जिन्दगी का आइना दिखाने वाली फिल्म: मिडिल क्लास लव

जिन्दगी का आइना दिखाने वाली फिल्म: मिडिल क्लास लव

प्रेषित समय :08:49:29 AM / Fri, Sep 16th, 2022

फिल्म : मिडिल क्लास लव
कास्ट : प्रीत कमानी, मनोज पाहवा, काव्या थापर और ईशा सिंह
निर्देशक : रत्ना सिन्हा
स्टार : 3

रत्ना सिन्हा के डायरेक्शन में बनी फिल्म मिडिल क्लास लव सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई है. इस फिल्म में प्रीत कमानी, मनोज पाहवा, काव्या थापर और ईशा सिंह लीड स्टार्स में से हैं. इस फिल्म के प्रोड्यूसर रत्ना सिन्हा के पति अनुभव सिन्हा और जी प्रोडक्शन हैं. इस फिल्म के लिए म्यूजिक हिमेश रेशमिया ने दिया है.  ये फिल्म यूडी उर्फ प्रीत के आस-पास घूमती रहती है. एक लड़का जो मिडिल क्लास लाइफ से तंग आ गया है. उसे लगता है कि प्यार ही एक ऐसी चीज है जो उसे इन सब से बाहर निकाल सकता है.

कहानी- मिडिल क्लास की घिसीपिटी कहानी. एक मां-बाप, उनके दो बेटे, बड़ा बेटा जल्दी जिम्मेदारी समझ जाता है और छोटा बेटा नालायक है. उसे इन सब से बाहर निकलना है. बागी होना उसका लाजमी है जब तक उसे जिन्दगी थप्पड़ नहीं मारती और एक गलती से वो समझदार नहीं होता तब तक वो लापरवाही ही करता रहता है. ये सब बातें फिल्म देखने वालों को बहुत बेहतरीन तरीके से जोड़ती है. फिल्म की कहानी भले ही घिसीपिटी हो लेकिन उसे पर्दे पर फिल्माया अच्छे से गया है.

फिल्म में बीच-बीच में बेहतरीन कॉमेडी भी नजर आती है. खास कर प्रीत की तरफ से, कैसे मजाक एक बाप और बेटे के बीच में होते हैं. यूडी हर एक बात में अपना ह्यूमर तलाश लेता है. फिल्म के गाने भी ठीक हैं. फिल्म में हिमेश रेशमिया ने गानों को कंपोज किया है. रैप सॉन्ग्स का भी इस्तेमाल बेहतरीन तरीके से किया गया है. जो कि आपको सुनकर ही मजा आ जाएगा. अगर हम फिल्म के डायलॉग्स की बात करें तो जब भी फिल्म में प्रीत के डायलॉग्स को बेहतरीन तरीके से लिखा गया है. लेकिन जैसे ही फिल्म कहीं और पहुंचती है फिल्म के डायलॉग पूरी फिल्म की जबान को खराब कर देते हैं. फिल्म के बहुत ही अहम सीन में पूरी जो बातचीत है वो अंग्रेजी में होती है. जब कि फिल्म हिन्दी है. इसकी फिल्म में जरूरत भी नहीं थी. इससे ये भी लगता है कि सिनेमा की जबान हर फिल्म के साथ और भी बिगड़ती चली जा रही है.

कुल मिलकर फिल्म बेहतरीन है, जिसे एक बार जरूर देखा जा सकता है. काफी वक्त के बाद ऐसी फिल्म देखने को मिली है जिसे देखने के बाद आपकी आंखें नम हो जाएंगी. ये जरूर कहा जा सकता है कि इंडियन सिनेमा अच्छी फिल्में बना रहा है. लगातार अच्छा सिनेमा दिखाने की कोशिश कर रहा है लेकिन वो नजर में नहीं आता है. ऐसी फिल्मों के साथ असल दिक्कत ये है कि इनमें कोई बड़ा नाम काम नहीं करता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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