-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* शबरी ने किस विधि से अर्पित किया था भगवान को नैवेद्य?
* सुदामा ने भगवान को कितनी कीमती भेंट दी थी?
* प्रहलाद ने किस अनुष्ठान से भगवान को पुकारा था?
* द्रौपदी ने किस भाषा में श्रीकृष्ण से प्रार्थना की थी?
* मीरा, भगवान के किस स्तोत्र का पाठ करती थी?
जितने भी धर्मग्रंथ हैं उनमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि भगवान की कृपा हमेशा उन भक्तों पर रही जिन्होंने भगवान को मन से पूजा, भगवान पर पूर्ण विश्वास किया. बावजूद इसके, लोग दिखावे की भक्ति में उलझ जाते हैं. जिस तरह एक मां बच्चे के मात्र रोने से ही उसकी जरूरत जान लेती है वैसे ही भगवान सच्चे मन की पुकार सुन लेते हैं. उन्हें किसी विधि-विधान की जरूरत नहीं है!
जो पूजा पद्धति बोझ लगे, समझ में नहीं आए, उसे अपनाने का कोई अर्थ नहीं है.
हां! अगर पूजा, अनुष्ठान, यज्ञ आदि से मन को प्रसन्नता मिल रही हो, शांति मिल रही हो तो अवश्य करें. जिस भी स्तोत्र का पाठ कर रहे हैं, उसका भावार्थ अवश्य समझें तभी पूजा का वास्तविक आनंद आएगा!
अपने मन के भाव को व्यक्त करनेवाली अपनी भाषा में की गई प्रार्थना सर्वश्रेष्ठ होती है!
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज वस्त्रों आदि के प्रति रुझान रहेगा. पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा. कार्यों के प्रति जोश एवं उत्साह रहेगा. खर्चों में वृद्धि होगी.
वृष राशि:- आज अपनी भावनाओं को वश में रखें. धैर्यशीलता में कमी रहेगी. जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद रहेंगे. वस्त्रों पर खर्चों में वृद्धि हो सकती है.
मिथुन राशि:- आज आत्म संयत रहें. क्रोध के अतिरेक से बचें. कार्यक्षेत्र में व्यवधान आ सकते हैं. लेकिन आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहेंगे.
कर्क राशि:- आज वाणी में सौम्यता रहेगी. अचानक धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं. कुटुम्ब के किसी बुजुर्ग से धन प्राप्ति हो सकती है.
सिंह राशि:- मन में शांति एवं प्रसन्नता के भाव रहेंगे. मान-सम्मान में वृद्धि होगी. लेकिन बातचीत में संतुलित रहें. वाणी में कठोरता का प्रभाव रहेगा.
कन्या राशि:- आज मन अशांत रहेगा. परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान की यात्रा पर जा सकते हैं. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें. भाइयों का विरोध रहेगा.
तुला राशि:- आज मानसिक शांति रहेगी. आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा. लेकिन आय में अवरोध आ सकते हैं.
वृश्चिक राशि:- आज धैर्यशीलता में कमी आएगी. मन अशांत रहेगा. उच्च शिक्षा एवं शोधादि कार्यों के लिए विदेश प्रवास के योग बन रहे हैं.
धनु राशि:- आज आलस्य में वृद्धि होगी. रोजमर्रा के कार्यों में व्यवधान आएंगे. स्वभाव में चिड़चिड़पन हो सकता है. संतान सुख में वृद्धि होगी.
मकर राशि:- आज मन अशांत रहेगा. पारिवारिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं. रहन-सहन में असहज रहेंगे. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें. मित्रों का सहयोग मिलेगा.
कुम्भ राशि:- आज मानसिक शांति तो रहेगी, लेकिन स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी हो सकता है. जीवन साथी का सहयोग मिलेगा. संचित धन में कमी आ सकती है.
मीन राशि:- आज आशा-निराशा के मिश्रित भाव मन में रहेंगे. संतान को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं. कार्यक्षेत्र में परिश्रम की अधिकता रहेगी.
*आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- सोमवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- अमृत पहला- चर
दूसरा- काल दूसरा- रोग
तीसरा- शुभ तीसरा- काल
चौथा- रोग चौथा- लाभ
पांचवां- उद्वेग पांचवां- उद्वेग
छठा- चर छठा- शुभ
सातवां- लाभ सातवां- अमृत
आठवां- अमृत आठवां- चर
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग
सोमवार, 5 सितंबर 2022
ज्येष्ठ गौरी विसर्जन
शक सम्वत1944 शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते20
मास भाद्रपद
दिन काल12:37:51
तिथि नवमी - 08:29:01 तक, दशमी - 29:55:39 तक
नक्षत्र मूल - 20:05:52 तक
करण कौलव - 08:29:01 तक, तैतिल - 19:14:43 तक
पक्ष शुक्ल
योग प्रीति - 11:27:22 तक
सूर्योदय 06:00:47
सूर्यास्त 18:38:39
चन्द्र राशि धनु
चन्द्रोदय 14:48:59
चन्द्रास्त 25:02:00
ऋतु शरद
अभिजित मुहूर्त 11:44 ए एम से 12:34 पी एम
अग्निवास पृथ्वी - 08:27 ए एम तक , आकाश
दिशा शूल पूर्व
चन्द्र वास पूर्व
राहु वास उत्तर-पश्चिम
श्रीगणेश पूजा के नियम और सावधानियां
पितृ पूजा या पितर कर्म क्यों करना चाहिए?
तुरंत सफलता के लिए माँ विन्ध्येश्वरी साधना की पूजा करना चाहिए
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, विभिन्न शहरों में पूजा का समय....
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