मांसपेशियां जितनी मजबूत होंगी, मौत का खतरा उतना ही कम होगा- स्टडी

मांसपेशियां जितनी मजबूत होंगी, मौत का खतरा उतना ही कम होगा- स्टडी

प्रेषित समय :10:47:27 AM / Thu, Apr 7th, 2022

आज की बिजी लाइफस्टाइल में ये जानना काफी जरूरी है कि बॉडी को सही फायदे के लिए आखिर कितने टाइम तक एक्सरसाइज करनी चाहिए. रिसर्चर्स को इस संदर्भ में उपलब्ध डेटा के विश्लेषण में ऐसे प्रमाण मिले हैं कि अगर हफ्ते में 30 से 60 मिनट तक मांसपेशियों यानी मसल्स को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज की जाए, तो विभिन्न कारणों से होने वाली मौत का रिस्क 10-20 प्रतिशत तक कम होता है. इसके साथ ही ये कार्डियोवस्कुलर डिजीज, डायबिटीज और कैंसर से भी बचाने में अहम भूमिका निभाता है. ये निष्कर्ष एरोबिक एक्सरसाइज से बिलकुल अलग है. लेकिन इस विश्लेषण में जे-आकृति वाला कर्व आया, जो इस बात का प्रमाण नहीं है कि सप्ताह में एक घंटे से ज्यादा इस तरह की एक्सरसाइज करने से रिस्क और भी कम होगा. इस स्टडी का निष्कर्ष ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है.

आपको बता दें कि फिजिकल एक्टिविटी की गाइडलाइंस में एडल्ट यानी वयस्कों को मसल्स की मजबूती के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करने की सलाह बोन मसल्स यानी अस्थि मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए दी जाती है. इसमें वेट लिफ्टिंग, रेसिस्टेंट बैंड्स, पुश-अप्स, सिट-अप्स, खुदाई करने और फावड़ा चलाने जैसी एक्टिविटी शामिल हैं.

पहले की स्टडीज में भी ये बात सामने आ चुकी है कि मसल्स को स्ट्रॉन्ग करने वाली एक्टिविटी मौत के रिस्क को कम करती हैं. लेकिन ये नहीं पता लगा कि इसका फायदा पाने के लिए ‘ऑप्टिमल डोज’ क्या होनी चाहिए. यही जानने के लिए रिसर्चर्स ने पहले की स्टडीज के डेटाबेस का विश्लेषण और अवलोकनों का तरीका अपनाया है.

कैसे हुई स्टडी
इस विश्लेषण में 16 स्टडीज को शामिल किया गया, इनमें से ज्यादातर स्टडीज अमेरिका में हुई थी और बाकी इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, ऑस्ट्रेलिया और जापान में हुई. इनमें निगरानी की अधिकतम अवधि 25 साल थी. स्टडी में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 4000 से लेकर 4 लाख 80 हजार तक थी और उनकी उम्र 18 साल से 97 साल थी. 12 स्टडीज में महिला और पुरुष दोनों शामिल थे. जबकि दो में सिर्फ पुरुष और दो में सिर्फ महिलाएं ही शामिल की गई थीं. सभी स्टडीज में एरोबिक या अन्य फिजिकल एक्टिविटी का भी आंकलन किया गया.

स्टडी में क्या निकला
समेकित डाटा के विश्लेषण में पाया गया कि मसल्स की मजबूती के लिए की गई एक्टिविटी से मौत का रिस्क 10 से 17 प्रतिशत कम रहा. इसके साथ ही हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, कैंसर, डायबिटीज और लंग कैंसर का रिस्क भी कम रहा. हालांकि मांसपेशियों को मजबूती देने वाली एक्सरसाइज से आंत, किडनी, ब्लाडर या पैनक्रियाज के कैंसर का जोखिम कम होने का कोई संबंध नहीं पाया गया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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