पहले गांव आई थी. जब वे घर में रही इस दौरान अज्ञात बदमाश ने घुसकर धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी. आज सुबह जब बटाईदार प्रहलाद प्रजापत गोदाम की तारीख बताने आया घर आया और कमरे के अंदर झांककर देखा तो घबरा गया. वृद्धा खून से लथपथ मृत हालत में पड़ी है. प्रहलाद ने तत्काल पुलिस अधिकारियों को घटना की जानकारी दी, उस वक्त तक आसपास के लोग भी एकत्र हो गए. मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए शासकीय अस्पताल पहुंचाकर पूछताछ की तो पता चला कि घर में रखी 14 लाख रुपए की सात किलो अफीम गायब है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि संभवत: अफीम के लिए ही वृद्धा की हत्या की गई है. गौरतलब है कि दुनिया भर में प्रतिबंधित अफीम की सबसे ज्यादा खेती मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में होती है. फरवरी के दूसरे पखवाड़े से ही अफीम के डोडे से दूध निकालने का काम यहां शुरू हो जाता है. जहां-जहां किसानों को अफीम की खेती करने का पट्टा मिला है. वहां सड़क तक इसकी भीनी-भीनी खुशबू आती है. सफेद फूलों के ऊपर हरे रंग के डोडे से निकलने वाला दूध ही अफीम होता है. शाम ढलने से पहले किसान डोडे पर चीरा लगाते हैं, रात भर इससे दूध रिसता है और अगले दिन धूप तेज होने से पहले इस गाढ़े दूध को खरोंचकर निकाला जाता है. फिर इसी से मॉर्फिन तैयार होती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी: कांग्रेस ने 9 जिला अध्यक्ष नियुक्त किए, जबलपुर शहर की जिम्मेदारी सौरभ नाटी शर्मा को मिली..!
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