नई दिल्ली. संविधान दिवस के मौके पर देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमना ने कहा कि संविधान में वाद विवाद को बढ़ावा दिया गया है. अच्छी बहस के जरिए ही देश तरक्की कर सकता है और आम लोगों की भलाई हो सकती है. जस्टिस रमना ने वकीलों से अपील की कि वो न्यायपालिका की रक्षा करें और उस पर हो रहे हमले का जवाब दें.
उन्होंने कहा कि ये देश आजादी और बराबरी के अधिकार से ही तरक्की कर सकता है. जस्टिस रमना ने कहा की हम सब की जिम्मेदारी है की संविधान के मूल संदेश को नई पीढ़ी तक पहुंचाए. जस्टिस रमना ने सामाजिक कार्य के लिए वकीलों से मुफ्त मुकदमा लड़ने की भी अपील की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को देशवासियों को बधाई दी और संविधान सभा में संविधान को अंगीकार करने के लिए पेश किए गए विधेयक के दौरान बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के भाषण का एक हिस्सा भी साझा किया.
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, संविधान दिवस की शुभकामनाएं. उन्होंने देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद द्वारा व्यक्त किए विचारों का हवाला देते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा कि कोई भी संविधान चाहे वह कितना ही सुंदर, सुव्यवस्थित और सुदृढ़ क्यों न बनाया गया हो, यदि उसे चलाने वाले देश के सच्चे, निस्पृह, निस्वार्थ सेवक न हों तो संविधान कुछ नहीं कर सकता.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली मेट्रो की एक और उपलब्धि, पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन की शुरुआत
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