आज का दिनः शनिवार, 3 सितम्बर 2022, देवी श्रीमहालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए सोलह दिवसीय व्रत आज से...

आज का दिनः शनिवार, 3 सितम्बर 2022, देवी श्रीमहालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए सोलह दिवसीय व्रत आज से...

प्रेषित समय :21:26:55 PM / Fri, Sep 2nd, 2022

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  
जो श्रद्धालु देवी महालक्ष्मी की श्रीकृपा प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें सोलह दिवसीय श्रीमहालक्ष्मी व्रत करना चाहिए. श्रीमहालक्ष्मी व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन से शुरू होता है. इस वर्ष 2022 में यह व्रत सितम्बर 3, 2022 से प्रारंभ होगा. यह व्रत श्रीराधा अष्टमी के दिन से किया जाता है तथा श्रीकृष्ण अष्टमी पर संपूर्ण होता है. इस व्रत में प्रतिदिन देवी श्रीमहालक्ष्मी का पूजन किया जाता है.
ऐसे करें व्रत-पूजा...
* प्रात:काल पवित्र स्नान के बाद देवी श्री महालक्ष्मी की पूजा की तैयारी करें.
* श्रीगणेश पूजा के बाद देवी श्रीमहालक्ष्मी के समक्ष व्रत-पूजा का संकल्प लिया जाता है.
* पूजा में सोलह गांठ वाली डोरी ली जाती है और वह हाथ की कलाई पर बांधी जाती है.
* प्रयास रहे कि जो भी पूजन सामग्री आदि लें वह सोलह की संख्या में हो. पूजन सामग्री में- चन्दन, पुष्प, अक्षत, दूर्वा, श्रीफल नारियल आदि लेते हैं तो सोलह दिन अलग-अलग तरह के नैवेद्य लिए जाते हैं.
*  श्रीमहालक्ष्मी व्रत पूरा हो जाने पर वस्त्र से एक मंडप बनाया जाता है और उसमें देवी श्रीमहालक्ष्मी की प्रतिमा रखी जाती है. श्रीमहालक्ष्मी को पंचामृत से पवित्र स्नान कराया जाता है और फिर उसका सोलह प्रकार से पूजन-श्रंगार किया जाता है.
* संभव हो तो सोलह ब्राह्मण पति-पत्नी को भोजन कराया जाता है और दान-दक्षिणा प्रदान की जाती है. यदि संभव न हो तो यथाशक्ति सोलह पवित्र भक्तों को प्रसाद प्रदान किया जा सकता है.
* याद रहे, दिल से पूजा का संपूर्ण लाभ मिलता है, दर्द से पूजा का अधुरा लाभ मिलता है और डर से पूजा का कोई लाभ नहीं मिलता है, इसलिए जो भी पूजा-नैवेद्य-दान सामग्री उपलब्ध हो उससे पवित्र मन से व्रत-पूजा-उद्यापन करें. देवी श्रीमहालक्ष्मी का आशीर्वाद अवश्य मिलेगा.
* यदि संभव हो तो ही सोलह वर्ष के व्रत का संकल्प लें.
* इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए, फल, दूध, मिठाई आदि का सेवन किया जा सकता है.
श्रीमहालक्ष्मी व्रत कथा...
* प्राचीन समय में एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था जो नियमित रूप से भगवान श्रीविष्णु का पूजन किया करता था.
* उसकी श्रद्धा-भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान श्रीविष्णु ने दर्शन दिये और ब्राह्मण से वर मांगने के लिये कहा.
* ब्राह्मण ने माता श्रीमहालक्ष्मी का स्थाई निवास उसके घर में होने की इच्छा प्रकट की.
* ब्राह्मण की इच्छा जानकर भगवान श्रीविष्णु ने बताया कि प्रतिदिन मंदिर के पास एक स्त्री आती है, जो उपले थापती है.
* हे ब्राह्मण! तुम उसे अपने घर आने का निमंत्रण देना क्योंकि वह स्त्री ही देवी श्रीमहालक्ष्मी हैं.
* ब्राह्मण ने ऐसा ही किया.
* देवी श्रीमहालक्ष्मी ने ब्राह्मण से कहा की तुम श्रीमहालक्ष्मी  व्रत-पूजन करो, सोलह दिनों तक व्रत करने के पश्चात चन्द्रदेव को अर्घ्य देने से तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी.
* ब्राह्मण ने देवी के कहे अनुसार व्रत-पूजन किया और परिणाम स्वरूप देवी श्रीमहालक्ष्मी ने ब्राह्मण के घर में स्थाई निवास किया.
* घर में देवी लक्ष्मी के स्थाई निवास के लिए यह व्रत उत्तम है.
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज लाभकारी निवेश बढ़ेगा. बड़े और प्रतिष्ठित लोगों से संबंधों का लाभ मिलेगा. वाहन प्राप्ति के योग हैं. जोखिम, जवाबदारी के कामों में सावधानी आवश्यक है. आर्थिक लाभ होगा.

वृष राशि:- आज व्यापार अच्छा चलेगा. पारिवारिक वातावरण खुशनुमा रहेगा. यात्रा लाभदायक रहेगी. आशानुरूप आमदनी होगी. वाहन क्रय करने के योग बन रहे हैं. निवेश से लाभ हो सकता है. हनुमान जी आरधना करें.

