- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी जलझूलनी एकादशी कहलाती है जिसे परिवर्तिनी एकादशी, डोल ग्यारस आदि से भी जाना जाता है.
* इस दिन भगवान श्रीविष्णु करवट बदलते हैं इसीलिए यह परिवर्तनी एकादशी कहलाती है जिसके व्रत से वाजपेय यज्ञ के तुल्य शुभफल की प्राप्ति होती है.
* इस दिन भगवान श्रीविष्णु के वामन स्वरूप की पूजा की जाती है तो कई जगहों पर भगवान श्रीकृष्ण के सूरज पूजा के स्मरणार्थ विविध धार्मिक आयोजन- शोभायात्रा, पवित्र सरोवर में प्रतिमा स्नान, भजन-कीर्तन आदि होते हैं.
* इस दिन भगवान श्रीकृष्ण सहित देवी-देवताओं को नौका विहार कराया जाता है और जलझूलनी उत्सव मनाया जाता है.
* श्रद्धालु जलझूलनी शोभायात्रा के दर्शन करते हैं, चढ़ावा चढ़ाते हैं और दान-धर्म करते हैं.
* एकादशी के दिन प्रात:काल पवित्र स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर भगवान वामन की प्रतिमा के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें, उनकी पूजा-अर्चना करें और भगवान वामन की कथा सुनें.
* इस दिन यथासंभव उपवास करें, उपवास में अन्न ग्रहण नहीं करें.
* धर्मग्रंथों के अनुसार इस व्रत के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा था कि जो इस दिन भगवान का कमल से पूजन करते हैं, वे अवश्य भगवान को प्रिय होते हैं और जिसने व्रत-पूजन किया वे तीनों लोकों में सम्मान पाते हैं!
* राजा बलि कथा...त्रेतायुग में बलि नामक एक दानव राजा था. वह श्रीविष्णुदेव का परम भक्त था. उसने इंद्रलोक तथा सभी देवताओं को जीत लिया.
* सभी देवता एकत्र होकर भगवान श्रीविष्णुदेव के पास गए तब भगवान ने वामन स्वरूप पांचवां अवतार लिया.
* भगवान ने वामन स्वरूप में राजा बलि से तीन पग भूमि की याचना की जिस पर राजा बलि ने तीन पग भूमि प्रदान कर दी.
* एक पग से पृथ्वी तो दूसरे से स्वर्गलोक पूर्ण हो गए तो भगवान ने पूछा कि अब तीसरा पग कहां रखूं?
* राजा बलि ने अपना सिर झुका लिया और भगवान ने अपना पैर उसके मस्तक पर रख दिया जिससे वह पाताल को चला गया.
* राजा बलि की विनती और नम्रता को देखकर भगवान वामनदेव ने कहा कि- हे बलि! मैं सदैव तुम्हारे पास ही रहूंगा.
* भाद्रपद शुक्ल एकादशी के दिन बलि के आश्रम पर भगवान श्रीविष्णुदेव की प्रतिमा स्थापित हुई.
* एकादशी के अवसर पर तांबा, चांदी, चावल, दही आदि का यथाशक्ति दान करना चाहिए और रात्रि को जागरण, भजन-कीर्तन करना चाहिए.
* रियल एस्टेट के कारोबार में कामयाबी के लिए नियमितरूप से श्रीविष्णु देव के वामन स्वरूप की पूजा-अर्चना करें!
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज आप का मित्र समूह के साथ आनंद-प्रमोद करने का दिन है. मित्रों से भेंट उपहार मिलेंगे तथा आपका भी मित्रों के पीछे खर्च होगा. नई मित्रता के कारण भविष्य में भी लाभ हो सकता है. संतानो से भी लाभ होगा. प्राकृतिक स्थल पर प्रवास का आयोजन हो सकता है. सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी.
वृष राशि:- आज का दिन नौकरी करनेवालों के लिए शुभ है. नए कार्य का आयोजन सफलतापूर्वक कर सकेंगे. उच्चाधिकारिय की कृपादृष्टि आप पर रहेगी. पदोन्नति भी हो सकती है. गृहस्थजीवन में मधुरता आएगी. आपके अधूरे कार्य पूर्ण होंगे. सरकारी लाभ मिलेगा.
मिथुन राशि:- आज किसी भी नये कार्य का प्रारंभ करने के लिए दिन अनुकूल नहीं हैं. शरीर में थकान और आलस्य रहने से कार्य करने मेंउत्साह नहीं होगा. पेट सम्बंधित रोगों से परेशानी हो सकती है. नौकरी या व्यापार में भी विपरीत परिस्थितियां रहेंगीं, इससे उच्चाधिकारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. खर्च भी अधिक होगा. महत्त्वपूर्ण कार्यो के लिए आज कोई निर्णय न लीजिएगा.
कर्क राशि:- आज सावधानीपूर्वक व्यवहार करना पडेगा. पारिवारिक सदस्यों के साथ वाद-विवाद न करिएगा. वाणीपर तथा क्रोध पर संयम रखने से अनिष्ट दूर कर सकेंगे. अधिक खर्च होने की भी संभावना है. निषेधात्मक तथा अनैतिक कार्यो से दूर की जरूरत है. ईश्वर का स्मरण तथा आध्यात्मिकता लाभदायी होंगे.
