प्रदीप द्विवेदी. क्या पीएम मोदी राज से नाराज बीजेपी के उत्तर भारतीय समर्थकों की शिवसेना से उम्मीदें बढ़ी हैं?
जैसे-जैसे पीएम नरेंद्र मोदी का पॉलिटिकल मेकअप उतरता जा रहा है, जैसे-जैस उनका जादू बेअसर हो रहा है, वैसे-वैसे ही बीजेपी समर्थकों में भी बीजेपी के प्रति राजनीतिक उदासीनता बढ़ती जा रही है!
जाहिर है, बीजेपी के ऐसे समर्थकों के लिए शिवसेना प्रमुख आकर्षण बनती जा रही है?
सियासी सयानों का मानना है कि यदि शिवसेना महाराष्ट्र के बाहर विस्तार करती है, तो वह देश में नई सियासी ताकत बनकर उभर सकती है!
उल्लेखनीय है कि मोदी टीम के अच्छे दिनों के दावे तो ढेर हो ही चुके हैं, चीन को लाल आंख दिखाने की बाते भी बेदम निकली हैं?
यही नहीं, बगैर बुलाए उनकी पाकिस्तान यात्रा भी बहुत बड़ा सवाल है, तो गोहत्या कानून पर उनकी खामोशी बीजेपी समर्थकों को बेचैन कर रही है!
खबर है कि श्रीराम नगरी अयोध्या की सड़कों से शिवसेना की वह होर्डिंग्स हटा दी गई हैं, जो शनिवार शाम को लगी थी और बाला साहब ठाकरे, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और उनके पुत्र आदित्य ठाकरे की फोटो लगी होर्डिंग में लिखा था कि- असली आ रहे हैं, नकली से सावधान! जय श्री राम- शिवसेना.
उधर, शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि.... भगवान राम उन लोगों को आशीर्वाद नहीं देते जो उनके पास फर्जी भावनाएं लेकर और राजनीतिक वजहों से आते हैं?
खबरों की मानें तो सीएम उद्धव ठाकरे के अयोध्या यात्रा की तैयारी हो चुकी है और 20 मई 2022 के बाद उद्धव ठाकरे अयोध्या आ सकते हैं.
यदि उत्तर भारत में शिवसेना का विस्तार होता है, तो पहले से ही कमजोर पड़ रही बीजेपी के लिए 2024 की सियासी मुश्किलें और भी बढ़ जाएंगी?
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाराष्ट्र, केरल समेत इन 11 राज्यों से यूपी आने वालों पर नए नियम लागू
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