पाक फौज का कारनामा, इमरान को सत्ता में लाने के लिए नवाज शरीफ को फंसाया, पूर्व चीफ जस्टिस के ऑडियो से खुलासा

पाक फौज का कारनामा, इमरान को सत्ता में लाने के लिए नवाज शरीफ को फंसाया, पूर्व चीफ जस्टिस के ऑडियो से खुलासा

प्रेषित समय :17:01:36 PM / Thu, Nov 25th, 2021

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की सियासत में इन दिनों एक ऑडियो टेप ने जैसे भूकंप ला दिया है. अगर इस टेप को सच मानें तो बिल्कुल साफ हो जाता है कि तीन साल पहले इमरान खान सिर्फ फौज की वजह से सत्ता में आए थे, इसमें उनका कोई करिश्मा नहीं था और न ही उन्हें इतने वोट मिले थे कि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार बना पाती.
फिलहाल, इस टेप का बहुत छोटा हिस्सा या कहें चंद सेकंड का हिस्सा ही सामने आया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही पूरा टेप भी सामने आएगा. इस टेप में पाकिस्तान के पूर्व चीफ जस्टिस साकिब निसार किसी अनजान शख्स से बात कर रहे हैं. बातचीत में निसार मानते हैं कि उन पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज को सजा देने का दबाव था, ताकि इमरान खान को सत्ता में लाया जा सके.

यह है पूरा मामला

चंद दिनों पहले एक ऑडियो टेप सामने आया. इसमें चीफ जस्टिस किसी अनाम व्यक्ति को अपनी तकलीफ बता रहे हैं. वो कहते हैं कि पाकिस्तान में न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है, उस पर फौज का दबाव रहता है. टेप 2018 में हुए फेडरल इलेक्शन से कुछ दिन पहले का है. तब इमरान कंटेनर्स पर चढ़कर इस्लामाबाद में रैलियां कर रहे थे. नवाज पर भ्रष्टाचार, चोरी और फौज को बदनाम करने के आरोप लगा रहे थे. बाद में पनामा पेपर्स लीक और बाकी मामलों में नवाज को 10 साल, जबकि बेटी मरियम को 8 साल की सजा सुनाई गई. उन्हें जेल भेजा गया. बाद में नवाज इलाज के लिए लंदन चले गए और अब तक नहीं लौटे. मरियम ने सजा के खिलाफ अपील की. मामला पेंडिंग है.

लीक टेप में क्या बातचीत

टेप का अभी बहुत छोटा हिस्सा सामने आया है. पाकिस्तान की मशहूर यूट्यूबर और जर्नलिस्ट आलिया शाह ने अपने शो ब्रेकिंग बैरियर्स विद आलिया में कहा- इसे आप छोटा टेप समझने की गलती न करें. आने वाले दिनों में यह टेप पूरा सामने आएगा और पाकिस्तान की सियासत में भूचाल आ जाएगा. अब तक खुद को पाकसाफ बताने वालों (फौज और आईएसआई) की कलई भी मुल्क के सामने खुल जाएगी. यहां बातचीत का वो हिस्सा जिसकी वजह से इमरान और फौज की नींद उड़ी हुई है और लोग मानने लगे हैं कि नवाज शरीफ को इन दोनों ने फंसाया था.

जस्टिस निसार सामने वाले से- मैं बहुत साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि बदकिस्मती से हमारे पास ऐसे इदारे (विभाग और यहां मतलब ताकतवर फौज) हैं जो जजों को फरमान जारी करते हैं. अब ये कह रहे हैं कि मियां साहब (नवाज शरीफ) को सजा देनी है, क्योंकि हमें खान साहब (इमरान खान) को लाना है. सामने वाला कहता है- नवाज शरीफ को सजा ठीक है, लेकिन बेटी को सजा नहीं दी जानी चाहिए. इस पर जस्टिस निसार कहते हैं- हां, इससे तो ज्यूडिशियरी पर भी सवाल उठेंगे.

टेप बिल्कुल सही, किसने किया लीक

इस टेप को सामने लाने वाले शख्स का नाम है-अहमद नूरानी. वो इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट हैं. नूरानी इतनी बारीकी से काम करते हैं कि उनकी रिपोर्ट पर कोई सवाल न उठे. मसलन, इस टेप को जारी करने से पहले उन्होंने इसकी अमेरिका में फोरेंसिक जांच कराई, ताकि बाद में कोई यह इल्जाम न लगा सके कि यह टेप जाली है. खास बात यह है कि टेप सामने आने के बाद जस्टिस निसार ने खुद माना कि टेप में आवाज उनकी ही है. हालांकि, सफाई में ये कहा कि इसमें कुछ पुराने टुकड़ों को जोड़ा गया है. दूसरी तरफ, द डॉन अखबार से बातचीत में अमेरिकी फोरेंसिक कंपनी ने भी मंगलवार को साफ कर दिया कि यह टेप बिल्कुल ओरिजनल है और इससे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है.

सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर

पाकिस्तान का पूरा विपक्ष इमरान को तीन साल से सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर कहता आ रहा है. मरियम नवाज, मौलाना फजल-उर-रहमान और बिलावल भुट्टो जरदारी हर पब्लिक प्लेटफॉर्म से इमरान को सिलेक्टेड वजीर-ए-आजम ही कहते हैं. इसकी मायने ये हुए कि अवाम और दूसरे सियासदान इमरान की हकीकत जानते हैं, लेकिन सीधे तौर पर फौज का नाम लेने से डरते हैं. आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा और ढ्ढस्ढ्ढ इसका ही फायदा उठाते हैं. बहरहाल, आने वाले दिन इमरान की सियासी सेहत के लिहाज से अच्छे नजर नहीं आते. फौज की फजीहत होनी तयशुदा लग रही है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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