फिल्म ब्लडी डैडी का निर्देशन अली अब्बास जफर ने किया है। ब्लडी डैडी 9 जून को जियो सिनेमा पर आ गई है। फिल्म में रोनित रॉय, राजीव खंडेलवाल, डायना पेंटी और संजय कपूर भी नजर आए हैं। शाहिद का किरदार फिल्म के नाम से पूरा मेल खाता है। वह ब्लडी भी हैं और डैडी भी। उन्होंने हर भाव को बखूबी पकड़ा और कायदे से पर्दे पर उतारा। एक बेबस, हिंसक और क्रूर पिता के रूप में वह खूब जमे। उनकी आक्रामकता, चपलता, जूनुन और अतरंगीपना देखते ही बनता है।
कहानी- फिल्म में शाहिद (सुमेर) एक अंडरकवर एजेंट है। वह उसके लिए किसी भी हद तक जा सकता है। एक बाप-बेटे का रिश्ता कितना खास होता है, फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है। हालांकि, उनके संबंधों पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया है। सुमेर अपने दोस्त (जीशान सिद्दीकी) संग ड्रग्स ले जा रही एक कार का पीछा करते हुए कोकेन से भरा बैग अपने कब्जे में लेता है, जो ड्रग्स का धंधा करने वाले सिकंदर (रोनित रॉय) का होता है। सुमेर की जिंदगी तब थम जाती है, जब उस बैग को वापस लाने के लिए सिकंदर उसके बेटे का अपहरण कर लेता है। अब सुमेर अपने बेटे को बचाने के लिए क्या-क्या पैंतरे अपनाता है, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है, एक्शन कोरियोग्राफी की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। एक्शन ही फिल्म में आकर्षण का केंद्र है। फिल्म में शाहिद किलिंग मशीन बन जिस तरह से गुंडों को हवा में उछाल रहे हैं, वो देखते ही बनता है। क्लाइमैक्स के बीच में बुना गया बादशाह का गाना सुनने में बढिय़ा लगता है। संजय के पास करने के लिए कुछ खास था नहीं या यूं कह लें कि उनका फिल्म में ढंग से इस्तेमाल नहीं हुआ। डायना पेंटी ने कुछ कमाल नहीं किया, जिसके लिए उनकी तारीफ की जाए। जीशान कादरी ठीक-ठाक लगे। हालांकि, शाहिद के आसपास खड़ी की गई दुनिया में राजीव खंडेलवाल का स्वाभाविक अभिनय याद रह जाता है, वहीं रोनित रॉय को देख लगता है मानों वह असल में ड्रग माफिया हों। उन्होंने शाहिद को पूरी टक्कर दी।
शाहिद ने इससे पहले भी ओटीटी पर धमाल मचाया है। उनकी पहली वेब सीरीज फर्जी अमेजन प्राइम वीडियो पर आई थी, जिसे सभी ने दिल खोलकर प्यार दिया। अब ब्लडी डैडी में अतरंगी अंदाज में दिखे शाहिद फिर अपनी जिम्मेदारी पर पूरे खरे उतरे हैं।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-