- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* विनायक चतुर्थी के अवसर पर श्री गणेश की आराधना जीवन में विजय की पताका फहराती है. इस दिन सच्चे मन से भगवान श्री गणेश की पूजा करें, लडुवन का भोग लगाएं, श्री गणेश कृपा की कामना के साथ दूब अर्पित करें, सामर्थ्य के अनुसार व्रत करें और संभव हो तो दान-पुण्य करें, कथा सुने..जीवन सफल हो जाएगा!
* श्रीगणेश पूजा में शुद्ध भावना का विशेष महत्व है, इसलिए पवित्र मन से प्रार्थना करें, श्रीगणेश की शुभ दृष्टि जीवन की सारी बाधाएं दूर करेगी...
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय.
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते..
विघ्नों को दूर करनेवाले, वरदान देनेवाले, देवताओं के प्रिय, बड़े उदरवाले, सर्वजगत की रक्षा करनेवाले, हाथी सदृश्य मुखवाले, वेद और यज्ञ के आभुषण, देवी पार्वती के पुत्र, ऐसे हैं गणों के स्वामी श्रीगणेश, आपको नमस्कार हो, नमस्कार हो!
* जब हम कोई कार्य करते हैं तो उसका उद्देश्य होता है- विजय. जीवन में व्यक्ति हर समय विजय प्राप्त करने के लिए प्रयास करता है लेकिन विघ्न, विजय की राह में बाधा बनते हैं...विनायक की आराधना समस्त विघ्नों को समाप्त करती है और इसका सबसे अच्छा अवसर होता है हर माह की विनायक चतुर्थी! हर माह में शुक्ल पक्ष की, अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि पूर्णिमा के बाद आने वाली यानी कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं.
* विनायक चतुर्थी का पूजा-पर्व भगवान श्रीगणेश को समर्पित है. विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने होता है लेकिन सबसे मुख्य विनायक चतुर्थी का व्रत भाद्रपद के महीने में होता है. संपूर्ण विश्व में इसे गणेश चतुर्थी यानी भगवान गणेशजी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
॥ श्री गणेश जी की आरती ॥
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त,चार भुजाधारी.
माथे पर तिलक सोहे,मूसे की सवारी॥
पान चढ़े फूल चढ़े,और चढ़े मेवा.
लड्डुअन का भोग लगे,संत करें सेवा॥
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
अँधे को आँख देत,कोढ़िन को काया.
बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया॥
सूर श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा.
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
- आज का राशिफल-
मेष राशि :- नोकरी एवम रोजगार मिलने का योग हैं. देश विदेश की यात्रा का योग बन रहा है. समय अनुकूल चल रहा है. अपने समय का सदुपयोग करना ही श्रेष्ठकर रहेगा. लाभ मिलेगा. ऋण से मुक्ति मिलेगा. लाभकारी योजनाएं बनेंगी. शत्रु शांत रहेंगे. व्यापार, निवेश, नौकरी लाभकारी रहेंगे.
सावधानी:- वाणी पर नियंत्रण रखें,
उपाय:- लाल चंदन भगवान सूर्यदेव को अर्पण करें
वृष राशि:- समस्त समस्याओ का समाधान होगा.लाभ का योग बन रहा है. संतान सुख प्राप्त का योग बन रहा है. संतान की चिंता समाप्त होगी. धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी. निवेश, व्यापार-नौकरी लाभ देंगे. यात्रा मंगलकारी रहेगी. शत्रु शांत रहेंगे.
सावधानी:- अपने समय का सदुपयोग करें.
उपाय:- सफेद वस्त्र दान करें.पत्नी एवम माँ का सम्मान करें.
मिथुन राशि:- वाद-विवाद से वचना ही लाभप्रद रहेगा. यात्रा एवम मित्रो से लाभ प्राप्त होगा. राजनीतिग्यो के लिए श्रेष्ठ समय चल रहा है. पदोन्नति का योग तथा नये व्यापर से लाभ मिलेगा शुभ घटनाओं के होने का प्रबल योग है. आर्थिक निवेश सोच-समझकर करेंं. शुभ समाचार मिलेंगे.
सावधानी:- खान पान पर नियंत्रण रखें.
उपाय:- हरा वस्त्र दान करें किसी जरूरतमन्द को.
कर्क राशि:- सद्बुद्धि एवम आध्यत्म में रूचि बढ़ेगी.राजनैतिक लाभ मिलेगा.दूर देश की यात्रा होगी. कार्य के विस्तार की योजना बनेगी. शत्रु चिंतित करेंगे. संपत्ति से लाभ होगा. निवेश तथा नौकरी के अनुकूल परिणाम होंगे. यात्रा हो सकती है.
सावधानी:- शेयर में पूंजी निवेश करने से बचे.
उपाय:- मोती एवम चाँदी दान करें अपनी पत्नी अथवा माता जी को.
सिंह राशि:- आलस्य का परित्याग श्रेयस्कर रहेगा. मनोबल बढ़ेगा. कार्य में मन लगाना श्रेयस्कर रहेगा. पराक्रम से लाभ तथा सम्मान बढ़ेगा. परीक्षा में सफलता मिलेगी. आवेश में कोई कार्य नहीं करें.
सावधानी:- गुस्सा पर नियंत्रण रखें. पिता से वाद विवाद न करें.
उपाय:- लाल चंदन,लाल पुष्प भगवान भाष्कर को अर्पित करें.
