नीच राशि कन्या में शुक्र ने गोचर कर सूर्य-बुध के साथ बनाई त्रियुति, इन चार राशियों के अब बदलेंगे दिन

नीच राशि कन्या में शुक्र ने गोचर कर सूर्य-बुध के साथ बनाई त्रियुति, इन चार राशियों के अब बदलेंगे दिन

प्रेषित समय :21:43:29 PM / Fri, Sep 16th, 2022

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है. जो व्यक्ति को ज्यादातर अच्छे फल ही देने का कार्य करते हैं. इनकी कृपा से ही व्यक्ति जीवन में सभी प्रकार की कलाओं, सुखों, सौंदर्य, प्रेम, यश, भोग-विलास आदि प्राप्त करने में सक्षम रहता है. इसलिए इसका महत्व समस्त जातकों के जीवन में अधिक देखने को मिलता है. 

जब भी कोई ज्योतिष विशेषज्ञ किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रेम और सुख-सुविधाओं का आकलन करता है, तो वो कुंडली में शुक्र की स्थिति का ही सबसे पहले निर्धारण करता है. क्योंकि यदि किसी कुंडली में शुक्र की स्थिति बलवान व शुभ हो तो उस जातक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है. साथ ही ऐसे लोग अपने जीवन में कभी भी प्रेम से वंचित नहीं रहते. शुक्र की ये अनुकूल स्थिति व्यक्ति को सभी प्रकार की कलाओं, अभिनय, गायन, काव्य, चित्रकला अथवा संगीत में पारंगत बनाती है और वो व्यक्ति अपने जीवन में इन कलाओं के माध्यम से अच्छी सुख-सुविधा प्राप्त करता है. 

भोर का तारा कहे जाने वाले शुक्र ग्रह को वृषभ और तुला राशि का स्वामी माना जाता है. वहीं समस्त 27 नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वाफाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा शुक्र के ही आधिपत्य वाले नक्षत्र होते हैं. इसके अलावा मीन राशि में ये उच्च के तो कन्या राशि में ये नीच के होते हैं. जबकि तुला इनकी मूल त्रिकोण राशि कहलाती है. ग्रहों में से बुध और शनि से उनकी मित्रता का भाव होता है, जबकि सूर्य और चंद्र इनके शत्रु माने गए हैं. 

शुक्र ग्रह का कुंडली पर प्रभाव
शुक्र ग्रह को सुख व सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है. जिसकी कुंडली में अनुकूलता मात्र से ही व्यक्ति का रंग-रूप सुंदर और आकर्षित बनता है. काल पुरुष की कुंडली में ये द्वितीय तथा सप्तम भाव पर अपना आधिपत्य रखते हैं, जो धन व विवाह के भाव होते हैं. इसलिए शुक्र की स्थिति हर व्यक्ति के जीवन में इन दोनों क्षेत्रों पर अत्यंत प्रभाव डालने में सक्षम होती है. किसी व्यक्ति के जीवन में विवाह व आर्थिक जीवन से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए शुक्र की स्थिति का ही ज्ञात किया जाता है. क्योंकि यदि कुंडली में शुक्र बलवान होते हैं तो वह जातक जीवन भर सुख व धन-धान्य से भरपूर रहता है. साथ ही उनका वैवाहिक जीवन भी सुख-शांति से व्यतीत होता है. जबकि कुंडली में शुक्र का निर्बल होना व्यक्ति को इन सभी फलों से वंचित कर सकता है. इसलिए अपनी कुंडली में शुक्र के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए आपको ज्योतिषी सलाह के बाद शुक्र ग्रह की शांति के लिए कारगर उपाय करने चाहिए. 

