पुरी. विधिवत अनुष्ठान के साथ जगन्नाथ यात्रा का आरंभ होने के साथ ही ओडिशा के पुरी में दो साल बाद श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा. भगवान जगन्नाथ के 12वीं शताब्दी के प्रतिष्ठित मंदिर में उत्सव देखने के लिए हजारों लोग ओडिशा के पुरी में हैं, जो भक्तों के लिए बेहद पूजनीय हैं.
भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद पूर्ण जनभागीदारी के साथ हो रही है. इसका समापन अगले सप्ताह 9 जुलाई को होगा. यात्रा के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
विकास आयुक्त पीके जेना ने कहा कि हमें रथ यात्रा पर लगभग 10 लाख की बड़ी भीड़ की उम्मीद है, क्योंकि लोगों को दो साल के अंतराल के बाद उत्सव में भाग लेने की अनुमति है. रथ यात्रा को उतना ही पुराना माना जाता है जितना कि प्रतिष्ठित मंदिर. इसे एक दुर्लभ त्योहार भी कहा जाता है, क्योंकि देवताओं को मंदिर परिसर से बाहर ले जाया जाता है।.साथ ही मूर्तियों को लकड़ी से तराशा गया है, न कि धातु से. दिव्य चक्र के साथ देवता यात्रा के लिए निकले- सुदर्शन चक्र, जिसे औपचारिक जुलूस के दौरान मंदिर से हटा दिया जाता है.
वहीं पुलिस उपमहानिरीक्षक, अग्निशमन सेवा, संतोष कुमार उपाध्याय ने कहा कि हमारे प्रशिक्षित कर्मी ग्रैंड रोड और समुद्र तट दोनों में किसी भी संभावित अप्रिय घटना में हस्तक्षेप करने के लिए तैयार रहेंगे. पुरी और उसके आसपास दर्जनों सीसीटीवी कैमरों के साथ विभिन्न रैंकों के 1,000 अधिकारियों सहित 180 से अधिक प्लाटून सशस्त्र पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. भारतीय तटरक्षक बल को भी निगरानी के लिए तैनात किया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ओडिशा में पटनायक सरकार की नई कैबिनेट ने ग्रहण की शपथ, इन मंत्रियों को मिली जगह
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