इंटरपोल ने वांटेड लिस्‍ट से हटाया भगोड़े मेहुल चोकसी का नाम, भारत ने जताया विरोध

इंटरपोल ने वांटेड लिस्‍ट से हटाया भगोड़े मेहुल चोकसी का नाम, भारत ने जताया विरोध

प्रेषित समय :09:29:57 AM / Tue, Mar 21st, 2023

दिल्‍ली. इंटरपोल ने वांटेड लिस्‍ट से पंजाब नेशनल बैंक से 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम हटा दिया है. उसका नाम दिसंबर 2018 में इंटरपोल के रेड नोटिस में जोड़ा गया था. मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि आखिरकार सच्चाई की जीत हुई है. उन्होंने कहा, कानूनी टीम के प्रयासों और मेरे मुवक्किल के अपहरण के वास्तविक दावे के कारण और अपहरण के इस प्रयास को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है. इंटरपोल द्वारा मेरे मुवक्किल के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को हटा दिया गया है.

गौरतलब है कि रेड कॉर्नर नोटिस को इंटरपोल जारी करता है जो 195-सदस्यीय देशों का मजबूत संगठन है. यह नोटिस इंटरपोल द्वारा दुनिया भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए लंबित व्यक्ति का पता लगाने और अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए जारी किए गए अलर्ट का हाईएस्‍ट फॉर्म है. इंटरपोल ने चोकसी के खिलाफ भारत से भागकर एंटीगुआ और बारबुडा में शरण लेने के लगभग 10 महीने बाद रेड नोटिस जारी किया था, जहां उसने नागरिकता ले ली थी. एक रिपोर्ट के अनुसार, इंटरपोल ने अपने आदेश में कहा है कि इस बात की एक विश्वसनीय संभावना है कि आवेदक ( मेहुल चोकसी) का एंटीगुआ से डोमिनिका में अपहरण का अंतिम उद्देश्य आवेदक को भारत भेजना था और उसे भारत लौटने पर सही न्‍याय मिलने में जोखिम का सामना करना पड़ सकता है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत सरकार ने इंटरपोल की वांटेड लिस्‍ट से चोकसी का नाम हटाने का जोरदार विरोध किया है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय संगठन इंटरपोल, मेहुल चोकसी के आरोपों पर प्रथम दृष्‍टया आश्वस्त नहीं था. चोकसी ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंसियों ने उसका अपहरण करने का प्रयास किया. इंटरपोल की कार्यवाही से परिचित लोगों ने कहा कि चोकसी ने पिछले साल इंटरपोल से संपर्क किया था और उसने भारतीय एजेंसियों पर अपहरण का आरोप लगाया था और रेड नोटिस की समीक्षा का आग्रह किया था.

एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वांटेड लिस्‍ट से नाम हटाने का सीधा मतलब है कि अब चोकसी एंटीगुआ और बारबुडा से भाग सकता है, यहां प्रत्यर्पण की कार्यवाही एक महत्वपूर्ण चरण में है. गौरतलब है कि सीबीआई ने घोटाले में चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी दोनों के खिलाफ अलग-अलग आरोपपत्र दाखिल किया है. एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था कि चोकसी ने 7,080.86 करोड़ रुपये की ठगी की, जिससे यह देश में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक बन गया. नीरव मोदी ने कथित तौर पर 6,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की. चोकसी की कंपनियों को 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त ऋण चूक भी सीबीआई के तहत जांच का विषय है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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