नई दिल्ली. भारत में वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि भारत ने 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डालर का उच्चतम वार्षिक एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया गया है. मालूम हो कि साल 2020-21 में यह आमद 81.97 अरब अमेरिकी डालर थी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा है. भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डालर की अब तक सर्वाधिक सालाना एफडीआई आवक दर्ज की है.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत विनिर्माण के क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए एक पसंदीदा देश के रूप में तेजी से उभर रहा है. मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 76 प्रतिशत की भारी भरकम बढोतरी दर्ज की गई है. एफडीआई इक्विटी प्रवाह साल 2020-21 के 12.09 अरब अमेरिकी डालर के मुकाबले वर्ष 2021-22 में 21.34 अरब अमेरिकी डालर रहा है.
प्रमुख निवेशक देशों के मामले में सिंगापुर 27 फीसद के साथ टाप पर मौजूद है. इसके बाद अमेरिका और मारीशस का नंबर आता है. अमेरिका 18 फीसद के साथ दूसरे जबकि मारीशस 16 फीसद के साथ तीसरे स्थान पर है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बताया कि कंप्यूटर साफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र में एफडीआई की सबसे अधिक आवक हुई. इसके बाद सेवा क्षेत्र और आटोमोबाइल उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नमक कारोबारी जयपाल पूनिया की दिनदहाड़े हत्या, कांग्रेस विधायक सहित 8 के खिलाफ मामला दर्ज
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