आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने की बहुत जरूरत: पीएम मोदी

आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने की बहुत जरूरत: पीएम मोदी

प्रेषित समय :07:54:43 AM / Tue, May 24th, 2022

टोक्यो. क्वाड़ समिट में हिस्सा लेने जापान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीयों से कहा कि भारत और जापान नैसर्गिक सहयोगी हैं और भारत की विकास यात्रा एवं क्षमता निर्माण में जापान की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक समुदाय भारत में आधारभूत ढांचे के अभूतपूर्व पैमाने एवं गति तथा क्षमता के विकास को देख रहा ह

पीएम मोदी ने कहा कि जापान से हमारा रिश्ता सामथ्र्य, सम्मान और विश्व के लिए साझे संकल्प का है. जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध, बोध, ज्ञान, ध्यान का है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे मक्खन पर लकीर खींचने में मजा नहीं आता, मैं पत्थर पर लकीर खींचता हूं. समस्याओं के समाधन को लेकर जो भारतीयों का आत्मविश्वास है जो हर क्षेत्र, हर दिशा, हर कदम पर दिखाई देता है.

उन्होंने कहा कि जापान से हमारा रिश्ता आत्मीयता का है, आध्यात्म का है, सहयोग का है, अपनेपन का है. पीएम मोदी ने भारत के क्षमता निर्माण में जापान को एक अहम भागीदार बताया. उन्होंने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल हो, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा हो, समर्पित माल गलियारा हो, ये भारत-जापान के सहयोग के बहुत बड़े उदाहरण हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर, उनके बताए रास्ते पर चलने की बहुत ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि यही रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती, चाहे वो हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद या जलवायु परिवर्तन हो, इन सबसे मानवता को बचाने का यही मार्ग है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में जिस तरह से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई, आपूर्ति श्रृंखला पर प्रश्न चिन्ह उठा, भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिये हम आत्मनिर्भर भारत के समाधान के साथ आगे बढ़ रहे हैं. आत्मनिर्भर भारत का हमारा समाधान केवल भारत के लिये ही नहीं है बल्कि यह स्थिर एवं टिकाऊ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिये है.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा समस्या का समाधान निकाला है, चाहे समस्या कितनी बड़ी क्यों न रही हो. उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय अनिश्चितता का माहौल था. लेकिन उस समय भी भारत ने मेड इन इंडिया वैक्सीन्स अपने करोड़ों नागरिकों को लगाईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन विश्व के सामने एक महत्वपूर्ण संकट बन गया है. भारत जलवायु परिवतज़्न के संबंध में बातचीत की अगुवाई कर रहा है. भारत ने वर्ष 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति गैर जीवाश्म क्षमता के माध्यम से करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 

पीएम मोदी ने कहा कि आज वैश्विक समुदाय, भारत में आधारभूत ढांचे के अभूतपूर्व पैमाने एवं गति तथा क्षमता विकास को देख रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में डिजिटल क्रांति ने यह सुनिश्चित किया कि बैंकिंग प्रणाली ने कोविड काल में भी प्रभावी ढंग से काम किया. उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया के कुल डिजिटल लेनदेन का 40 प्रतिशत होता है. उन्होंने कहा कि जब भी मैं जापान आता हूं, तो मैं देखता हूं कि आपकी स्नेह वर्षा हर बार बढ़ती ही जाती है. आप में से कई साथी अनेक वर्षों से यहां बसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि जापान की भाषा, वेशभूषा, संस्कृति और खानपान एक प्रकार से आपके जीवन का भी हिस्सा बन गया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो वो आने वाले 25 साल यानी आजादी के 100वें वर्ष तक हिंदुस्तान को हमें किस ऊंचाई तक पहुंचाना है, आज देश उस रोडमैप को तैयार करने में लगा हुआ है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने एक मजबूत और लचीले एवं जिम्मेदार लोकतंत्र की पहचान बनाई है और उसे बीते आठ साल में हमने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाया है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत में आज सही मायने में लोकोन्मुखी प्रशासन काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रशासन का यही मॉडल, परिणाम को प्रभावी बना रहा है। यही लोकतंत्र पर निरंतर मज़बूत होते विश्वास का सबसे बड़ा कारण है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत अपने अतीत को लेकर जितना गौरवान्वित है, उतना ही प्रौद्यागिकी नीत, विज्ञान नीत, नवाचार नीत और प्रतिभा आधारित भविष्य को लेकर भी आशावान है. मोदी ने कहा कि भारत आज हरित भविष्य, हरित रोजगार के रोडमैप के लिए भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है तथा देश में इलेक्ट्रिक परिवहन को बहुत प्रोत्साहन दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हरित हाइड्रोजन को हाइड्रोकाबज़्न का विकल्प बनाने के लिए विशेष मिशन शुरू किया गया है. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान से प्रभावित होकर स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि हर भारतीय नौजवान को अपने जीवन में कम से कम एक बार जापान की यात्रा जरूर करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी जी की इस सद्भावना को आगे बढ़ाते हुए, मैं चाहूंगा कि जापान का हर युवा अपने जीवन में कम से कम एक बार भारत की यात्रा करें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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