कन्या में गोचर कर सूर्य अन्य ग्रहों के साथ बनाएंगे कई बड़े योग

कन्या में गोचर कर सूर्य अन्य ग्रहों के साथ बनाएंगे कई बड़े योग

प्रेषित समय :21:01:30 PM / Fri, Sep 9th, 2022

सौरमंडल के सभी नौ ग्रहों में से सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना गया है. ये समस्त संसार के लिए प्रत्यक्ष देवता है, जो अपने प्रकाश से पृथ्वी पर जीवन को सुनिश्चित करते हैं. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा सूर्य देव जगत के पिता व संसार की आत्मा है, जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. 

वैदिक ज्योतिष में शक्ति, मान-सम्मान, पिता, उच्च पद, अधिकार इत्यादि का कारक सूर्य ग्रह को ही माना जाता है. इनकी स्वराशि सिंह होती है, जबकि कृतिका,  उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र सूर्य के अधीन माने गए हैं.  इसके अतिरिक्त सप्ताह में रविवार का दिन सूर्य देव को ही समर्पित होता है. अब सूर्य ग्रह की इन्ही खासियत और महत्व पर प्रकाश डालते हुए ये बात तो साफ़ है कि सितंबर महीने में सूर्य का होने वाला गोचर, न केवल देशभर में बदलाव लेकर आएगा, बल्कि ये गोचर सभी राशियों के जातकों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है. 

सूर्य ग्रह और जन्म कुंडली
दिशाओं में से पूर्व दिशा के अधिपति सूर्य की किसी भी कुंडली में स्थिति उस जातक के लिए विशेष महत्वपूर्ण होती है. क्योंकि ज्योतिष के अनुसार किसी भी जन्म कुंडली का अध्ययन करते समय सबसे पहले कुंडली में चंद्र और सूर्य की स्थिति को देखा जाता है. इस दौरान यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ या बलशाली हो तो उस जातक को आजीवन अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है. ऐसे लोग अपने जीवन में उच्च पद व मान-सम्मान प्राप्त करते हैं. इसके अलावा अगर ये लोग सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करते हैं तो इन्हें सफलता ज़रूर मिलती है. 
जबकि इसके विपरीत किसी कुंडली में सूर्य देव की स्थिति अशुभ व दुर्बल हो तो, जातक को सूर्य के कारकत्वों से प्रतिकूल परिणाम मिलने की आशंका रहती है. इसलिए सूर्य के अशुभ प्रभाव को शून्य करते हुए, उनकी कृपा प्राप्ति के लिए आपको नियम अनुसार सूर्य यंत्र की स्थापना करनी चाहिए. साथ ही विधिवत रूप से प्रतिदिन सूर्य ग्रह से संबंधित मंत्रों का जप करते हुए इस यंत्र की पूजा भी करनी चाहिए. 

सूर्य के कन्या में गोचर की अवधि 
अब यही मान-सम्मान, पिता, नेत्र, उच्च पद, सरकारी नौकरी आदि के कारक ग्रह सूर्य एक बार फिर 17 सितंबर 2022, शनिवार को अपनी स्वराशि सिंह से निकलकर बुध देव की राशि कन्या में गोचर करने जा रहे हैं. सूर्य देव का कन्या में ये गोचर सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर होगा. इस स्थिति में सूर्य देव पूरे एक माह तक रहेंगे और फिर 17 अक्टूबर को अपना पुनः गोचर करते हुए तुला राशि में चले जाएंगे. 

ऐसे में सूर्य के कन्या में गोचर करने पर न केवल उनका प्रभाव समस्त राशियों पर पड़ेगा, बल्कि कई ग्रहों की विशेष दृष्टि भी सूर्य पर होने से देशभर में कई छोटे-बड़े परिवर्तन आने के योग बनेंगे. आइये अब इन बदलावों पर भी डालते हैं एक नज़र:-

सूर्य कन्या में गोचर कर वक्री बुध के साथ करेंगे युति  
जब कन्या में सूर्य अपना गोचर करेंगे तो वहां पहले से उपस्थित वक्री बुध के साथ उनकी युति होगी. जिसके परिणामस्वरूप प्रारंभ में रुई, चांदी, घी व बैंकिंग शेयरों में तेजी आने की संभावना रहेगी. 

शत्रु ग्रह सूर्य-शुक्र की युति 
17 सितंबर को सूर्य का कन्या में गोचर होगा. इसके कुछ ही दिनों बाद भौतिक सुखों के देवता शुक्र भी 24 सितंबर को कन्या राशि में ही अपना गोचर करते हुए, वहाँ पहले से उपस्थित सूर्य के साथ अपनी युति बनाएंगे. ऐसे में सूर्य और शुक्र के बीच शत्रुता का भाव होने के चलते, कन्या में इस युति के चलते विवाहित जातकों के साथी को स्वास्थ्य संबंधित समस्या हो सकती है.  

