इकोनॉमी को संभालने के लिए जापान सरकार ने 490 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज का किया ऐलान

इकोनॉमी को संभालने के लिए जापान सरकार ने 490 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज का किया ऐलान

प्रेषित समय :11:45:08 AM / Sat, Nov 20th, 2021

टोक्यो. रिकॉर्ड महंगाई में चरमराती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए जापान की सरकार ने एक अलग फैसला लिया है. एक तरफ पूरी दुनिया की सरकारें और सेंट्रल बैंक्स कोरोना काल में जारी किए गए स्टिमुलस पैकेज को घटाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं जापान ने 490 अरब डॉलर (56 ट्रिलियन येन) के नए भारी भरकम प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया है.

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकालने के लिए शुक्रवार को रिकॉर्ड 490 अरब डॉलर (56,000 अरब येन) के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की. इस पैकेज को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है. प्रस्ताव में लोगों को नकद सहायता और बुरी तरह से प्रभावित व्यवसायों को आर्थिक सहायता प्रदान करना शामिल है.

पैकेज को संसद से मंजूरी लेनी होगी

प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पैकेज में लोगों में सुरक्षा और आशा की भावना जगाने के लिए पर्याप्त धन का प्रावधान किया गया है.’’ प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, प्रस्ताव को बाद में मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा गया था. मंत्रिमंडल ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है. हालांकि, इसे लागू करने के लिए संसद की मंजूरी की भी आवश्यकता होगी.

हर युवा को मिलेगा 1 लाख येन

बहरहाल, किशिदा ने त्वरित कार्रवाई का वादा किया है और संसद की बैठक अगले महीने बुलाए जाने की संभावना है. किशिदा ने कहा कि योजना में लोगों को मौद्रिक सहायता के रूप में 100,000 येन (880 डॉलर) देने और प्रभावित व्यवसायों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. जिन लोगों की उम्र 18 साल या उससे कम है, उनको यह राशि दी जाएगी.

चिप शॉर्टेज का ऑटो सेक्टर पर हुआ बुरा असर

जापान में कोरोना की बात करें तो वहां कभी भी पूरी तरह लॉकडाउन नहीं लगाया गया था. वहां कोरोना से करीब 18 हजार लोगों की मौत हुई जो अन्य देशों की तुलना में काफी कम है. जापान की इकोनॉमी पर चिप शॉर्टेज का काफी बुरा असर हुआ. इसके कारण वहां के ऑटो सेक्टर का कामकाज प्रभावित हुआ.

कोरोना से पहले से जूझ रही है जापान की इकोनॉमी

विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कोरोना से पहले से ही जूझ रही है. इस समय अमेरिका समेत अन्य इकोनॉमी टैपरिंग प्रोग्राम की दिशा में आगे बढ़ रही है. इस प्रोग्राम के तहत सेंट्रल बैंक इकोनॉमी में पैसे की प्रवाह को रोकने की दिशा में काम करता है. वहीं, जापान इस रास्ते के उलट जाकर इकोनॉमी को संभालने की कोशिश कर रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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