कन्या में शुक्र के गोचर काल की अवधि 
अब व्यक्ति को जीवन में भौतिक व सांसारिक सुख प्रदान करने वाले शुक्र देव शनिवार 24 सितंबर 2022 को रात 8 बजकर 51 मिनट पर अपनी अस्त अवस्था से निकलते हुए अपने मित्र ग्रह बुध की राशि कन्या में प्रवेश करेंगे. इस स्थिति में शुक्र 18 अक्टूबर तक रहेंगे और फिर उसके बाद अपनी स्वराशि तुला में पुनः गोचर कर जाएंगे. 

ज्योतिषचार्यों के अनुसार कन्या न केवल शुक्र के मित्र ग्रह बुध की राशि है, बल्कि कन्या शुक्र की नीच राशि भी कहलाती है. ऐसे में अपनी नीच राशि में शुक्र का ये गोचर निश्चित रूप से ही देश-दुनिया के साथ-साथ समस्त मनुष्यों पर भी अपना प्रभाव दिखाएगा. 
शुक्र के कन्या में गोचर का प्रभाव 

शुक्र बनाएंगे कन्या में सूर्य और बुध के साथ त्रियुति  
24 सितंबर को जब शुक्र अपनी अस्त अवस्था से बाहर निकलते हुए बुध की राशि कन्या में गोचर करेंगे, तब कन्या में पहले से मौजूद सूर्य और वक्री बुध के साथ उनकी युति होगी. इस कारण कन्या में शुक्र-सूर्य और बुध त्रियुति योग का निर्माण करते हुए जातकों में अहंकार की वृद्धि के कारण उन्हें तनाव दे सकते हैं. तीन ग्रहों का ये योग कई जातकों की काम वासना में भी वृद्धि करेगा. परंतु कन्या में बुध का वक्री अवस्था में होना अपने अंतरंग संबंधों के कारण व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट भी कर सकता है. इसलिए इस दौरान अपने साथी से अलग किसी भी विपरीत लिंगी व्यक्ति से अधिक बातचीत करने से बचें.

राहु-शुक्र के बीच बनेगा षडाष्टक योग
शुक्र जब कन्या में अपना गोचर करेंगे, तब मेष में उपस्थित राहु के साथ उनका षडाष्टक संबंध बनेगा. वैदिक ज्योतिष में शुक्र-राहु के बीच गुरु-शिष्य का संबंध होता है. ऐसे में सबसे अशुभ योगो में से एक षडाष्टक योग का बनना जातकों की काम-वासना में अत्यधिक वृद्धि करेगा. इससे वे अपने सभी ज़रूरी कार्यों पर ध्यान न देते हुए केवल भोग-विलास में ही लिप्त नज़र आएंगे. इससे सामाज में उनकी छवि भी दूषित होने का भय रहेगा. 

केतु-शुक्र बनाएंगे द्विर्द्वादश संबंध  
शुक्र के नीच राशि कन्या में गोचर करने पर तुला में उपस्थित केतु के साथ शुक्र का द्विर्द्वादश संबंध बनेगा. इस अशुभ व दरिद्रता सूचक द्विर्द्वादश योग के परिणामस्वरूप जातकों के खर्चों में वृद्धि देखने को मिलेगी. खासतौर से इस दौरान विवाहिक जातक अपने किसी अफ़ेयर में लिप्त होते हुए उस व्यक्ति पर अपने धन का एक बड़ा भाग खर्च करते दिखाई देंगे. इस योग के कारण ही देश की कोई प्रसिद्ध हस्ती किसी स्कैंडल में फंस सकती है. 

गुरु-शुक्र बनाएंगे समसप्तक दृष्टि संबंध
24 सितम्बर को जब शुक्र कन्या में गोचर करेंगे, तब मीन में वक्री गुरु के साथ उनका समसप्तक दृष्टि संबंध बनेगा. ऐसे में वैदिक ज्योतिष के अनुसार भले ही गुरु और शुक्र दोनों ही शुभ ग्रहों की श्रेणी में आते हो, लेकिन इन दोनों की आपस में शत्रुता होती है. ऐसे में इन दोनों ग्रहों के समसप्तक में आ जाने के कारण ज्यादातर जातकों का वैवाहिक सुख और दांपत्य सुख प्रभावित होगा. यदि उनके विवाह में किसी कारणवश बाधा आ रही है, तो जातकों को अभी और प्रतीक्षा करनी होगी.  

