नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रम्ह्चारिणी रुप की पूजा

नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रम्ह्चारिणी रुप की पूजा

प्रेषित समय :21:01:03 PM / Wed, Mar 22nd, 2023

नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रम्ह्चारिणी रुप की पूजा होती है. 
इस रुप में देवी को समस्त विद्याओं का ज्ञाता माना गया है. देवी ब्रम्ह्चारिणी भवानी माँ जगदम्बा का दूसरा स्वरुप है. ब्रम्ह्चारिणी ब्रह्माण्ड की रचना करने वाली. ब्रह्माण्ड को जन्म देने के कारण ही देवी के दूसरे स्वरूप का नाम ब्रम्ह्चारिणी पड़ा. देवी के ब्रम्ह्चारिणी रूप में ब्रम्हा जी की शक्ति समाई हुई है. माना जाता है कि सृष्टि कि उत्पत्ति के समय ब्रम्हा जी ने मनुष्यों को जन्म दिया. समय बीतता रहा , लेकिन सृष्टि का विस्तार नहीं हो सका. ब्रम्हा जी भी अचम्भे में पड़ गए. देवताओं के सभी प्रयास व्यर्थ होने लगे. सारे देवता निराश हो उठें तब ब्रह्मा जी ने भगवान शंकर से पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है. भोले शंकर बोले कि बिना देवी शक्ति के सृष्टि का विस्तार संभव नहीं है. सृष्टि का विस्तार हो सके इसके लिए माँ जगदम्बा का आशीर्वाद लेना होगा ,उन्हें प्रसन्न करना होगा. देवता माँ भवानी के शरण में गए. तब देवी ने सृष्टि का विस्तार किया. उसके बाद से ही नारी शक्ति को माँ का स्थान मिला और गर्भ धारण करके शिशु जन्म कि नीव पड़ी. हर बच्चे में 16 गुण होते हैं और माता पिता के 42 गुण होते हैं. जिसमें से 36 गुण माता के माने जातें हैं.
ब्रह्मचारिणी देवी मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता. 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। 
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू. 
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
ब्रह्मचारिणी देवी ध्यान:
न्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्. 
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥ 
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम. 
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥ 
परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन. 
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
ब्रह्मचारिणी देवी स्तोत्र पाठ
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्. 
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥ 
शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी. 
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्॥

Koti Devi Devta

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

चैत्र नवरात्रि का सभी चारों नवरात्रों में विशेष महत्व, घट स्थापना-मुहूर्त एवं पूजन विधि

चैत्र नवरात्रि 2023 में खरीदारी करने के लिए शुभ मुहूर्त

नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती एवं अखंड रामायण पाठ करवाएगी योगी सरकार, मिलेंगे एक लाख रुपये

गुप्त नवरात्रि पर सिद्ध करें अमोघ राम रक्षा स्तोत्र

जनवरी से गुप्त नवरात्रि प्रांरभ, दस महाविद्याओ की साधना होगी

शाकंभरी नवरात्रि 30 दिसम्बर 2022 शुक्रवार से आरम्भ, पहला और अंतिम व्रत अवश्य करें

Leave a Reply