सोहागपुर में हृदय विदारक हादसा: बेटा ट्रेन से कटा, रोते हुए बेसुध होकर पिता ट्रैक पर गिरा, दूसरी ट्रेन उसे भी कुचलते निकल गई

सोहागपुर में हृदय विदारक हादसा: बेटा ट्रेन से कटा, रोते हुए बेसुध होकर पिता ट्रैक पर गिरा, दूसरी ट्रेन उसे भी कुचलते निकल गई

प्रेषित समय :15:40:52 PM / Fri, Dec 3rd, 2021

सोहागपुर (होशंगाबाद). ऐसी दिल दहला देने वाली घटना आपने शायद ही सुनी होगी. मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में पिता की आंखों के सामने बेटा ट्रेन से कट गया. जवान बेटे को चीथड़ों में देखकर पिता बेसुध हो गया. वह ट्रैक पर ही बैठकर रोने-पीटने लगा. इसी दौरान वह दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गया जिससे वह ट्रेन से टकरा गया. इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया. अस्पताल ले जाते समय उसकी भी मौत हो गई.

घटना होशंगाबाद के सोहागपुर के मारूपुरा में गुरुवार रात 12.30 बजे की है. रात में छोटेलाल विश्वकर्मा (36)की परिवार से किसी बात पर विवाद हो गया. वह घर से गुस्से में बाहर निकला. उसे मनाने के लिए पीछे-पीछे पिता मोहनलाल पुत्र सीताराम विश्वकर्मा (60) भी आ गए. छोटेलाल घर से 100 मीटर दूर स्थित रेलवे ट्रैक पर पहुंचा. वह ट्रैक पर कटने के लिए बैठ गया. पिता उसे मनाने लगे. इसी दौरान ट्रेन आ गई और छोटेलाल चपेट में आ गया. ट्रेन की स्पीड तेज होने की वजह से उसके शरीर के अंग ट्रैक पर 200 मीटर तक बिखर गए थे. अपने जवान बेटे को आंखों के सामने चीथड़ों में बदलते देख पिता की रूह कांप गई. पिता वहीं बैठकर रोने लगे और बेसुध हो गए. इसी दौरान अगली ट्रेन आ गई. जिसकी चपेट में पिता आ गए. इंजन से टकराकर पिता मोहनलाल दूर जा गिरे. सिर में चोट आई. अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई. पिता-पुत्र की मृत्यु से सोहागपुर में उनके मोहल्ले में गम का माहौल छा गया.

बहू दिवाली बाद नहीं लौटी, बेटा तनाव में था

पिता-पुत्र दोनों फर्नीचर का काम करते थे. जीआरपी एसआई एसएस शुक्ला ने बताया कि छोटलाल की पत्नी प्रीति ससुराल से दूर खेरुआ में रहती है. परिजन ने छोटेलाल और उसकी पत्नी के बीच विवाद चलने की बात कही है. इससे वह तनाव में रहता था. रात में भी इसी बात को लेकर परिवार में विवाद हुआ था. सोहागपुर पुलिस और जीआरपी पिपरिया ने मर्ग कायम कर लिया है. पिता-पुत्र के शवों का शुक्रवार को पोस्टमार्टम हो रहा है. पुलिस से जानकारी के मुताबिक युवक छोटेलाल की शादी 11 साल पहले प्रीति के साथ हुई थी. उनके श्रेयांश (3)और शौर्य (5) बेटे है. एक माह पहले दिवाली के दिन ही घर छोड़कर चली गई थी. एक माह से पत्नी ग्राम खेरूआ गांव में रह रही थी. दोनों बेटे पिता और दादा-दादी के पास ही रह रहे थे. पत्नी के जाने से युवक वह दुखी व मानसिक तनाव में रहता था.

200 मीटर तक बिखरे शव के टुकड़े, एक-एक कर एकत्रित किए

मृतक के घर घटना स्थल से करीब 100 मीटर दूर है. सोहागपुर-पलकमती नदी के बीच में खंभा नंबर 795/10 से 795/14 के बीच का है. ट्रेन की चपेट में आने के बाद युवक के शव छत-विछत हो गया. करीब 200 मीटर तक में उसके शरीर के अलग-अलग अंग बिखर गए. जीआरपी ने देर रात को उन अंगों को एकत्रित किया.

मासूम बेटों के ऊपर से उठा पिता, दादा का साया

मृतक छोटेलाल और उसके पिता मोहन विश्वकर्मा फर्नीचर का काम करते थे. परिवार में छोटेलाल के अलावा माता रामवती बाई, पिता मोहन और दोनों बेटे रहते थे. छोटेलाल का बड़ा भाई नारायण होशंगाबाद में रहता है. छोटेलाल और पिता मोहन की मृत्यु के बाद अब घर में बुजुर्ग मां रामवती बाई और मासूम बेटे श्रेयांश (3)और शौर्य (5) ही बचे है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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