किशोरावस्था में बिछड़ा था मूक-बधिर 6 साल बाद ऐसे मिला, आधार बनाने के दौरान मिली जानकारी

किशोरावस्था में बिछड़ा था मूक-बधिर 6 साल बाद ऐसे मिला, आधार बनाने के दौरान मिली जानकारी

प्रेषित समय :20:40:50 PM / Thu, Sep 1st, 2022

नागपुर. नागरिकों के पहचान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला आधार, बिछड़े लोगों को भी मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. छह साल पहले बिछड़े एक किशोर को युवावस्था में जाकर उसका परिवार मिल गया है. अपने घर-परिवार से बिछड़ा युवक मूक-बधिर होने की वजह से कुछ भी बताने में अक्षम था. वह काफी दिनों तक एक शेल्टर होम में पनाह लिए था.

नागपुर रेलवे स्टेशन पर 28 नवम्बर 2016 में एक 15 साल का विकलांग लड़का मिला था. यह किशोर न बोल पाने में सक्षम था न ही सुन पाने में. किशोर कुछ भी बता पाने में असमर्थ था कि वह कहां से आया है, कहां जाना है, नागपुर रेलवे स्टेशन तक कैसे पहुंचा. किशोर की हालत देखकर रेलवे अधिकारियों ने कुछ दिनों तक उसके परिजन की तलाश की, लेकिन नहीं मिलने पर उसे नागपुर में ही एक सरकारी अनाथालय में रखवा दिया. सीनियर लड़कों के अनाथालय में किशोर को नया नाम प्रेम रमेश इंगले दिया गया. प्रेम रमेश इंगले यहां करीब छह साल तक रहा.

आधार बनवाया जा रहा है अनाथालय के बच्चों को

दरअसल, सरकारी अनाथालयों के बच्चों का भी आधार बनवाया जा रहा है. इसी क्रम में नागपुर के सीनियर बच्चों के अनाथालय में भी आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू की गई. अनाथालय के अधीक्षक व काउंसलर विनोद डाबेराव ने बीते जुलाई  में अपने बच्चों को आधार सेवा केंद्र ले जाकर आधार कार्ड बनवाना शुरू किया. प्रेम रमेश इंगले के आधार रजिस्ट्रेशन की बारी आई तो उसका आधार नहीं ले रहा था. बार-बार उसका आधार बना हुआ बता रहा था.

फिर बॉयोमेट्रिक्स चेक कराया

अनाथालय के काउंसलर विनोद डोबराव ने प्रेम रमेश इंगले का रजिस्ट्रेशन न होता देख, उसकी बॉयोमेट्रिक्स से आधार चेक कराया तो उनको एक आधार नंबर मिला जो उसका निकला. इस आधार नंबर से सारा डिटेल निकलवाया. इसके बाद आधार सेवा केंद्र नागपुर से यूआईडीएआई के क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई से संपर्क किया गया. मुंबई क्षेत्रीय ऑफिस ने पूरा डिटेल अनाथालय को उपलब्ध कराया.

किशोर जो युवा हो चुका था बिहार का निकला

आधार क्षेत्रीय ऑफिस मुंबई ने नागपुर अनाथालय को डिटेल भेजा उसके अनुसार वह आधार 2016 का बना था. आधार, बिहार के खगडिय़ा जिला के रहने वाले सचिन कुमार का है. इसके बाद अनाथालय ने लोकल पुलिस की मदद ली. नागपुर पुलिस ने खगडिय़ा पुलिस से संपर्क किया. पूरा डिटेल फिर से खंगाला गया. पता चला कि 2016 में किशोर लापता हो गया था. परिजन ने उसके लापता होने की सूचना भी पुलिस को दी थी. फिर अनाथालय से परिजन को विकलांग युवक को सौंपने की पूरी प्रक्रिया अपनाई गई. अगस्त महीने के तीसरे सप्ताह में खगडिय़ा जिले के पुलिस अधिकारियों व लापता युवक के गांव के सरपंच समस्त आवश्यक दस्तावेजों के साथ परिजन संग नागपुर पहुंचे. सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद युवक की मां और अन्य रिश्तेदारों को उसको सुपुर्द कर दिया गया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

जबलपुर में बेटा-बहू के साथ मिलकर सेक्स रैकेट चला रहा था पिता, मुम्बई-नागपुर से आई दो युवतियों सहित 10 गिरफ्तार..!

नागपुर मण्डल में नॉन इंटरलॉकिंग कार्य के चलते रीवा-इतवारी-रीवा ट्रेन फिर रद्द

नागपुर मण्डल में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग कार्य के चलते रीवा-इतवारी-रीवा ट्रेन निरस्त

नागपुर में शख्स ने पत्नी-बेटे के साथ कार में लगाई आग, आर्थिक तंगी से था परेशान

एमपी में जमकर बरस रहा मानसून: भोपाल-नागपुर के बीच पुल के ऊपर बह रहा पानी, हाईवे बंद, 16 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

Leave a Reply