झारखंड के सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा, राज्य में वरीय न्यायिक सेवा नियुक्तियों में आरक्षण हो

झारखंड के सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा, राज्य में वरीय न्यायिक सेवा नियुक्तियों में आरक्षण हो

प्रेषित समय :20:42:34 PM / Thu, May 25th, 2023

रांची. झारखंड के सीएम हेमन्त सोरेन ने राज्य में वरीय न्यायिक सेवा में नियुक्तियों में आरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस सेवा में आदिवासी समुदाय की नगण्य उपस्थिति चिंता का विषय है. उन्होने कहा कि 3000 से अधिक उपक्रम जिनमें से कई गरीब आदिवासी दलित व समाज के कमजोर वर्गों के सदस्य हैं. पांच साल से अधिक समय से छोटे अपराधों के लिए राज्य की जेलों में बंद हैं और कहा कि इससे निपटने के लिए एक प्रणाली तैयार की जानी चाहिए.

सीएम श्री सोरेन ने आगे कहा कि झारखंड जैसे राज्य में उच्च न्यायिक सेवाओं में जनजातीय समुदाय की नगण्य उपस्थिति चिंता का विषय है. इस सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति इसी सेवा से होती है. इसलिए उच्च न्यायालय में भी वही पद होता है. इसलिए मैं चाहूंगा कि आदिवासी बहुल राज्य में वरिष्ठ न्यायिक सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का प्रावधान किया जाए. वे झारखंड उच्च न्यायालय के नवनिर्मित भवन एवं परिसर के उद्घाटन समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और अन्य की उपस्थिति बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों व गरीबों को सरल, सुलभ, सस्ता और त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में उच्च न्यायालय मील का पत्थर साबित होगा. सोरेन ने कहा मैं चाहूंगा कि इस आदिवासी बहुल राज्य में वरीय न्याय सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण का प्रावधान किया जाए. हेमंत ने कहा गत वर्ष 26 नवंबर 2022 को संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति महोदया ने पूरे देश की जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की बढ़ती संख्या पर अपनी चिंता जतायी थी.  झारखंड में भी छोटे-छोटे अपराधों के लिए बड़ी संख्या में गरीब आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक एवं कमजोर वर्ग के लोग जेलों में कैद हैं. इस पर गंभीर मंथन की जरूरत है. उन्होंने केंद्र से उच्च न्यायालयों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना को लागू करने का भी आग्रह किया. उन्होने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने जमीन की कीमत सहित झारखंड उच्च न्यायालय पर 1000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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