देश पर शुक्र के गोचर का प्रभाव
स्वतंत्र भारत की कुंडली कर्क लग्न की है और इस अनुसार अब शुक्र कर्क से तीसरे भाव में प्रवेश करेंगे. जिसके चलते देशभर में सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ गलत या हीन भावना से संबंधित कोई वीडियो क्लिप प्रसारित हो सकती है. इससे जनता के बीच का माहौल बिगड़ने का भय सरकार और प्रशासन को परेशान कर सकता है. साथ ही भारत की अपने कुछ मित्र देशों से शुरूआती समय में अनबन, लेकिन बाद में संबंध बेहतर होते दिखाई देंगे. 

शेयर बाज़ार पर शुक्र के गोचर का प्रभाव
कन्या में अपना गोचर करते हुए शुक्र शेयर बाजार पर भी काफी प्रभाव डालेंगे. ऐसे में शुक्र से संबंधित शेयर खासतौर से कॉस्मेटिक, चावल, रुई, कपास, रेशमी वस्त्र, साज-सज्जा का सामान, संगीत संबंधित वाद्य यंत्र तथा ग्लैमर व मीडिया संबंधित कंपनियों के शेयरों में शुरुआत में काफी तेजी देखने को मिल सकती है. जबकि घड़ियों, चश्मे, मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, टेलीविजन, वाहन, प्रॉपर्टी आदि के दामों में कुछ हल्की मंदी देखी जाएगी. 

इन राशियों के लिए शुभ रहेगा शुक्र का ये गोचर  

वृषभ राशि: शुक्र कन्या में गोचर के दौरान आपकी राशि के पंचम भाव में विराजमान होने जा रहे हैं. जिसके परिणामस्वरूप सबसे अधिक दांपत्य जातकों को अपनी संतान से उचित मान-सम्मान और प्रेम मिलने के योग बनेंगे. इससे आप अपनी संतान के साथ अच्छा समय व्यतीत करते हुए उनके साथ का आनंद लेते दिखाई देंगे. इसके अलावा आर्थिक जीवन में भी उन्नति होगी और आप अचानक अलग-अलग माध्यमों से धन लाभ कर सकेंगे. वहीं कई जातक अपने दोस्तों या परिजनों के साथ कहीं घूमने जाने का भी प्लान करेंगे. 
मिथुन राशि: शुक्र इस गोचर के दौरान आपकी राशि के चतुर्थ भाव में विराजमान होंगे. जिससे आपके सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी. साथ ही कुछ जातक इस दौरान अपनी प्रॉपर्टी या ज़मीन से संबंधित कोई लाभ भी प्राप्त करने में सक्षम रहेंगे. खासतौर से वो जातक जो अपना खुद का घर लेने का प्लान कर रहे थे, उन्हें भी शुक्र की कृपा से सफलता मिलने के योग बनेंगे. धन पक्ष के लिहाज़ से स्थिति बेहतर होगी और आप अपने बैंक बैलेंस में बढ़ोतरी देखेंगे. यदि आपकी कोई इच्छा लंबे समय से अधूरी थी तो उसके भी इस अवधि में पूरे होने की संभावना रहने वाली है.

सिंह राशि: शुक्र का ये गोचर आपकी राशि के द्वितीय भाव में होने जा रहा है. जिसके चलते आप विभिन्न स्रोतों से अच्छा आर्थिक लाभ अर्जित करने में सफल रहेंगे. पारिवारिक जीवन में भी वातावरण बेहतर बनेगा और आप घर-परिवार के सदस्यों के साथ हंसी-खुशी समय व्यतीत करेंगे. किसी निर्णय को लेने में यदि समस्या आ रही थी तो घरवालों की मदद से आपको उसमें भी सफलता मिलने वाली है. कई जातक अपनी साज-सज्जा या सुख-सुविधाओं में भी वृद्धि करते देखे जाएंगे. 

