सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में सशस्त्र बलों की दो और कंपनियों को तैनात करने का दिया निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में सशस्त्र बलों की दो और कंपनियों को तैनात करने का दिया निर्देश

प्रेषित समय :13:15:10 PM / Thu, Nov 25th, 2021

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में नगर निकाय चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से कराने और मतदान केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को केंद्रीय सशस्त्र बलों की दो अतिरिक्त कंपनियों को तैनात करने का निर्देश दिया है. तृणमूल कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बैलेट और वोटों की गिनती की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और त्रिपुरा को जरूरी प्रबंध करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बिना किसी रुकावट के मतदान केंद्रों का कवरेज करने दिया जाए, क्योंकि वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि सभी पोलिंग बूथ अधिकारी किसी तरह की आपात जरूरत पड़ने पर सशस्त्र बलों से सहायता ले सकते हैं. निर्देश में कहा गया कि 28 नवंबर को गिनती होने तक बैलेट बॉक्स की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बल तैनात रहेंगे. कोर्ट ने डीजीपी, गृह सचिव से त्रिपुरा चुनावों की सुरक्षा संबंधी स्थिति की समीक्षा करने और जरूरत पड़ने पर गृह मंत्रालय से अतिरिक्त सीएपीएफ का अनुरोध करने कहा है.

टीएमसी ने कोर्ट के समक्ष आरोप लगाया कि त्रिपुरा में नगर निकाय चुनाव के दौरान उसके उम्मीदवारों और समर्थकों को मतदान नहीं करने दिया गया. इसके वीडियो भी सामने आए हैं. हालांकि इस पर त्रिपुरा सरकार के वकील महेश जेठमलानी ने कहा, मतदान सुबह 7 बजे से शांतिपूर्ण हो रहा है. निष्पक्ष चुनाव में सिर्फ टीएमसी और सीपीएम बाधक हैं.

इससे पहले त्रिपुरा सरकार ने कोर्ट को बताया कि बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ BSF की 2 अतिरिक्त बल को तैनात किया गया है. कोर्ट ने पूछा कि एक कंपनी में कितने जवान होते हैं तो राज्य सरकार ने बताया कि 135 जवान होते हैं. टीएमसी के आरोपों पर त्रिपुरा सरकार के वकील ने कहा कि क्या उन्होंने राज्य के चुनाव आयोग के सामने वोट डालने से रोकने की शिकायत की.

टीएमसी ने कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी, जिसमें त्रिपुरा में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और सुप्रीम कोर्ट के उन निर्देशों का उल्लंघन किए जाने आरोप लगाया गया, जिसके तहत राज्य में किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार, प्रदर्शन करने से नहीं रोका जाना चाहिए. टीएमसी ने कोर्ट से चुनाव को स्थगित किए जाने की मांग भी की थी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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