एक नहीं पांच तरह का होता है मलेरिया बुखार, जानें लक्षण और बचाव 

एक नहीं पांच तरह का होता है मलेरिया बुखार, जानें लक्षण और बचाव

प्रेषित समय :11:23:59 AM / Fri, Apr 22nd, 2022

हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। यह खास दिन मलेरिया बुखार के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। बता दें, दुनिया भर में कई ऐसे देश हैं जो मच्छर के काटने से होने वाली इस जानलेवा बीमारी मलेरिया से लड़ रहे हैं। बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे कि मलेरिया बुखार सिर्फ एक नहीं बल्कि 5 तरह का होता है।  मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है। जो प्लाज्मोडियम वीवेक्स नामक वायरस के कारण होता है। यह वायरस मानव शरीर में मादा मच्छर एनोफिलीज के काटने से प्रवेश करके उसे कई गुना बढ़ा देता है। जिसके बाद यह जीवाणु लिवर और रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमार बना देती हैं। बता दें, मलेरिया फैलाने वाली इस मादा मच्छर में जीवाणु की 5 जातियां होती हैं।  

मलेरिया के लक्षण- संक्रमण के बाद मलेरिया के लक्षण आमतौर पर 10 दिन से 4 सप्ताह में विकसित हो सकते हैं। कई बार यह समय ज्यादा भी हो जाता है। इसके परजीवी शरीर में लंबे समय तक सुप्त पड़े रहते हैं।  सिरदर्द, -तेज बुखार, -अत्यधिक पसीना आना, -मांसपेशियों में दर्द होना, -जी मचलाना, -उल्टी होना, -खांसी आना, -अत्यधिक ठंड लगना, -छाती और पेट में तेज दर्द, -शरीर में ऐंठन होना, -मल के साथ रक्त आना।

मलेरिया के प्रकार-
प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (P. Falciparum)-

इस रोग से पीड़ित व्यक्ति एकदम बेसुध हो जाता है।लगातार उल्टियां होने से इस बुखार में व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

सोडियम विवैक्स (P. Vivax)- 
विवैक्स परजीवी ज्यादातर दिन के समय काटता है।यह मच्छर बिनाइन टर्शियन मलेरिया पैदा करता है जो हर तीसरे दिन अर्थात 48 घंटों के बाद अपना असर दिखाना शुरू करता है। 

प्लाज्मोडियम ओवेल मलेरिया (P. Ovale)- 
मलेरिया का यह रूप बिनाइन टर्शियन मलेरिया उत्पन्न करता है। 

प्लास्मोडियम मलेरिया (P. malariae)-
प्लास्मोडियम मलेरिया एक प्रकार का प्रोटोजोआ है, जो बेनाइन मलेरिया के लिए जिम्मेदार होता है। इस रोग में क्वार्टन मलेरिया उत्पन्न होता है, जिसमें मरीज को हर चौथे दिन बुखार आ जाता है।इसके अलावा रोगी के यूरिन से प्रोटीन निकलने लगते हैं और शरीर में प्रोटीन की कमी होकर सूजन आ जाती है।

प्लास्मोडियम नोलेसी ( P. knowlesi)- 
दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक प्राइमेट मलेरिया परजीवी है। इस मलेरिया से पीड़ित रोगी में सिर दर्द, भूख ना लगना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। 

मलेरिया से बचाव - रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दें या फिर उस पानी में मिट्टी का तेल या डीजल डाल दें। जिससे मच्छर नष्ट हो जाएं।  जहां तक संभव हो पूरे आस्तीन की कमीज, मौजे आदि से शरीर के हर हिस्से को ढक कर रखने की कोशिश करें। तेज बुखार होने पर चिकित्सक से संपर्क करें। मच्छरदानी में सोएं। खुले हिस्से पर मॉसक्युटो रिप्लेंट लगाएं।
घर के आस-पास समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहें। 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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