आज का दिनः मंगलवार, 30 अगस्त 2022,हरतालिका तीज देती है अखंड सौभाग्य...

आज का दिनः मंगलवार, 30 अगस्त 2022, हरतालिका तीज देती है अखंड सौभाग्य...

प्रेषित समय :19:51:06 PM / Mon, Aug 29th, 2022

हरत मतलब- हरण और आलिका मतलब- सखी, और इसीलिए हरतालिका तीज क्योंकि देवी पार्वती की सखी उन्हें उनके पिताश्री के प्रदेश से हर कर घनघोर जंगल में ले गई थीं शिवोपासना के लिए! 
हिन्दुस्तान की महिलाओं का प्रमुख त्योहार- हरतालिका व्रत, भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन होता है. इस दिन हस्त नक्षत्र में गौरी-शंकर की पूजा-अर्चना की जाती है. हिन्दू महिलाओं का यह बहुत कठोर व्रत है जिसमें व्रतधारी महिलाएं पानी तक नहीं लेती क्योंकि देवी पार्वती ने भी शिव को पाने के लिए बड़ा कठोर व्रत किया था.
यों तो अलग अलग क्षेत्रों में में यह व्रत अलग अलग नाम से पुकारा जाता है और व्रत पूजा भी विविध तरीकों से की जाती है लेकिन मूल उद्देश्य शिव-पार्वती की पूजा है.  
प्राचीन समय से ही धार्मिक पूजाएं क्षेत्र में ही आसानी से उपलब्ध सामग्री से की जाती रही हैं और हरतालिका पूजा के लिए भी ऐसी ही सामग्री- गीली काली मिट्टी, बेलपत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल-फूल, तुलसी, मंजरी, यज्ञोपवित, वस्त्र और विविध प्रकार के फल-फूल-पत्ते आदि उपयोग में ली जाती हैं.
माता पार्वती के लिए सुहाग सामग्री में- मेहंदी, चूडिय़ां, बिछियां, काजल, कुमकुम, सिंदूर, कंघी और बाजार में उपलब्ध विविध सामग्री ली जाती है. इसके अलावा हर पूजा में उपयोगी- श्रीफल, कलश, चन्दन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, घी, दही, शक्कर, दूध, शहद, पंचामृत आदि सामग्री ली जाती है.
* इस अवसर पर सबसे पहले घर को व्रत के लिए साफ-सुथरा और पवित्र करके रंगोली आदि से आकर्षक सजाएं. 
* भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के समक्ष व्रत का संकल्प लें. 
* याद रहे किसी भी पूजा में भाव का ज्यादा महत्व है इसलिए किसी भी तरह की शंका मन में नहीं रखें एवं अपनी श्रद्धा-शक्ति के अनुरूप पवित्र मन से पूजा करें. देवी पार्वती ने भी अनजाने में भोलेनाथ की पूजा केवड़े से की थी लेकिन भोलेनाथ ने उनकी पूजा स्वीकार की और केवड़े को भी फिर स्वीकार किया. इसीलिए गुजरात में तो इसे केवड़ा त्रिज कहते हैं! 
* वैसे हरतालिका पूजन प्रदोष काल में किया जाता है लेकिन स्थानीय परंपरा एवं धर्मगुरु के निर्देशानुसार पूजा करना श्रेष्ठ है. 
* पूजा में मिट्टी से शिव-पार्वती-गणेश की प्रतिमा बनाएं. 
* इसके बाद सुहाग की टोकरी में सारी सुहाग सामग्री सजा कर रखें और इन्हें देवी पार्वती को अर्पित करें.
* भोलनाथ को धोती-अंगोछा आदि वस्त्र अर्पित करें.
* पूजा-आराधना के बाद हरतालिका व्रत कथा सुनें.
* श्रीगणेश, भोलेनाथ और माता पार्वती की आरती करें.
* पूजा-व्रत में रह गई किसी कमी के लिए अपनी भाव-भाषा में क्षमा प्रार्थना करें.
* पूजा-व्रत-कथा के पश्चात समस्त सामग्री ब्राह्मण सद्परिवार को सादर प्रदान करें. 
* रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन के पश्चात प्रात:काल पूजा के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं. भोग लगाएं और इसके बाद व्रत खोलें.
* यह व्रत करने से विवाहित-अविवाहित सभी महिलाओं की उत्तम परिवार की अभिलाषा पूर्ण होती है और अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है. 
- आज का राशिफल -  
मेष राशि:- किसी अपने व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है. वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें. बुरी खबर मिल सकती है. स्वास्‍थ्य का पाया कमजोर रहेगा. व्यर्थ भागदौड़ रहेगी. नौकरी में कार्यभार रहेगा. दूसरे अधिक अपेक्षा करेंगे. धैर्य रखें.