कन्या राशि:- सलाह एवम मशविरा से लाभ मिलने का योग है. बुद्धि के कार्य लाभ देंगे. निवेश, नौकरी में लाभ होगा. यात्रा मंगलकारी होगी. जोखिम न उठाएं. शत्रु शांत रहेंगे. लाभदायक समाचार मिलेंगे.
सावधानी:- अपनी गोपनियता बरते.
उपाय:- गोशाला में गाय को अपने वजन के बराबर हरा चारा अर्पित करें.
तुला राशि:- मान सम्मान में वृद्धि, व्यापार में वृद्धि का योग है. उत्तम समय है. लाभ प्राप्त करने का. यात्रा से लाभ होगा. नये रोजगार से लाभ मिलेगा. आर्थिक लाभ होगा
पदोन्नति का योग है.
सावधानी:- रोग एवं शत्रु से सावधानी बरते.
उपाय:- अपनी बहन को लाल वस्त्र उपहार स्वरूप दें.
वृश्चिक राशि:- पराक्रम से लाभ एवम मान प्रतिष्ठा में वृद्धि का योग है. व्यापार में लाभकारी सौदे होंगे. विद्यार्थी के सफलता का समय चल रहा है. धन अर्जित करेंंगे. यात्रा हो सकती है. स्थायी संपत्ति के मामलो से लाभ मिलने का योग है.
सावधानी:- अति विश्वास करना नुकसानदेह हो सकता है.
उपाय:- श्री हनुमान कवच का पाठ करना आपके लिए हित प्रद रहेगा.
धनु राशि:- व्यापार निवेश में जोखिम उठाने से लाभ बढ़ेगा. नौकरी आदि में प्रमोशन मिल सकता है. विरोधी परास्त होंगे. कार्य में मित्रों की मदद से सफलता मिलने का योग है. शुभ कार्य एवम संतान लाभ का योग बन रहा है.
सावधानी:- नये कार्य करने से बचे.
उपाय:- गुरु माता का नवीन वस्त्र गुरुवार को आदर सहित दान दें.
मकर राशि:- देश विदेश की यात्रा का योग है. मान सम्मान में वृद्धि होने का योग है. शुभ कार्य होंगे. यात्रा से लाभ और व्यापार में निवेश से लाभ प्राप्त होंगे. सरकारी नौकरी तथा साक्षात्कार में बुलावा आ सकता है. शुभ समय है. वाणी पर संयम आवश्यक है.
सावधानी:- तेज गति का वाहन चलाने से परहेज करें.
उपाय:- ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट स्वाहा मंत्र का नियमित जाप करें.
कुम्भ राशि:- आर्थिक स्थिति सुद्रढ़ होगा.मनोबल बढ़ेगा. विरोधियो से कष्ट मिल सकता है. शुभ घटनाये घटित हो सकता है. प्रतिष्ठा में वृद्धि होगा. रोग एवम शत्रु से परास्त होंगे. अपनी गोपनीयता बरते
उपाय:- काली वस्तु का दान करें.पक्षियों को दाना खिलाएं.
मीन राशि:- रुका हुआ कार्य सम्पन्न होगा. योजनाएं लाभ देंगी. बहुत दिनों से चिर प्रतीक्षित रुका हुआ धन वापस आएगा. निवेश लाभकारी रहेगा. भागदौड़ बनी रहेगी बाधाओं के साथ कार्यो में सफलता मिलेगी.
सावधानी:- पूंजी निवेश करते समय राय मशविरा करना हितकर रहेगा.
उपाय:- पीले वस्तु का दान करें.भगवान विष्णु जी की आराधना करें.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- बुधवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- लाभ पहला- उद्वेग
दूसरा- अमृत दूसरा- शुभ
तीसरा- काल तीसरा- अमृत
चौथा- शुभ चौथा- चर
पांचवां- रोग पांचवां- रोग
छठा- उद्वेग छठा- काल
सातवां- चर सातवां- लाभ
आठवां- लाभ आठवां- उद्वेग
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग
बुधवार, 31 अगस्त 2022
गणेश चतुर्थी
विनायक चतुर्थी
शक सम्वत1944 शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते15
मास भाद्रपद
दिन काल12:46:05
तिथि चतुर्थी - 15:25:00 तक
नक्षत्र चित्रा - 24:13:27 तक
करण विष्टि - 15:25:00 तक, बव - 27:11:05 तक
पक्ष शुक्ल
योग शुक्ल - 22:47:26 तक
सूर्योदय 05:58:16
सूर्यास्त 18:44:22
चन्द्र राशि कन्या - 12:04:52 तक
चन्द्रोदय 09:26:59
चन्द्रास्त 21:10:00
अभिजित मुहूर्त कोई नहीं
अग्निवास आकाश - 03:22 पी एम तक , पाताल
दिशा शूल उत्तर
चन्द्र वास दक्षिण - 12:04 पी एम तक
पश्चिम - 12:04 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास दक्षिण-पश्चिम
ऋतु शरद
तुरंत सफलता के लिए माँ विन्ध्येश्वरी साधना की पूजा करना चाहिए
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, विभिन्न शहरों में पूजा का समय....
पूजा -आराधना उचित और सही तरीके से करे
राहु-केतु की वजह से उठापटक चल रही हो तो भांग मिश्रित जल और धतुरे से शिवलिंग की पूजा करें
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