आज का दिन: रविवार, 18 सितंबर 2022, संतान की सकुशलता के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत

आज का दिन: रविवार, 18 सितंबर 2022, संतान की सकुशलता के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत

प्रेषित समय :19:52:00 PM / Sat, Sep 17th, 2022

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी को किया जाने वाला  व्रत है...जीवित्पुत्रिका व्रत. 
* यह व्रत संतान की दीर्घायु और सकुशलता की मनोकामना के लिए महिलाओं द्वारा किया जाता है. 

जीवित्पुत्रिका व्रत मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 17, 2022 को 02:14 पी एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त - सितम्बर 18, 2022 को 04:32 पी एम बजे

* महिलाएं प्रात:काल पवित्रस्नान के बाद व्रत संकल्प लेती हैं, संपूर्ण दिवस निर्जला रहकर जीवित्पुत्रिका व्रत करती हैं और व्रतकथा सुनती हैं. 
* यह व्रत अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग नामों- जीतिया, जीउतिया, जिमूतवाहन व्रत आदि, से पुकारा जाता है. 
* विभिन्न क्षेत्रों में इस व्रत की विविध कथाएं हैं जिनका उद्देश्य व्रत का महत्व बताना है. एक कथा इस प्रकार है...
* प्राचीन समय में उदार और परोपकारी जीमूतवाहन गन्धर्व राजकुमार थे जिन्हें अल्पायु में ही राज्य का सिंहासन प्राप्त हो गया था, लेकिन उन्हें वह स्वीकार नहीं था. 
* वे राज्य का कार्यभार अपने भाइयों पर छोड़कर स्वयं वन में पिताश्री की सेवा करने चले गए.
* वहां मलयवती राजकन्या से उनका शुभ विवाह हो गया.
* एक दिन वन में भ्रमण के दौरान जीमूतवाहन ने देखा कि एक वृद्ध औरत विलाप कर रही है. 
* जीमूतवाहन ने वृद्धा की इस परेशानी का कारण पूछा.
* वृद्धा ने रोते हुए बताया कि- मैं नागवंश की औरत हूं और मेरा एक ही पुत्र है. 
* नागवंश ने पक्षीराज गरुड़ के समक्ष प्रतिदिन भक्षण के लिए एक नाग संतान सौंपने की सहमति दी हुई है, जिसके अनुसार आज मेरी ही संतान शंखचूड़ का दिन है. 
* यदि मेरी इकलौती संतान नहीं रही तो मैं किसके सहारे अपना जीवन गुजारूंगी?
* वृद्धा का दर्द सुनकर जीमूतवाहन का दिल भर आया ओर उसने कहा कि- हे माता! तुम्हारी संतान की जगह मैं स्वयं को समर्पित करूंगा.
* अपने वचन के अनुसार जीमूतवाहन ने शंखचूड़ से रक्त वस्त्र ले लिया और उसे लपेटकर गरुड़ के समक्ष प्रस्तुत हो गया.
* पक्षीराज गरुड़ रक्त वस्त्र में ढके जीमूतवाहन को अपने पंजे में दबा कर अपने निवास पर्वत पर ले गया.
* इस बार पक्षीराज गरुड़ की मजबूत पकड़ के दर्द से अप्रभावित प्राणी ने उसे आश्चर्य में डाल दिया और उसने पूछा-  सच सच बताओ तुम कौन हो?
* जीमूतवाहन ने सारा घटनाक्रम पक्षीराज गरुड़ को सुनाया तो वे इस त्याग से बड़े प्रसन्न हुए और उसने जीमूतवाहन को जीवनदान देते हुए कहा कि वह भविष्य में नागवंश की बलि नहीं लेगा.
* इस तरह जीमूतवाहन के साहस से नागवंश की रक्षा हुई. 
* इसी कारण से संतान की सुरक्षा के लिए यह व्रत और पूजा की जाती है. 
* कहते हैं...कैलाश पर्वत पर भगवान भोलेनाथ जब माता पार्वती को यह कथा सुना रहे थे तब उन्होंने कहा कि- इस अष्टमी के दिन व्रत रखकर जो महिला प्रदोषकाल में जीमूतवाहन की पूजा-व्रत करती है वह संतान का संपूर्ण सुख प्राप्त करती है.
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज आपके मन में कई विचार हावी होंगे. एक से अधिक कार्यों को हाथ में न लें. काम के प्रति अरुचि रहेगी. आवश्यकता से अधिक काम के कारण शारीरिक और मानसिक थकान का अनुभव होगा. सुबह से सायंकाल तक कोई भी काम पूरा नहीं होगा. हालांकि, कई अधूरे कामों के कारण सामाजिक प्रसंग में भी आप पर्याप्त ध्यान नहीं दे सकेंगे.

वृष राशि:- आज मानसिक अशांति रहेगी. अशुभ समाचार मिल सकता है. भावुकता की मात्रा अधिक रहेगी व भविष्य को लेकर चितिंत रहेंगे. कामकाज में रूकावटें होंगी और मेहनत का उचित फल नहीं मिलेगा. कोई नया काम करने या बाहर जाने का निश्चय किया हो तो वह अधुरा रह सकता है. इस समय ध्यान, आध्यात्मिकता बढ़ाकर आंतरिक शक्ति और ऊर्जा बढ़ाये.