मिथुन राशि:- नए वस्त्र आभूषण की प्राप्ति होगी. दिन की शुरुआत भक्ति भाव से होगी. स्थायी संपत्ति, क्रय-विक्रय से लाभ होगा. अनुभव का लाभ मिलेगा. पारिवारिक वातावरण से ना खुश रहेगे. किसी की भी निंदा न करे.

कर्क राशि:- समय पर काम होने से राहत मिलेगी. व्यापार-व्यवसाय में अनुभव से लाभ होगा।, निवेश में सफलता मिलेगी. समय का सदुपयोग होगा. मित्रों के साथ देव दर्शन होगें.आज खर्च अधिक होने की उमीद है.

सिंह राशि:- कारोबार में दूसरों पर बहुत अधिक विश्वास न करें. व्यवहार कुशलता और सहनशक्ति के बल पर समस्या का समाधन होगा. मित्रों से सहयोग मिलेगा. यात्रा सम्भव है.

कन्या राशि:- आर्थिक मामलों में आज लाभ होगा. कार्यस्थल पर प्रलोभन से बचें. दूसरे के भरोसे न रहें वरना अपना नुकसान कर लेंगे. परिवार की समस्याएं स्वविवेक से हल होंगी. दूसरों को देख कर द्वेष करना छोड़ दें.

तुला राशि:- आज अचानक धन प्राप्ति संभव है. इसके अलावा आपको परिजनों ईष्ट मित्रों से भेंट, उपहार की प्राप्ति होगी. वाणी पर संयम रखें अन्यथा काम बिगड़ सकते हैं. व्यापार अच्छा चलेगा. मेहमानों का आगमन होगा.

वृश्चिक राशि:- आज का दिन शुभ है. सुबह से ही कार्यों की व्यस्तता बनी रहेगी. घरेलू कार्य में दिन बीतेगा. उत्साहपूर्वक व्यावसायिक योजनाओं को पूरा करेंगे और सफल होंगे. कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी, लेकिन स्वास्थ्य कमजोर रहेगा.

धनु राशि:- काम की व्यस्तता में परिवार को नजरअंदाज न करें. अपरिचित व्यक्तियों के सहयोग से आत्मविश्वास बढेगा. खर्चों में कमी का प्रयास करें. सोचे काम समय पर पूरे होंगे. मन पसन्द भोजन मिलेगा.

मकर राशि:- आज परिजनों के साथ सत्संग का लाभ मिलेगा. व्यक्तिगत समस्या का निदान होगा. व्यापारिक कार्य से यात्रा हो सकती है. सामाजिक प्रतिष्ठा का ध्यान रख कर कार्य करें. स्वास्थ्य लाभ होगा.

कुम्भ राशि:- नौकरी में अधिकारी प्रसन्नता दर्शाएंगे पर संभल कर रहें. अच्छे व्यक्तियों से भेंट होगी. आज के दिन आप मेहमानों की खातिरदारी में लगे रहेंगे. दोस्तों के साथ मौज मस्ती में समय बीतेगा.

मीन राशि:- प्रेम प्रसंग में सफलता मिलेगी. वाहन सुख मिलेगा. व्यवसाय में सतर्कता और सावधानीपूर्वक योजनाओं को अंजाम दें. लापरवाही से काम नहीं करें. विद्यार्थी शिक्षा में सफलता अर्जित करेंगे.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453 
*यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
 शनिवार का चौघडिय़ा 
दिन का चौघडिय़ा       रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- काल              पहला- लाभ
दूसरा- शुभ              दूसरा- उद्वेग
तीसरा- रोग              तीसरा- शुभ
चौथा- उद्वेग             चौथा- अमृ
पांचवां- चर               पांचवां- चर
छठा- लाभ                छठा- रोग
सातवां- अमृत            सातवां- काल
आठवां- काल             आठवां- लाभ
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 
पंचांग 
शनिवार, 3 सितंबर 2022
महालक्ष्मी व्रत
दुर्वा अष्टमी पूजा
ज्येष्ठ गौरी आवाहन

शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते18
मास भाद्रपद
दिन काल12:41:11\
तिथि सप्तमी - 12:29:47 तक
नक्षत्र अनुराधा - 22:57:55 तक
करण वणिज - 12:29:47 तक, विष्टि - 23:38:40 तक
पक्ष शुक्ल
योग वैधृति - 16:59:41 तक
सूर्योदय 05:59:47
सूर्यास्त 18:40:58
चन्द्र राशि वृश्चिक
चन्द्रोदय 12:35:59
चन्द्रास्त 23:07:59
ऋतु शरद
अभिजित मुहूर्त 11:44 ए एम से 12:35 पी एम
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल पूर्व
नक्षत्र शूल पूर्व - 10:57 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
चन्द्र वास उत्तर
राहु वास पूर्व

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

श्रीगणेश पूजा के नियम और सावधानियां

पितृ पूजा या पितर कर्म क्यों करना चाहिए?

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, विभिन्न शहरों में पूजा का समय....

Leave a Reply