जिन लोगों को नहीं पता अपने पूर्वजों का मृत्यु तिथि वह लोग सर्व पितृ अमावस्या पर कर सकते

जिन लोगों को नहीं पता अपने पूर्वजों का मृत्यु तिथि वह लोग सर्व पितृ अमावस्या पर कर सकते

प्रेषित समय :19:59:27 PM / Fri, Sep 23rd, 2022

किसी कारणवश आप अपने मृत परिजनों का श्राद्ध उनकी मृत्यु तिथि पर न कर पाएं तो सर्व पितृ अमावस्या पर उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण आदि कर्म कर सकते हैं.यह श्राद्ध पक्ष की अंतिम तिथि होती है. धर्म ग्रंथों के अनुसार इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है.
इस बार सर्व पितृ अमावस्या 25 सितंबर रविवार को है. अगर आपने तिथि के अनुसार पितरों का श्राद्ध किया भी हो तो इस दिन भी श्राद्ध करना चाहिए.
अमावस्या पितरों की विदाई और श्राद्ध करने का दिन होता है.
ऐसे में इस दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दक्षिणा देकर उन्हें विदा करना चाहिए.
ब्राह्मणों को भोजन कराने के साथ इस तिथि पर गाय,श्वान और कौए को भोजन अवश्य कराना चाहिए, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होंगे.
सर्व पितृ अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. ये साल आने वाली 12 अमावस्या तिथियों में सबसे खास होती है.
इस तिथि पर पितरों के लिए जल दान, श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से वे पूरी तरह तृप्त हो जाते हैं.
इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं. ये दोनों ग्रह पितरों से संबंधित हैं.
इस तिथि पर पितृ पुनः अपने लोक में चले जाते हैं साथ ही वे अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
पितृ अमावस्या से एक दिन पहले ही सभी घर के सदस्यों को सात्विक भोजन करना चाहिए और तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए. साथ ही रतिक्रिया से भी दूर रहना चाहिए.
सर्वपितृ अमावस्या को पितरों को प्रसन्न करने के लिए गाय को हरी पालक खिलाना चाहिए. कहा जाता है पितृपक्ष में गाय को चारा और भोजन देने से विशेष फल मिलता है.
पीपल के पेड़ की पूजा
सर्वपितृ अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है.
इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं. इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं.
धर्म एक जानकारों के मुताबिक पीपल में देवताओं के साथ-साथ पूर्वज भी निवास करते हैं. इसलिए श्राद्ध पक्ष में पीपल का वृक्ष विशेष रूप से लगाना चाहिए.
जिन लोगों की कुंडली में पित्र दोष है उनको इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
ॐ पितृ देवतायै नम:- 108 बार

शक्ति उपासक----आचार्य पटवाल
Shakti-Upasak Acharya Patwal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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