धनु राशि: शुक्र इस दौरान आपकी राशि से दशम भाव में विराजमान होंगे. इसके फलस्वरूप आप कार्यस्थल पर दूसरों से उचित मान-सम्मान हांसिल करने वाले हैं. करियर में भी इस अवधि में आपकी मेहनत रंग लाएगी और आप धन लाभ करने में सक्षम रहेंगे. साथ ही इस समय आपको घर से जुड़े किसी भी फैसले को लेते समय घरवालों से सलाह-मशवरा ज़रूर लेने की सलाह दी जाती है.  

इन राशियों पर पड़ेगा शुक्र का अशुभ प्रभाव

मेष राशि: शुक्र इस अवधि में आपकी राशि से षष्टम भाव में गोचर करेंगे. जिसके परिणामस्वरूप आपको शुरुआत से ही सावधान रहने की ज़रूरत होगी. खासतौर से इस दौरान आपके शत्रु सक्रीय होंगे, इसलिए उनके प्रति सतर्कता बरतना आपके लिए बेहतर रहेगा. वहीं वो जातक जो पार्टनरशिप में बिजनेस करते हैं, उनका भी किसी कारणवश अपने पार्टनर से वाद-विवाद संभव है. इसलिए इस समय बिज़नेस से जुड़ा कोई भी निर्णय लेते समय अधिक सोच-समझकर चलना ही आपके लिए उचित रहेगा. सेहत के लिहाज़ से भी ये अवधि थोड़ी प्रतिकूल रहने वाली है. 

कन्या राशि: शुक्र का ये गोचर सबसे अधिक आपके लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है. क्योंकि इस समय शुक्र आपके लग्न भाव में विराजमान होंगे. ऐसे में इस दौरान आपका मन भोग-विलास की ओर अधिक लगेगा, जिससे आप जीवन के दूसरे महत्वपूर्ण विषयों की ओर ध्यान नहीं दे सकेंगे. कई जातक इस दौरान अच्छा दिखने के चक्कर में अपनी आय से अधिक धन खर्च करेंगे, जिससे उन्हें भविष्य में आर्थिक तंगी से भी दो-चार होना पड़ेगा. वो सिंगल जातक जो विवाह योग्य हैं, उन्हें एक से अधिक विवाह के लिए प्रस्ताव मिलने से वो कुछ भ्रमित हो सकते हैं.  

मकर राशि: शुक्र का ये गोचर आपके नवम भाव में होने जा रहा है. ऐसे में इस दौरान यूँ तो आपको शुक्र की कृपा से भाग्य का साथ मिलेगा. परंतु आपके अंदर अपनी इच्छाओं व सुख-सुविधाओं की पूर्ति को लेकर भावनाएं इतनी प्रबल होगी कि आप उन्हें पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार दिखाई देंगे. इसके कारण आपके अपनों के साथ संबंध भी प्रभावित होंगे. साथ ही आपकी छवि को भी आपके इस रवैए के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. सेहत के लिहाज़ से भी आपका मन बेचैन व तनावपूर्ण रह सकता है. 

मीन राशि: शुक्र इस समय आपकी राशि से सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे. जिससे आपको इस समय थोड़ा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है. इसलिए आपके लिए बेहतर यही होगा कि कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे आपका साथी परेशान हो. साथ ही आपको हर महत्वपूर्ण निणर्य लेते समय भी अधिक सतर्क रहने की ज़रूरत होगी. सेहत के लिहाज़ से भी शुक्र देव इस अवधि में आपको कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्या दे सकते हैं. ऐसे में अपनी सेहत का ध्यान रखें और उसके प्रति बिलकुल भी लापरवाही न बरतते हुए, ज़रूरत पड़ने पर तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाएं.  

भोज दत्त शर्मा , वैदिक ज्योतिष 
Astrology By Bhoj Sharma

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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