जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस बन सकता है मोटापे का कारण

जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस बन सकता है मोटापे का कारण

प्रेषित समय :12:02:05 PM / Fri, Apr 29th, 2022

अनहेल्दी या ऑयली जंक फूड खाने से व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं मोटापा बढ़ने के पीछे सिर्फ यही दो वजह जिम्मेदार नहीं होती हैं। जरूरत से ज्यादा तनाव लेने से भी व्यक्ति मोटापे का शिकार बन सकता है। आइए जानते हैं तनाव लेने से व्यक्ति को झेलने पड़ सकते हैं आखिर कौन से साइड इफेक्ट्स। 

न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट  कहते हैं कि हमारा पाचन स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य सीधे तौर पर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। तनाव दूर करने के लिए व्यक्ति को योग, मेडिटेशन जैसी एंटी स्ट्रेस तकनीक के अलावा पाचन को दुरुस्त बनाए रखने वाले खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके लिए आप फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे ओट्स, जौ, जामुन और राई अपनी डाइट में शामिल करें। मेवे और बीज तनाव को कम करने वाले एक बेहतरीन स्नैक साबित हो सकते हैं। इसके अलावा ये प्रोटीन और गुड फैट के भी अच्छे स्रोत हैं। 

भूख को अनियंत्रित करता है- 
तनाव की वजह से व्यक्ति की भूख अनियंत्रित हो जाती है। जिसकी वजह से व्यक्ति या तो बहुत ज्यादा या फिर कम खाने लगता है। ज्यादा खाने से कैलोरी की मात्रा अधिक हो जाती है जबकि भूख से कम खाने से भी व्यक्ति का मेटाबोलिज्म स्लो हो जाता है। जिसकी वजह से वह मोटापे का शिकार हो सकता है। भूख का अनियंत्रित होना आपके ब्लड प्रेशर, शुगर, हड्डियों और पेट के सेहत को भी प्रभावित कर सकता है।  

कोर्टिसोल और इंसुलिन को प्रभावित करता है
तनाव की वजह से व्यक्ति का कोर्टिसोल और इंसुलिन प्रभावित होता है जिससे शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा होती रहती है। कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन के रूप में जाना जाता है। जिसके प्रभावित होने पर व्यक्ति के शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा होने लगती है। 

पाचन में दिक्कत-
तनाव की वजह से आपकी पाचन क्रिया प्रभावित होती है। ये आपके मेटाबोलिज्म को स्लो करके गैस और बदहजमी जैसी समस्या पैदा करता है। 

मोटापे की समस्या -
तनाव की वजह से कई बार व्यक्ति को नींद न आने की समस्या, एसिडिटी के साथ मोटापे की समस्या भी होती है, ये सभी समस्याएं खराब पाचन तंत्र से जुड़ी हुई हैं।

गुड बैक्टीरिया को नुकसान-
तनाव आपकी आंतों में रहने वाले गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाकर उनहें नष्ट करता रहता है। जिसकी वजह से व्यक्ति का मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है। मेटाबोलिज्म ठीक रखने के लिए जरूरी है कि आप स्ट्रेस से दूर रहें और अपने गुड बैक्टीरिया को हेल्दी रखें।

थायरॉयड हार्मोन होता है प्रभावित- 
जब तनाव का स्तर बढ़ता है, तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरॉयड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि से हार्मोन के स्राव को बढ़ा देता है। थायराइड पर तनाव का असर पड़ने से व्यक्ति के शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।

स्ट्रेस दूर करने के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें-
स्ट्रेस दूर करने के लिए आप अपने आहार में बादाम, अखरोट, मेवे के साथ अलसी के बीज, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज आदि जैसे बीज नियमित रूप से शामिल करें।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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