मुंह का कैंसर: सामान्य दिखने वाले लक्षण भी हो सकते हैं जानलेवा

मुंह का कैंसर: सामान्य दिखने वाले लक्षण भी हो सकते हैं जानलेवा

प्रेषित समय :10:58:47 AM / Thu, Sep 15th, 2022

एक्सरसाइज या फिर योगा से ही स्वस्थ्य शरीर नहीं पाया जा सकता. बाहरी फिटनेस के लिए जितना योगा और व्यायाम जरूरी है उतना ही हमें शरीर के अंदरूनी स्वास्थ्य के बारे में ध्यान रखना होगा. एक स्वस्थ्य शरीर की शुरुआत एक स्वस्थ्य मुंह से होती है क्योंकि यह हमारे शरीर के स्वास्थ्य का प्रवेश द्वार है. मुंह में होने वाली सबसे घातक बीमारी है ‘मुंह का कैंसर’. कई बार लोग अपनी गलतियों की वजह से इसकी चपेट में आ जाते हैं और जब तक उनका ध्यान इस पर जाता है यह बीमारी काफी बड़ा रूप ले चुकी होती है.

इससे बचने का सबसे आसान तरीका है कि महीने में एक बार अपने मुंह की ठीक प्रकार से जांच जरूर कराए ताकि ताकि इसके होने के संकेत आपको पहले ही पता चल सकें. अगर आपके मुंह में अचानक कोई घाव है या फिर मुंह में अक्सर छाले पड़ते हैं या फिर लंबे समय तक मुंह से खून निकल रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए. ओरल कैंसर स्क्वैमस कोशिकाओं से शुरू होता है. तंबाकू और शराब का अधिक सेवन मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण है. हालांकि कई बार यह ऐसे लोगों में भी पाया गया है जो कि तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करते थे.

मुंह के कैंसर की शुरुआत आमतौर पर होंठ या मुंह में सफेद या फिर लाल रंग के घाव से होता है जिसमें अक्सर खून बहने की समस्या होती है. यह देखने में एक आम समस्या लगती है लेकिन यह कैंसर का एक प्रमुख और शुरुआती लक्षण होता है. अगर आपके मुंह में पहली बार लाल या सफेद घाव हैं तो यह आम बात है लेकिन अगर यह दूसरी बार होते हैं तो इस पर ध्यान देना जरूरी है. मुंह के कैंसर में दूसरी बार होने वाले घाव 2 सप्ताह से अधिक समय तक बने रह सकते हैं और यह बेहद तेज रफ्तार से मुंह के दूसरे हिस्से में भी फैल सकते हैं.

यदि मुंह का कैंसर है और समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह धीरे धीरे मांसपेशियों में फैल जाता है और फिर इसका असह स्किन और हड्डियाों तक पहुंचने लगता है. शुरुआती लक्षणों के दौरान अगर इसका इलाज नहीं किया गया तो बाद में इलाज लगभग नामुमकिन है.

मुंह के कैंसर का कारण
जब होठों या मुंह की कोशिकाओं के डीएनए में म्यूटेशन होता है इस दौरान कई कोशिकाएं मर भी जाती हैं. कई असमान्य कोशिकाओं के मिलने से ट्यूमर की समस्या उत्पन्न होती है और यह धीरे धीरे कैंसर में बदलने लगता है. समय बीतने के साथ साथ यह पूरे मुंह में फैल जाता है. मुंह का कैंसर आमतौर पर पतली कोशिकाओं में शुरू होता है जो कि सामान्यतौर पर गाल और होंठ के अंदर होती हैं.

मुंह के कैंसर का लक्षण

  • मुंह में सूजन आना, होठों या मूसड़ों में सूजन आना, गाल के अंदर साइड में गाठ का पड़ना, इसके अलावा मुंह में बार बार लाल या फिर सफेद रंग के छाले पड़ना.
  • मुंह के अंदर अचानक घाव का होना और फिर उससे खून का बहना
  • चेहरे में, गर्दन या फिर मुंह में सुन्नता होना, कुछ भी महसूस न होना.
  • चेहरे या गर्दन या मुंह में बार बार घाव होना जो कि दो सप्ताह से अधिक समय तक रहते हैं. इन घावों से खून का निकलना.
  • दिन में कई बार आपको ऐसा महसूस होना कि गले के पिछले हिस्से में कुछ फंस गया है. चबाने या निगलने में दिक्कत होना.
  • जीभ को हिलाने में दिक्कत होना. जबड़े या कान में दर्द होना.
  • कैंसर होने में मरीज का वजन भी अचानक कम हो जाता है.

कैंसर को रोका जा सकता है बशर्ते इसके शुरुआती लक्षणों को पकड़ा जा सके और साथ ही इसे बढ़ावा देने वाले कारकों पर प्रतिबंध लगाया जा सके. जो लोग तंबाकू या फिर धूम्रपान के आदि हैं इसे बंद करने की कोशिश करना चाहिए. मुंह के कैंसर होने का खतरा तब बढ़ जाता है जब रसायनों का हद से ज्यादा प्रयोग होता है. शराब के सेवन से कोशिकाओं में जलन होती है जिससे कैंसर की संभावना बढ़ जाती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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