आज का दिन: गुरुवार, 1 सितंबर 2022, रजस्वला पाप-दोष निवारणार्थ ऋषि पंचमी व्रत-पूजा...

आज का दिन: गुरुवार, 1 सितंबर 2022, रजस्वला पाप-दोष निवारणार्थ ऋषि पंचमी व्रत-पूजा...

प्रेषित समय :19:13:40 PM / Wed, Aug 31st, 2022

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  
ऋषि पंचमी का त्यौहार भाद्रपद शुक्ल माह की पंचमी तिथि को मनाते हैं. इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा की जाती है. ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं ऋषियों की पूजा कर उनसे धन-धान्य, सुख-समृद्धि, संतान-सुख आदि की कामना करती हैं लेकिन इस व्रत का खास महत्व है-  रजस्वला काल में जाने-अनजाने हो गए पाप, दोष आदि से मुक्ति! 
जब इंद्र ने त्वष्टा ऋषि के पुत्र वृत्र का वध किया तो उन्हें ब्रह्महत्या का पाप लगा. पाप मुक्ति के लिए ब्रह्मा ने इन्हें चार स्थानों में बाँटा- अग्नि- धूम मिश्रित प्रथम ज्वाला, नदियों- वर्षाकाल के पंकिल जल, पर्वतों- जहाँ गोंद वाले पेड़ होते हैं और स्त्रियों के रजस्वला काल में. अत: मासिक धर्म के समय जाने-अनजाने लगे पाप, दोष से छुटकारा पाने के लिए यह व्रत स्त्रियों को करना चाहिए. इसके लिए संकल्प इस प्रकार है-
अहं ज्ञानतोऽज्ञानतो वा रजस्वला वस्यायां कृतसंपर्कजनितदोषपरिहारार्थम्ऋषिपञ्चमीव्रतं करिष्ये. 
* ऐसा संकल्प कर के पश्चात अरून्धती के साथ सप्तर्षियों की पूजा करनी चाहिए... 
इस व्रत में केवल फलों आदि का सेवन करना चाहिए तथा हल से उत्पन्न किया हुआ अन्न नहीं खाना चाहिए. इस व्रत-पूजा में पुरुषों को यथासंभव ऋग्वेद का पाठ करना चाहिए.
ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं घर में साफ-सफाई के बाद सप्त ऋषियों के साथ देवी अरुंधति की स्थापना करती हैं. सप्त ऋषियों की हल्दी, चंदन, पुष्प, अक्षत आदि से पूजा करके जाने अनजाने हुए अपराधों के लिए क्षमा मांगी जाती है. पूजा के बाद ऋषि पंचमी व्रत कथा सुनी जाती है तथा ब्राह्मण को भोजन करवाकर कर व्रत का उद्यापन किया जाता है.
ऋषि पंचमी की अनेक कथाएं हैं जो अलग अलग जगह पढ़ी-सुनी जाती हैं लेकिन इनका उद्देश्य ऋषि पंचमी का महत्व दर्शाना है इसलिए कोई भी कथा जो स्थानीय स्तर पर पढ़ी-सुनी जाती है उसे श्रद्धापूर्वक सुने, इसी तरह की एक कथा यहां पर दी जा रही है...
* प्राचीन काल में विदर्भ देश में उत्तक नामक ब्राह्मण अपनी पतिव्रता पत्नी के साथ रहता था. उसके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री थी. 
* उसने अपनी पुत्री का विवाह श्रेष्ठ ब्राह्मण के साथ कर दिया था लेकिन वह विधवा हो गयी और धर्म पालन करने के साथ वह अपने पिताश्री के घर ही रहने लगी. 
* अपनी पुत्री को दुखी देखकर वह अपने पुत्र को घर पर छोड़कर अपनी पत्नी और पुत्री को लेकर गंगा किनारे आश्रम बनाकर रहने लगा. 
* एक दिन काम करते-करते थक कर पुत्री वहीं पत्थर की शिला पर सो गई तो रात में उसके शरीर में कीड़े पड़ गये. 
* पुत्री की ऐसी हालत देखकर ब्राह्मणी बहुत दुखी हो गई और पति से पूछने लगी इसकी हालत ऐसी क्यों हो गई? 
* ब्राह्मण ने ध्यान लगाया तो पता चला कि पूर्व जन्म में भी उसकी पुत्री ब्राह्मणी थी और एक बार रजस्वला होने पर उसने रजस्वला काल का धर्म नहीं निभाया था, इसके परिणामस्वरूप वह कष्ट भोग रही है. 
* ऐसे पाप निवारण के लिए श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को जानकारी दी थी और बताया था कि जो स्त्री रजस्वला होकर भी वर्जित कर्म करती है वह पाप की भागी बनती है. ऐसी स्थिति में जाने-अनजाने पाप कर्मों से मुक्ति के लिए हर स्त्री को ऋषि पंचमी का व्रत करना चाहिए.
* ऋषि पंचमी के दिन व्रत रखकर पूरे विधि-विधान से सप्तर्षियों की पूजा करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के जाने-अनजाने पाप नष्ट हो जाते हैं. 
* अविवाहित स्त्रियों के लिए यह व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण और फलदायक माना जाता है.
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- निर्धारित कार्य समय पर पूरा करेंगे, सहकर्मी सहयोग करेंगे. मायके से शुभ समाचार मिल सकता है. कही यात्रा पर जा सकते है.