सिंह राशि:- आज वैवाहिक जीवन में आपस में तकरार होने से पति-पत्नी के बीच में तनाव होगा. जीवन साथी का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है. अपने भागीदार तथा व्यापारियों के साथ धीरज से काम लेना. संभव हो तो निरर्थक चर्चा या विवाद में मत पडिएगा. कोर्ट-कचहरी के कार्य में सफलता कम मिलेगी. सामाजिक तथा बाह्य क्षेत्र में यश नहीं मिलेगा.
कन्या राशि:- आज के दिन आप स्फूर्ति तथा स्वस्थता का अनुभव करेंगे. घर में भी तथा नौकरी के स्थल में भी वातावरण आनंददायी रहेगा. सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा. रोगी व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होगा. मायके से अच्छे समाचार मिलेंगे. कार्य-संपन्नता के कारण आपको यश मिलेगा. खर्च साधारण की अपेक्षा अधिक हो सकता है.
तुला राशि:- आप का दिन मध्यम फलदायी होगा. संतानो की चिंता आपको सताएगी. विद्या-अभ्यास में बाधाएँ आएँगी. वाद-विवाद या बौद्घिक चर्चा से दूर रहिएगा. नए कार्य का प्रारंभ आज करने पर वह सफल नहीं हो पाएगा. किसी प्रियजन के साथ भेंट होगी. मानभंग हो सकता है. प्रवास टालिएगा.
वृश्चिक राशि:- आज आपको सलाह देते हैं. चिंतातुर मन तथा अस्वस्थ शरीर आपको व्यग्र रखेगा. सम्बंधियो के साथ मनमुटाव हो सकता है. आर्थिक हानि की संभावना है. किसी भी प्रकार के दस्तावेज करने में सावधानी बरतिएगा.
धनु राशि:- आज का दिन शुभ है. भाई-बंधुओ से मेल-जोल में वृद्धि होगी तथा परिवारजनों के साथ प्रवास का आयोजन हो सकता है. आरोग्य अच्छा रहेगा. भाग्य में वृद्धि होने की संभावना है. रहस्यवाद तथा आध्यात्मिकता में अधिक रस लेंगे. कार्य सफलता का दिन है. सामाजिक दृष्टि से मान-सम्मान मिलेगा.
मकर राशि:- आज के दिन परिवारजनों के साथ कलह के प्रसंग न हो इसका ध्यान रखने की सलाह देते हैं. वाणी पर संयम आपको कठिनाई में से बाहर निकालेगी. शेयर-सट्टे में पूँजी-निवेश करने का आयोजन आप कर पाएँगे. आरोग्य मध्यम रहेगा. आँख में पीडा होने की संभावना है. विद्यार्थियों को पढाई में अधिक ध्यान देना होगा.
कुम्भ राशि:- आज का दिन शारीरिक तथा मानसिकरुप से आप प्रसन्न रहेंगे. भौतिक तथा आध्यात्मिक दृष्टि से आपको अच्छा अनुभव हो सकता है. परिवारजनों के साथ प्रवास में सुरुचिपूर्ण भोजन करने का तथा भेंट उपहार मिलने पर आप आनंदित होंगे. आध्यात्मिक विचार आपके हृदय एवं मन को छू लेंगे.
मीन राशि:- आज लोभ या लालच में न फसे. आर्थिक विषय में बहुत सावधानी बरतिएगा. पूँजी-निवेश में विशेष ध्यान दे आज का दिन अच्छा रहेगा, रुके हुए कार्य आज के दिन गति पकङे गे,
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- मंगलवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- रोग पहला- काल
दूसरा- उद्वेग दूसरा- लाभ
तीसरा- चर तीसरा- उद्वेग
चौथा- लाभ चौथा- शुभ
पांचवां- अमृत पांचवां- अमृत
छठा- काल छठा- चर
सातवां- शुभ सातवां- रोग
आठवां- रोग आठवां- काल
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग
मंगलवार, 6 सितंबर 2022
परिवर्तिनी एकादशी
शक सम्वत1944 शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते21
मास भाद्रपद
दिन काल12:36:12
तिथि एकादशी - 27:05:59 तक
नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा - 18:09:44 तक
करण वणिज - 16:32:30 तक, विष्टि - 27:05:59 तक
पक्ष शुक्ल
योग आयुष्मान - 08:14:38 तक, सौभाग्य - 28:48:52 तक
सूर्योदय 06:01:16
सूर्यास्त 18:37:29
चन्द्र राशि धनु - 23:38:25 तक
चन्द्रोदय 15:50:00
चन्द्रास्त 26:10:00
ऋतु शरद
अभिजित मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:33 पी एम
अग्निवास पाताल - 05:54 ए एम तक ,पृथ्वी
दिशा शूल उत्तर
चन्द्र वास पूर्व - 11:38 पी एम तक
दक्षिण - 11:38 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास पश्चिम
श्रीगणेश पूजा के नियम और सावधानियां
पितृ पूजा या पितर कर्म क्यों करना चाहिए?
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