खुदा हाफिज चैप्टर 2- एक्शन में ही दिखा दम, कमजोर रह गई कहानी

खुदा हाफिज चैप्टर 2- एक्शन में ही दिखा दम, कमजोर रह गई कहानी

प्रेषित समय :11:42:37 AM / Fri, Jul 8th, 2022

फिल्म: खुदा हाफिज चैप्टर 2- अग्नि परीक्षा
कास्ट: विद्युत जामवाल, शिवालिका ओबरॉय, रिद्धी शर्मा, शीबा चड्ढा, दिव्येन्दु भट्टाचार्या, राजेश तैलांग
निर्देशक: फारुक कबीर

विद्युत जामवाल ने 'खुदा हाफिज 2' में दमदार एक्शन और एक्टिंग की है। भारत से लेकर इजिप्ट तक कहानी जाती है और उनके कई एक्शन सीन्स हैं। शिवालिका ओबरॉय को स्क्रीन टाइम कम मिला लेकिन उन्होंने अच्छा काम किया। ठाकुर जी के रोल में शीबा चड्ढा, राशिद कसाई बने दिव्येन्दु भट्टाचार्या, पत्रकार के किरदार में राजेश तैलांग, नंदिनी के रोल में रिद्धी शर्मा ने भी अच्छी एक्टिंग की है।

फिल्म 'खुदा हाफिज 2' में मुद्दा काफी गंभीर उठाया गया लेकिन उसकी रफ्तार इतनी धीमी थी, जो नहीं होनी चाहिए थी। फिल्म में कई जगहों पर एडिटिंग की जा सकती थी। बेहतरीन स्टार कास्ट होने के बाद भी 'खुदा हाफिज 2' की कहानी में जान नहीं आ पाई। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक कमजोर रहा और साथ ही ऐसा कोई गाना नहीं है जो आपके दिमाग में फिल्म देखने के बाद ठहर सके। एक्टर विद्युत जामवाल को एक्शन हीरो कहा जाता है और उनकी लगभग हर फिल्म में धमाकेदार एक्शन होता है। एक्टर की फिल्म 'खुदा हाफिज चैप्टर 2' सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। ये फिल्म खुदा हाफिज का दूसरा पार्ट है और पहला पार्ट भी फारुक कबीर ने निर्देशित किया था। 

कहानी- लखनऊ से कहानी शुरू होती है जहां समीर चौधरी (विद्युत जामवाल) अपनी पत्नी नरगिस (शिवालिका ओबरॉय) के साथ जिंदगी फिर से जीने की कोशिश कर रहे हैं। नरगिस डिप्रेशन का शिकार है और वह अपने पति से हर वक्त नाराज रहती है। तो वहीं समीर नरगिस की जिंदगी में फिर से खुशियां लाने के लिए एक लड़की नंदिनी (रिद्धी शर्मा) को गोद ले लेता है। नरगिस-समीर की जिंदगी बेहतर होने लगती है और उनका परिवार कंप्लीट हो जाता है। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब कुछ लोग 5 साल की बच्ची नंदिनी को किडनैप कर लेते हैं और उसका रेप कर देते हैं। बेटी को बचाने के लिए समीर हर हद तक जाता है लेकिन बचा नहीं पाता है। 

फारुक कबीर ने फिल्म का पहला पार्ट भी बनाया था और किडनैपिंग के इर्द-गिर्द ही पूरी कहानी लिखी थी। अब 'खुदा हाफिज 2' में भी उन्होंने किडनैपिंग का प्लॉट लिया है लेकिन साथ ही एक गंभीर मुद्दा भी उठाया। फारुक ने रेप के मुद्दे को लेकर फिल्म बनाई है कि देश में बेटियां-महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। डायरेक्टर ने फिल्म में इमोशन खूब डाला लेकिन 'खुदा हाफिज 2' की रफ्तार इतनी धीमी थी कि कनेक्शन नहीं बन पाया। जितन हरमीत सिंह ने सिनेमैटोग्राफी की है, जो थोड़ी और बेहतर हो सकती थी।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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