राहु-सूर्य का बनेगा षडाष्टक योग
सूर्य जब कन्या में अपना गोचर  करेंगे, तब मेष में उपस्थित राहु के साथ षडाष्टक संबंध बनेगा. वैदिक ज्योतिष में षडाष्टक योग की गिनती सबसे अशुभ योगो में की जाती है, जो दो ग्रहो के योग से बनता है. इस योग के दौरान कोई दो ग्रह एक-दूसरे से छठे व आठवें भाव में उपस्थित होते हैं. जिससे उन ग्रहों के बीच एक-दूसरे से 6 और 8 का अशुभ सम्बन्ध बन जाता है. ऐसे में राहु-सूर्य के बीच भी ये संबंध होने से देश की किसी बड़ी हस्ती का निधन संभव है. इसके साथ ही कुदरती कहर जैसे बाढ़, भूकंप, चक्रवात या आगजनी की स्थिति भी बनेगी. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कई बड़े देशों के बीच तनाव देखने को मिलेगा. 

केतु-सूर्य बनाएंगे द्विर्द्वादश योग 
सूर्य के कन्या में गोचर करने पर तुला में उपस्थित केतु के साथ उनका द्विर्द्वादश संबंध बनेगा. वैदिक ज्योतिष में द्विर्द्वादश योग की गिनती सबसे अशुभ व दरिद्रता सूचक योगो में की जाती है, जो दो ग्रहो के योग से बनता है. इस दौरान दो ग्रह एक-दूसरे से 2 तथा 12 वे स्थान पर होते हैं, जिससे द्विर्द्वादश योग का निर्माण होता है. जिसके परिणामस्वरूप चीनी सीमा पर सैनिक गतिविधियों में इजाफा होगा. देश के कुछ समुद्र तटों पर समुद्री तूफ़ान आने की आशंका रहेगी, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है. देश की सरकार और विपक्ष के बीच भी घमासान चलेगा. 

गुरु के साथ सूर्य बनाएंगे समसप्तक दृष्टि संबंध
इसके अलावा 17 सितम्बर को कन्या में गोचर करते ही मीन में वक्री गुरु के साथ सूर्य का समसप्तक दृष्टि संबंध बनेगा. इसके अलावा विशेषज्ञों की मानें तो वक्री गुरु पर वक्री शनि की दृष्टि भी चल रही है. ऐसे में रुई, नारियल, सुपारी, तिल, तेल, लाल वस्तुएं, सोने और तांबे में शुरुआत में अच्छी तेजी और फिर मंदी देखी जाएगी. साथ ही गुरु-सूर्य का ये समसप्तक योग चांदी व शेयर बाज़ार में भी तेजी बनाकर बाद में मंदी लाएगा. 

शनिवारी संक्रांति का देश पर प्रभाव 
17 सितंबर को जब सूर्य कन्या में गोचर करेंगे, तब दिन शनिवार होने से देशभर की प्रजा के बीच कोई संक्रमण या रोग तथा भय व अशांति का वातावरण दिखाई देगा.  साथ ही शनिवारी संक्रांति होने से धान्य, तिल, तेल, गेहूं, जौ, चना आदि जैसे अन्न के भावों में अचानक तेजी आएगी. जबकि घी, गुड़ और शक़्कर में घटाबढ़ी के बाद तेजी दिखाई देगी. 