वृष राशि:- घर-बाहर पूछ-परख रहेगी. मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा. जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे. मित्रों व रिश्तेदारों की मदद करने का अवसर प्राप्त होगा. कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है.

मिथुन राशि:- शुभ समाचार प्राप्त होंगे. यात्रा सफल रहेगी. आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. घर में अतिथियों का आगमन होगा. व्यय होगा. नए मित्र बनेंगे. व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा. नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे. धन प्राप्ति सुगम होगी. दूसरों के कार्य में दखल न दें.

कर्क राशि:- नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा. किसी बड़े काम के होने से प्रसन्नता रहेगी. अप्रत्याशित लाभ हो सकता है. सुख के साधन जुटेंगे. नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा. कारोबार में वृद्धि होगी. शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से मनोनुकूल सफलता प्राप्त होगी.

सिंह राशि:- स्वास्थ्य पर बड़ा खर्च हो सकता है. कर्ज लेना पड़ सकता है. निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें. अकारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. यात्रा में सावधानी आवश्यक है. कारोबार ठीक चलेगा. बेचैनी रहेगी. ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें. धैर्य रखें.

कन्या राशि:- व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. रुका हुआ पैसा मिल सकता है. धन प्राप्ति सुगम होगी. किसी बड़े काम को करने की इच्छा बनेगी. कारोबार अच्छा चलेगा. रोजगार में वृद्धि होगी. भाग्य का साथ मिलेगा. निवेश शुभ रहेगा. पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे.

तुला राशि:- पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है. विवाद को बढ़ावा न दें. राजभय रहेगा. जल्दबाजी से बचें. योजना फलीभूत होगी. कार्यस्‍थल पर परिवर्तन तथा सुधार की संभावना है.व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा. नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे. जीवन सुखमय गुजरेगा. लाभ होगा.

वृश्चिक राशि:- धर्म-कर्म में रुचि रहेगी. सत्संग का लाभ होगा. धार्मिक कृत्यों पर व्यय होगा. कारोबार लाभदायक रहेगा. विवेक से कार्य करें. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. नौकरी में चैन रहेगा. शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि में जल्दबाजी न करें.

धनु राशि:- चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि संभव है. पुराना रोग उभर सकता है. क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें. वाणी पर संयम आवश्यक है. लेन-देन में जल्दबाजी न करें. कारोबार अच्‍छा चलेगा. नौकरी में कार्यभार रहेगा. सहकर्मी साथ नहीं देंगे. जल्दबाजी न करें.

मकर राशि:- राजकीय सहयोग प्राप्त होगा. रुके कार्यों में गति आएगी. जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा. व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. नए काम मिल सकते हैं. थकान व कमजोरी रह सकती है. नौकरी में चैन रहेगा. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. निवेश शुभ रहेगा. घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी.

कुम्भ राशि:- स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं. बड़े लाभदायक सौदे हो सकते हैं. बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे. उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे. भाग्य का साथ मिलेगा. निवेश शुभ रहेगा. नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे. शारीरिक कष्ट की आशंका है. जल्दबाजी न करें.

मीन राशि:- विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य में सफलता प्राप्त करेगा. एकाग्रता बनी रहेगी. कारोबार में वृद्धि होगी. किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा. यात्रा मनोरंजक रहेगी. कारोबार लाभदायक रहेगा. निवेश शुभ रहेगा. घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 9131366453 
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- मंगलवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा                  रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- रोग                             पहला- काल
दूसरा- उद्वेग                           दूसरा- लाभ
तीसरा- चर                            तीसरा- उद्वेग
चौथा- लाभ                             चौथा- शुभ
पांचवां- अमृत                       पांचवां- अमृत
छठा- काल                             छठा- चर
सातवां- शुभ                          सातवां- रोग
आठवां- रोग                           आठवां- काल
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 
पंचांग
मंगलवार, 30 अगस्त 2022
हरतालिका तीज
वराह जयन्ती
स्वर्ण गौरी व्रत

शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते14
मास भाद्रपद
दिन काल12:47:42
तिथि तृतीया - 15:35:21 तक
नक्षत्र हस्त - 23:50:34 तक
करण गर - 15:35:21 तक, वणिज - 27:33:03 तक
पक्ष शुक्ल
योग शुभ - 24:04:26 तक
सूर्योदय05:57:47
सूर्यास्त 18:45:29
चन्द्र राशि कन्या
चन्द्रोदय 08:28:59
चन्द्रास्त 20:38:59
ऋतु शरद
अभिजित मुहूर्त 11:45 ए एम से 12:36 पी एम
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल उत्तर
चन्द्र वास दक्षिण
राहु वास पश्चिम

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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पूजा -आराधना उचित और सही तरीके से करे

राहु-केतु की वजह से उठापटक चल रही हो तो भांग मिश्रित जल और धतुरे से शिवलिंग की पूजा करें

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