प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कायम है जलवा, जी-7 शिखर सम्मेलन में लोकप्रियता के मामले में टॉप पर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कायम है जलवा, जी-7 शिखर सम्मेलन में लोकप्रियता के मामले में टॉप पर

प्रेषित समय :09:21:21 AM / Sun, May 21st, 2023

नई दिल्ली. जापान में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता किसी भी अन्य नेता के मुकाबले कहीं अधिक है. एक सर्वे की मानें, तो सिर्फ चार देशों के शीर्ष नेताओं की अनुमोदन रेटिंग ही 50 प्रतिशत से अधिक है और उनमें भी भारत के पीएम नरेंद्र मोदी सबसे ऊपर हैं, जिनकी रेटिंग 78 फीसद है. अन्य तीन नेताओं में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बेर्सेट और मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर के नाम शामिल हैं.

दरअसल, अमेरिकी फर्म मॉर्निंग कंसल्ट ने हाल ही में एक सर्वे किया था, जिसके अंतर्गत 22 देश शामिल थे. सर्वे में यह सामने आया कि जापान के हिरोशिमा में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में इस बार लोकप्रिय नेताओं की तुलना में अलोकप्रिय नेताओं की संख्या ज्यादा है.

देश नेता अनुमोदन रेटिंग %

भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 78

स्विटजरलैंड राष्ट्रपति एलेन बेर्सेट 62

मेक्सिको राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल ओब्रेडोर 62

ऑस्ट्रेलिया पीएम एंथनी अल्बानीस 53

इटली प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी 49

अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन 42

कनाडा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 39

जर्मनी चांसलर ओलाफ शोल्ज 34

ब्रिटेन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक 33

जापान प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा 31

फ्रांस राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन 25

कंपनी ने 22 देशों में कराए गए अपने अनुमोदन रेटिंग के आधार पर यह दावा किया और ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन आदि देशों के शीर्ष नेताओं को अपने-अपने देशों में विभिन्न कारणों से जनता के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि सर्वे में इन देशों के नेता ना सिर्फ अलोकप्रिय बने, बल्कि इनकी अनुमोदन रेटिंग भी कम है.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत दुनिया की प्रमुख औद्योगिक शक्तियों के शीर्ष नेताओं को इन दिनों अपने देश की जनता का आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है. देश के लोग अपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यों से असंतुष्ट हैं. हर देश के नेता की छवि अलग-अलग कारणों से जनता के सामने फीकी पड़ रही है. सर्वे में यह बात भी निकलकर सामने कि अगर अभी ब्रिटेन मे चुनाव हुए, तो कंजर्वेटिव पार्टी के मुखिया ऋषि सुनक को लेबर पार्टी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ेगी. इसी तरह से, ट्रूडो की लिबरल पार्टी को कनाडा में कंजर्वेटिव पार्टी से हार का मुंह देखना पड़ेगा, जबकि जर्मन चांसलर शोल्ज की पार्टी भी जीतने में कामयाब नहीं हो सकेगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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