चुनाव आयोग ने ठुकराई सीएम सोरेन की मांग, गर्वनर को भेजी सलाह सार्वजनिक करने से किया इंकार

चुनाव आयोग ने ठुकराई सीएम सोरेन की मांग, गर्वनर को भेजी सलाह सार्वजनिक करने से किया इंकार

प्रेषित समय :14:31:00 PM / Sat, Sep 24th, 2022

रांची. चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी सदस्यता के मामले में गवर्नर को भेजी गई सलाह की एक कॉपी मांगी थी. हेमंत सोरेन के वकील द्वारा भेजे गए आवेदन को चुनाव आयोग ने यह कहते हुए खारिज किया कि गवर्नर और आयोग के बीच का यह मामला संविधान की धारा 192 (2) के तहत विशेषाधिकार से जुड़ा हुआ है. जब तक इस मामले में संबंधित गवर्नर द्वारा कोई आर्डर जारी नहीं कर दिया जाता, तब तक इसका खुलासा संवैधानिक औचित्य का उल्लंघन माना जाएगा.

सीएम सोरेन को भेजे अपने जवाब में चुनाव आयोग ने यह भी लिखा है कि संविधान की धारा 192 (2) के तहत किसी गवर्नर से हुए पत्राचार का मामला सूचना के अधिकार के दायरे में भी नहीं आता है, जब तक कि इसमें गवर्नर द्वारा फाइनल ऑर्डर पास नहीं कर दिया जाए.

चुनाव आयोग ने इस मामले में मणिपुर असेंबली से 12 भाजपा विधायकों की अयोग्यता के मामले का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में डीडी थाईसी वर्सेस इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया केस में भी इसी तरीके का मामला सामने आया था. उस वक्त भी आयोग ने कोर्ट को यही जानकारी दी थी कि यह मामला संविधान की धारा 192 (2) के तहत विशेषाधिकार से जुड़ा हुआ है और सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस मामले में आयोग की दलील को सही ठहराया था .

गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम रांची के अनगड़ा क्षेत्र में एक खनन लीज पट्टा अपने नाम करवाने का आरोप है. इसी से जुड़े मामले में चुनाव आयोग ने 25 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता मामले पर अपनी सलाह सील लिफाफे में झारखंड के गवर्नर रमेश बैस को भेजी थी.

हालांकि कई दिन बीतने के बावजूद राजभवन की तरफ से फैसले से संबंधित निर्णय सार्वजनिक नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ-साथ यूपीए गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर जल्द फैसले को सार्वजनिक करने का आग्रह करते हुए ज्ञापन सौंपा था, बावजूद इसके आज भी राजभवन इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है.

वहीं मुख्यमंत्री सोरेन ने भी अपने वकील के माध्यम से 15 सितंबर 2022 को चुनाव आयोग में एक आवेदन दाखिल किया था. साथ ही कहा गया था कि चुनाव आयोग द्वारा झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को भेजी गई सलाह की एक कॉपी हेमंत सोरेन को भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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