नतीजों की चिंता छोड़ें? चुनावकाल में मनोरंजक सर्वे का मजा लें!

नतीजों की चिंता छोड़ें? चुनावकाल में मनोरंजक सर्वे का मजा लें!

प्रेषित समय :20:45:17 PM / Sun, Nov 28th, 2021

प्रदीप द्विवेदी. यूपी सहित विभिन्न विधानसभा चुनावों के नतीजे क्या होंगे? इसे लेकर कइयों को भारी चिंता हो रही है, लेकिन यदि आप चुनावकाल में स्वस्थ और प्रसन्न रहना चाहते हैं, तो तोता मीडिया ने आपके लिए सर्वे, एग्जिट पोल जैसे कई दिलचस्प इंतजाम कर रखें हैं, लिहाजा.... नतीजों की चिंता छोड़ें? चुनावकाल में मनोरंजक सर्वे का मजा लें!

समझ में नहीं आता सर्वे पर इतना पैसा और समय क्यों बर्बाद होता हैं? बेचारे तोते में क्या कमी है! तोता भी तो वही सब बता सकता है जो पोल-पट्टी में सामने आता है!

एक जमाना था जब राजनीति के जानकार पुराने चुनावी आंकड़ों पर नए अनुमानों की चाशनी लगाकर चुनावी नतीजे की ऐसी जलेबी रिपोर्ट पेश करते थे कि पढ़नेवाले को मजा तो खूब आ जाए पर ओरछोर पकड़ में न आए!

इसी दौरान ग्रहों की चाल देखकर चुनावी गणित के समीकरण सुलझानेवालों के भी अच्छे दिन आ गए थे, लेकिन राजनैतिक भूकंप ने कई बड़े-बड़े नतीजे धराशायी कर दिए... सितारे किसी के बुलंद बताए थे जबकि पद कोई और ही ले उड़ा!

चुनावी नतीजों में इनकी साख खराब हुई तो नई सदी में इस अवैज्ञानिक ज्योतिष ज्ञान को पछाड़ते हुए कथित वैज्ञानिक सर्वे की प्राणप्रतिष्ठा हुई. पहली बार में कुछ किंतु-परंतु के साथ इसे सौ टका सच्चा साबित किया गया, लेकिन बाद में धीरे-धीरे ऐसे सर्वे भी कॉमेडी शो में बदल गए!

दरअसल, अब यह साफ होता जा रहा है कि सर्वे एक तरह की अप्रत्यक्ष चुनाव प्रचार पद्धति ही है, बोले तो- पेड न्यूज?

कुछ समय पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान सर्वे, एग्जिट पोल ने जनता का खूब मनोरंजन किया था और नतीजे क्या रहे यह सबने देखा है?

अब यूपी सहित पांच विधानसभा चुनावों को लेकर फिर कॉमेडी शो शुरू हो गए हैं!

इन विधानसभा चुनावों से पहले जो उपचुनाव हुए थे, उन्होंने आगामी चुनावी नतीजों की दशा और दिशा दिखा दी है, इसलिए लौह-पुरुष ने मोम-पुरुष बनकर जनता को फिर से अच्छे दिन के सपने दिखाना शुरू कर दिया है?

बड़ा सवाल यह है कि क्या जनता सबकुछ इतनी जल्दी भूल जाएगी?

सर्वे की माने तो जनता दयावान है, वह अपना दर्द भूलकर फिर से अच्छे दिन के सुनहरे सपनों में खो जाएगी!

सियासी सयानों का मानना है कि मोदीजी की मन की बात में तो मतदाताओं की कोई खास दिलचस्पी बची नहीं है, अलबत्ता, मतदाता के मन की बात यदि मतदान में आ गई तो सारे सर्वे धरे रह जाएंगे?

Kaushik Mishra @KaushikKumarMi3 सिर्फ सर्वे में हार आने के बाद से पेट्रोल में 5 रुपए की कमी की गई, एक साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसानों के आगे झुक गए, अब सिलिंडर पर सब्सिडी भी मिलने लगा, जनता से अपील है एक दो राज्य हरवा दो इन्हें, दावा करता हूँ दूध, घी भी 10-15₹ में मिलने लगेगा!

Bhagat Ram @bhagatram2020 जो मोदीजी को 'झूठा' साबित कर देगा, उसे 15 लाख मैं दूँगा! मोदीजी की कसम!
Watch Full Video here: https://bit.ly/2ZoJnXu

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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