आज कांग्रेस को असली सियासी खतरा ही एकतरफा मीडिया से है?

आज कांग्रेस को असली सियासी खतरा ही एकतरफा मीडिया से है?

प्रेषित समय :21:39:01 PM / Sun, Apr 24th, 2022

प्रदीप द्विवेदी. देश के प्रमुख पत्रकार शकील अख्तर  @shakeelNBT  ने मीडिया को लेकर कांग्रेस नेेताओं की भूमिका पर ट्वीटर पर टिप्पणी की है, सच्चाई तो यह है कि इस वक्त कांग्रेस को सबसे बड़ा सियासी खतरा ही एकतरफा मीडिया से है?
आजादी के आंदोलन में अखबारों की बहुत बड़ी भूमिका थी, तब पत्रकारों के पास एक बहुत बड़ा उद्देश्य था- देश की आजादी!
देश आजाद होने के बाद पत्रकार जनता के हक लिए, देश के विकास के लिए लिखते रहे.
सातवें दशक से अखबारों में सरकारी विज्ञापन का तड़का लगा, तो प्रेस की दशा और दिशा बदलनी शुरू हो गई.
उस वक्त सबसे बड़ी गलती यह हुई कि अधिक दर के विज्ञापन का सरकारी आधार- अच्छा अखबार नहीं, ज्यादा बिकने वाला अखबार बना?
इसके बाद तो हर गुजरते दिन के साथ बाजारवाद असरदार होता चला गया.
सरकारी विज्ञापन नीति के कारण कई अच्छे-अच्छे अखबार बंद हो गए, तो कई असली अखबार सर्कूलेशन के आंकड़़ों में उलझ कर फाईल कॉपी छापनेवाले फर्जी अखबार बन कर रह गए?
मैंने बहुत करीब से देखा है कि ऐसी गलत सरकारी विज्ञापन नीति के कारण ही प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और बांसवाड़ा राज्य के पहले प्रधानमंत्री भूपेन्द्रनाथ त्रिवेदी का धारदार अखबार- धनुर्धर, कैसे बंद हो गया?
तब तक देश में जितने पत्रकार थे उनमें से करीब अस्सी प्रतिशत कांग्रेसी विचारधारा से प्रभावित थे, तो करीब बीस प्रतिशत कांग्रेस विरोधी विचारधारा से प्रभावित थे.
हालांकि, खबरों में कभी विचारधारा प्रभावी नहीं रहती थी, कांग्रेस या बीजेपी सरकारों का विरोध करने में भी ये पत्रकार पीछे नहीं रहते थे.
बीसवीं सदी के आपातकाल के दौरान यह अनुपात अस्सी-बीस से पचास-पचास हो गया, जोकि अब बीस-अस्सी हो गया है?
आपातकाल के दौरान जब गैर-कांग्रेसियों को सियासत में प्रेस की ताकत का अहसास हुआ, तो इस ओर सियासी प्रबंधन के तरीके से सोचा गया और गैर-कांग्रेसी विचारधारा से सहमत नए पत्रकारों और प्रभावी अखबारों को आगे बढ़ाया गया, नतीजा?
कांग्रेसी विचारधारा के पत्रकार लगातार कम होते गए!
लेकिन, तब भी अनेक पत्रकार थे, जो अपनी विचारधारा से अलग, सच्चाई और निष्पक्षता का साथ देते थे?
मुझे याद है, अस्सी के दशक में जब श्रीलता स्वामीनाथन के घंटाली, बांसवाड़ा, के घर पर उनकी गैर-मौजूदगी में हमला करके तोड़फोड़ की गई थी, तब बीजेपी की विचारधारा से प्रभावित होने के बावजूद, श्याम आचार्य, जोकि उस वक्त नवभारत टाइम्स, जयपुर के संपादक थेे, उन्होंने मेरी भेजी गई खबर को सबसे पहले, विस्तार से और प्रमुखता से प्रकाशित किया था.
गुजरते समय के साथ पत्रकारिता में निडर, निष्पक्ष जैसे शब्दों का वजन कम होता चला गया और पेड न्यूज की भूमिका बढ़ती गई, तो बीसवीं सदी की पेड न्यूज, एक्कीसवीं सदी में रेड न्यूज में बदल गई है?
इसीका नतीजा है आज का- एकतरफा मीडिया!  
मजेदार बात यह है कि जब-जब मैंने राजस्थान के कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे दिवंगत हरिदेव जोशी सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लिखा था, तो मुझे संघी कहा गया, श्रीलता स्वामीनाथन के लिए लिखा, तो कम्युनिस्ट बोला गया और अब जब पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की सियासी ठगी के खिलाफ लिख रहा हूं, तो कांग्रेसी करार दिया जा रहा है?

देश के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा की नजर से देखें, आज के मीडिया की हालत....
https://twitter.com/GureraShekhar/status/1516819258327863296/photo/1
पप्पूगिरी में भी मोदीजी ने तगड़ी मात दे दी है राहुल गांधी को?
https://www.palpalindia.com/2022/02/15/politics-Pappugiri-Rahul-Gandhi-satire-Modi-Amrit-Mahotsav-Panelist-Surendra-Rajput-tweet-news-in-hindi.html
तब तो.... इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला नहीं होता, राजनारायण पर ही जुर्माना लग जाता?
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1509201727408701446  
साहेब! फर्जी डिग्रियों को भी मान्यता दे दो ना, इसके लिए भी 18-18 घंटे मेहनत करनी पड़ती है?  
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1509919715178971136
देश बदलने का दावा था, ड्रेस बदलते रह गए! प्रधानमंत्री या परिधानमंत्री?
https://palpalindia.com/2022/02/22/delhi-modi-wearing-military-uniform-PMO-notice-monitoring-petition-Prayagraj-Court-Traditions-news-in-hindi.html
साहेब एक फोनकॉल की दूरी पर मजे में! स्मृति रसोई गैस के रेट पर सवालों के घेरे में?
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1513186212403580931
https://www.palpalindia.com/2022/04/10/delhi-Smriti-LPG-rate-modi-agricultural-law-political-fraud-farmer-movement-news-in-hindi.html

साहेब सब जोखिम से दूर हैं! गैस- स्मृति, पेट्रोल- रामदेव, तो महंगाई के लिए राजनाथ पर निशाना साधो?
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1510644381778575360
https://palpalindia.com/2022/04/03/delhi-Saheb-away-from-risk-gas-smriti-Irani-petrol-Ramdev-inflation-Rajnath-politics-Modiniti-news-in-hindi.html

कमाल है! मोदीजी से भी दो कदम आगे.... मास्टर स्ट्रोक?
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1513920243454050304
https://palpalindia.com/2022/04/12/New-Delhi-BJP-Rahul-Gandhi-Pappugiri-Modiji-master-stroke-two-steps-ahead-news-in-hindi.html

ख़बर नहीं दिखा रहे...भड़का रहे News चैनल?
https://twitter.com/i/status/1518226407041601538
Deepak Sharma @DeepakSEditor
बेशर्मी की इतनी हदें लांघी कि गोदी मीडिया को अब सरकार ही टोकने लगी!
https://twitter.com/DeepakSEditor/status/1518100583559098369/photo/1
Bhagat Ram @bhagatram2020
विश्वगुरू के न्यूज़ चैनलों की प्राइम टाइम डिबेटः
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#गोभी_है_तो_पंपकिन_है 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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