मिथुन राशि:- आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा और नौकरी में प्रमोशन के योग बन रहे हैं. आपको आज उच्च अधिकारियों से सहयोग मिलेगा. परिवार में उत्सव और उल्लास का माहौल रहेगा व मन की भावनात्मकता में वृद्धि होगी. मां की ओर से लाभ होगा और विवाह का सुख भी प्राप्त हो सकता है.

कर्क राशि:- आज  ऑफिस एवं व्यवसाय क्षेत्र में परिस्थितियां अनुकूल रहेगी. किसी आवश्यक कार्य के लिए बाहर जाने का अवसर मिल सकता है. खान-पान एवं घूमने-फिरने के दौरान विशेष ध्यान रखें. आकस्मिक खर्च के योग बन रहे हैं. घुटनों का दर्द हो सकता है. क्रोध से दूर रहिये.

सिंह राशि:- आज का दिन लाभप्रद है. सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे और मान- सम्मान में वृद्धि होगी. मध्याह्न के बाद घर का वातावरण तनावपूर्ण रह सकता है. शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, इसलिए आवेशपूर्ण मन पर संयम रखें. धन का अधिक खर्च न हो इसका ख्याल रखें.

कन्या राशि:- आज का दिन सब प्रकार से आपके लिए लाभदायी है. आप कोई परोपकार का कार्य करेंगे. व्यापार में उचित आयोजन के द्वारा व्यापार-वृद्धि होगी. व्यापार से सम्बंधित प्रवास का योग बन रहा है. पिता और बड़ों से आशीर्वाद व लाभ मिलेगा. आय में वृद्धि होगी।।

तुला राशि:- आज आप आध्यात्मिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे. गहन चिंतनशक्ति इस कार्य में आपकी सहायता करेगी.  शत्रुओं से संभलकर चलें. आज नए कार्य का प्रारंभ न करें. अचानक धन लाभ के योग बन रहे हैं.

वृश्चिक राशि:- आज आपके व्यापार में वृद्धि होने की संभावना है. सामाजिक क्षेत्र में सफलता और यश-कीर्ति प्राप्त होगा.  आज आपको धन लाभ होने की भी संभावना है.

धनु राशि:- आज के दिन मनोरंजन तथा आनंद-प्रमोद में व्यस्त रहेंगे. मित्रों तथा परिवार के साथ खुशनुमा वातावरण रहेगा. समाज में सम्मान और यश भी बढ़ेगा और दांपत्य जीवन सुखमय होगा.

मकर राशि:- आज का दिन आपके लिए आनंददायक होगा व परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा. आवश्यक कार्यों में धन खर्च होगा, फिर भी आर्थिक लाभ के लिए दिन अच्छा है. नौकरी करने वालों के लिए कार्यालय में आज वातावरण अनुकूल मिलेगा.

कुम्भ राशि:- आज धार्मिक यात्रा के योग बन रहे हैं. नए कार्य का प्रारंभ होंगे. विदेश से शुभ समाचार मिल सकते हैं. पूंजी-निवेश करनेवालों के लिए समय लाभदायक होगा. मध्याहन के बाद आप पर भावना हावी होगी. स्वास्थ्य का ख्याल रखें. संपत्ति से सम्बंधित कार्यों के लिए आज का दिन उचित नहीं है.

मीन राशि:- आज आप किसी भी प्रकार की निर्णयात्मक स्थिति पर नहीं पहुंच पाएंगे इसलिए नए कार्य प्रारंभ न करें. आज मौन रहें तो ही बुद्धिमानी है, नहीं तो किसी से मनमुटाव हो सकता है. शारीरिक और मानसिक रूप से स्वास्थ्य ठीक रहेगा. घर के अन्य सदस्यों के साथ बैठकर महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेंगे. पूंजी-निवेश करना आज आप के हित में होगा.
  *आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453 
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.- 
 - रविवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा                रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- उद्वेग                           पहला- शुभ
दूसरा- चर                            दूसरा- अमृत
तीसरा- लाभ                          तीसरा- चर
चौथा- अमृत                         चौथा- रोग
पांचवां- काल                        पांचवां- काल
छठा- शुभ                             छठा- लाभ
सातवां- रोग                         सातवां- उद्वेग
आठवां- उद्वेग                        आठवां- शुभ
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है. 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 

पंचांग  
रविवार, 18 सितंबर 2022
जीवित्पुत्रिका व्रत
शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते2
मास आश्विन
दिन काल12:16:03
तिथि अष्टमी - 16:35:19 तक
नक्षत्र मृगशिरा - 15:11:23 तक
करण कौलव - 16:35:19 तक, तैतिल - 29:49:21 तक
पक्ष कृष्ण
योग सिद्धि - 06:32:31 तक
सूर्योदय 06:07:10
सूर्यास्त 18:23:13
चन्द्र राशि मिथुन
चन्द्रोदय 23:48:00
चन्द्रास्त 13:35:59
ऋतु शरद
अभिजित मुहूर्त 11:40 ए एम से 12:29 पी एम
अग्निवास आकाश - 04:32 पी एम तक , पाताल
दिशा शूल पश्चिम
चन्द्र वास पश्चिम
राहु वास उत्तर
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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