इन राशियों को मिलेगा फायदा 
1. मेष राशि: सूर्य का गोचर आपकी राशि के षष्टम भाव में होगा. जिसके परिणामस्वरूप आप अपने सभी कार्य पूर्ण करने में सक्षम होंगे. खासतौर से जिन भी कार्यों को पूरा करने में आपको पूर्व में बाधा आ रही थी, उसमें आपको सफलता मिलेगी. स्वास्थ्य जीवन में भी सुधार दिखाई देगा और आप अच्छे व स्वस्थ जीवन का खुलकर आनंद ले सकेंगे. छात्रों की बात करें तो वो छात्र जो प्रतियोगी परीक्षा या किसी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए ये गोचर काल की अवधि सामान्य से अधिक अनुकूल रहने वाली है. 
2. कर्क राशि: कन्या राशि में गोचर करते हुए सूर्यदेव आपकी राशि के तृतीय भाव में संचरण करेंगे. जिसका सकारात्मक प्रभाव सबसे अधिक आपकी सेहत में सुधार लाएगा. खासतौर से यदि आपको पूर्व में कोई शारीरिक या मानसिक समस्या आ रही थी तो, आप उससे निजात पाने में सक्षम रहने वाले हैं. करियर के दृष्टिकोण से भी आपको हर कार्य को पूरा करने में सफलता मिलेगी. साथ ही आप कार्यस्थल पर अपने सहकर्मियों व उच्च अधिकारियों के साथ अपने संबंध बेहतर कर सकेंगे. 
3. वृश्चिक राशि: सूर्य देव 17 सितंबर को अपना गोचर करते हुए  आपकी राशि से एकादश भाव में संचरण करेंगे. जिससे आपके आर्थिक जीवन में सुधार दिखाई देगा और आप अपनी आय के स्रोतों में वृद्धि करते हुए अच्छा धन लाभ प्राप्त करने में सफल रहेंगे. पारिवारिक जीवन में भी सूर्य देव की कृपा से शांति का वातावरण आपको तनाव मुक्त करेगा. इससे आप अपना ज्यादातर समय घर पर ही व्यतीत करते हुए, पिता से अपने संबंध बेहतर कर सकेंगे. सेहत के लिहाज़ से भी ये अवधि उत्तम रहेगी. 
4. धनु राशि: सूर्य देव कन्या में गोचर करते हुए आपकी राशि के दशम भाव में विराजमान होंगे. जिसके कारण कार्यक्षेत्र पर आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे. खासतौर से नौकरीपेशा जातकों को ये गोचर कोई बड़ा प्रमोशन मिलने के योग बनाएगा. साथ ही यदि आप कोई ट्रांसफर या नई नौकरी की तलाश में थे तो भी आपको सफलता मिलने वाली है. वहीं व्यापार से जुड़े जातक, अपनी समझ से अच्छे व नए अवसर प्राप्त करेंगे. इसके अलावा सेहत की बात करें तो नेत्र संबंधित हर प्रकार की समस्या से आपको सूर्य देव निजात दिलाने वाले हैं.  
ये राशियां हो जाएं सावधान
1. वृषभ राशि: सूर्य देव का ये गोचर आपकी राशि के पंचम भाव में होने वाला है. जिसके परिणामस्वरूप आपको सामान्य से अधिक कष्ट उठाने पड़ सकते हैं. इसलिए इस समय कोई भी निर्णय जल्दबाज़ी में न लेते हुए सलाह-मशवरे के बाद ही लें. अन्यथा आपको बाद में कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा. साथ ही इस दौरान पारिवारिक जीवन में भी आपका घर के सदस्यों के साथ बात-बात पर वाद-विवाद होने की आशंका रहेगी. जिससे आपके मानिसक तनाव में वृद्धि हो सकती है. 
2. सिंह राशि: सूर्य देव आपकी ही राशि से निकलकर कन्या में गोचर करेंगे, जिससे ये गोचर आपकी राशि के द्वितीय भाव में होगा. इससे आपको हर निणर्य लेते समय या बातचीत करते समय थोड़ा सोच-विचार करने की सलाह दी जाती है. क्योंकि योग बन रहे है कि आपकी वाणी आपको किसी बड़ी समस्या में डाल दे, जिससे आपको हानि भी उठानी पड़ सकती है. इसलिए जितना संभव हो मर्यादित भाषा का ही प्रयोग करें. वहीं सूर्य देव इस दौरान आपको शारीरिक तथा मानसिक तनाव भी देंगे, जिसके कारण आपको बुखार और खानपान से संबंधित परेशानियां उठानी पड़ सकती है. 
3. कन्या राशि: सूर्य देव आपकी ही राशि में गोचर करने जा रहे हैं. ऐसे में सूर्य का ये गोचर सबसे अधिक आपके स्वभाव में नकारात्मकता लेकर आएगा. जिससे आपके अंदर कुछ अहंकार की वृद्धि होने से, आप अपनों के साथ संबंध खराब कर सकते हैं. आर्थिक जीवन में भी किसी भी प्रकार का लेन-देन करते समय आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी, अन्यथा कोई बड़ी धन हानि आपकी परेशानी बढ़ा सकती है. सेहत के लिहाज़ से भी सूर्य देव के कारण आपको कोई नेत्र संबंधित समस्या हो सकती है, इसलिए सावधान रहें और धूल भरी जगहों पर जानें से बचें. 
4. कुंभ राशि: सूर्य देव कन्या में गोचर करते हुए आपकी राशि के अष्टम भाव में विराजमान होंगे. इससे आपको अपने जीवन में कई प्रकार का वाद-विवाद का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए जहां ज़रूरत न हो वहां चुप रहना ही आपके लिए बेहतर रहेगा. साथ ही किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि से दूर रहना ही, इस अवधि में आपके लिए अच्छा रहेगा. वहीं सेहत की बात करें तो आपको इस दौरान अचानक अपनी किसी पुरानी समस्या से परेशानी उठानी पड़ सकती है. इसलिए अच्छा खानपान लें और अपनी सेहत में सुधार के लिए समय रहते ज़रूरी कदम उठाएं. 
भोज दत्त शर्मा ,  वैदिक ज्योतिष 
Astrology By Bhoj Sharma

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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