वृष राशि:- फिजूलखर्च से बचें और निर्धारित काम समय पर पूरा करें. विद्यार्थियों के लिए दिन अच्छा नहीं है लेकिन सेहत अच्छी रहेगी.परिवार का सहयोग मिलेगा.

मिथुन राशि:- धनलाभ होगा और परिवार में सुख-शांति रहेगी. सोच-समझकर काम करेंगे तो नुकसान से बचेंगे. वाणी पर संयम रखें. शुभ समाचार मिल सकता है.

कर्क राशि:- माता-पिता की कोई भी बात आप ना टालें. कानूनी मामलों से दूर रहें, तनाव से दूर रहें. दुर्घटना का योग है, वाहन सावधानी से चलाएं.किसी करीबी से मनमुटाव हो सकता है.

सिंह राशि:- परिवार में कलह हो सकता है, तनाव बढ़ेगा. खर्च बढ़ेगा, सेहत बिगड़ सकती है. जल्दबाजी में कोई फैसला ना लें. वाणी पर संयम रखें.

कन्या राशि:- कोई नया काम शुरु ना करें, यात्रा टाल दें. वाद-विवाद स दूर रहें, मानहानि का योग है. आज दिन आपके लिए तनाव भरा होगा.

तुला राशि:- कारोबार में वृद्धि होगी, मान-सम्मान मिलेगा. रुका पैसा मिलेगा, सरकारी काम बनेंगे.किसी से ना उलझें. गाड़ी संभालकर चलायें.

वृश्चिक राशि:- विदेश से शुभ समाचार मिलेगा, दोस्तों के साथ दिन बिताएंगे. सेहत अच्छी रहेगी लेकिन काम पूरा करने में आलस करेंगे. गाड़ी संभलकर चलाएं.

धनु राशि:- सहकर्मियों के साथ तनाव दूर होगा और उनसे लाभ भी होगा. कार्य में सफलता मिलेगी लेकिन आज ज्यादा भावुक रहेंगे. कोई भी फैसला जल्दबाजी में ना करें.

मकर राशि:- आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक क्षेत्र में लाभ होगा. शादी की बात पक्की हो सकती है, घूमने जाएंगे. पत्नी से झगड़ा हो सकता है. इसलिए बात सोच समझकर करें.

कुम्भ राशि:- धन लाभ होगा लेकिन बीमारी पर खर्च बढ़ सकता है. कारोबारियों को उनका रुका पैसा मिलेगा. जल्दबाजी में कोई काम ना करें.

मीन राशि:- क्रिएटिव तरीके से काम पूरे करेंगे, आत्मविश्वास बढ़ेगा. दोस्तों के साथ घूमने जा सकते हैं, सेहत अच्छी रहेगी. परिवार से मनमुटाव हो सकता है.
 * आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 9131366453 
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- गुरुवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा               रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- शुभ                           पहला- अमृत
दूसरा- रोग                             दूसरा- चर
तीसरा- उद्वेग                         तीसरा- रोग
चौथा- चर                             चौथा- काल
पांचवां- लाभ                        पांचवां- लाभ
छठा- अमृत                          छठा- उद्वेग
सातवां- काल                        सातवां- शुभ
आठवां- शुभ                        आठवां- अमृत

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 
- पंचांग-
गुरुवार, 1 सितंबर 2022
ऋषि पञ्चमी
स्कन्द षष्ठी
शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते16
मास भाद्रपद
दिन काल12:44:27
तिथि पंचमी - 14:51:12 तक
नक्षत्र स्वाति - 24:12:55 तक
करण बालव - 14:51:12 तक, कौलव - 26:25:13 तक
पक्ष शुक्ल
योग ब्रह्म - 21:11:30 तक
सूर्योदय 05:58:47
सूर्यास्त 18:43:14
चन्द्र राशि तुला
चन्द्रोदय 10:26:59
चन्द्रास्त 21:44:00
ऋतु शरद
अभिजित मुहूर्त 11:45 ए एम से 12:35 पी एम
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल दक्षिण
चन्द्र वास पश्चिम
राहु वास दक्षिण  
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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