जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के अध्यक्ष पद पर नई सूची पेश कर काबिज हुए सीएम उपाध्याय द्वारा रजिस्ट्रार को भेजी गई सूची संबंधी मामले में रोक लगा दी है. जस्टिस विशाल धगत की एकलपीठ ने मामले में अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हंै, हालांकि विस्तृत आदेश प्रतीक्षित है.
यह मामला सविता त्रिपाठी व एसके सिन्हा की ओर से हाईकोर्ट में दायर किया गया था. जिसमें कहा गया था कि वर्ष 2020 में वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (डबलूसीआरएमएस) के हुए चुनाव में आरपी भटनागर को अध्यक्ष चुना गया था. जिसका कार्यकाल दो वर्ष का होता है. आवेदकों की ओर से कहा गया कि उसके उपरांत 7 अक्टूबर को बैठक बुलाई गई, जबकि 12 अक्टूबर को रिपोर्ट पेश करनी थी. आरोप है कि उक्त बैठक में श्री भटनागर को हटाकर सीएम उपाध्याय अध्यक्ष पद पर काबिज हो गये, जो कि नियमों के खिलाफ था. इतना ही नहीं उक्त सूची रजिस्ट्रार को भी भेज दी गई, जिन्होंने अपनी अनुमति दे दी, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई. मामले में आवेदक की ओर से कहा गया कि उक्त पूरी कार्रवाई नियम विरुद्ध तरीके से संपन्न हुई और इतना ही नहीं जो पदाधिकारी बने उन पर लाखों का गबन का आरोप है, जिनकी जमानत अर्जिया न्यायालय से खारिज हो गई. सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने रजिस्ट्रार के आदेश पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्दश दिये है, हालांकि विस्तृत आदेश फिलहाल प्रतीक्षित है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मकबूल व जेके पिल्लई ने पक्ष रखा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-WCRMS में गबन करने वाले अशोक शर्मा की जमानत पर आपत्ति पेश करने एमपी हाईकोर्ट ने दिया समय
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