बैग के नाम पर पमरे मजदूर संघ में बड़ा घोटाला, तीनों मंडलों से भी वसूले गये 30 लाख, मुख्यालय के खाते से बंदरबांट

बैग के नाम पर पमरे मजदूर संघ में बड़ा घोटाला, तीनों मंडलों से भी वसूले गये 30 लाख, मुख्यालय के खाते से बंदरबांट

प्रेषित समय :19:09:01 PM / Sat, Nov 13th, 2021

जबलपुर. वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (डबलूसीआरएमएस) में टल रही खींचतान के बीच महामंत्री अशोक शर्मा व उनके कुछ साथियों के खिलाफ संघ की राशि के बड़े हेरफेर के नये-नये तथ्य सामने आ रहे हैं, मुख्यालय के खाते में साढ़े 76 लाख रुपए के गबन के आरोप में पहले ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज की हुई है.

वहीं नई जानकारी यह सामने आ रही है कि अशोक शर्मा द्वारा दशहरा  बोनस के अवसर पर रेल कर्मचारियों को वितरित करने के लिए बैग खरीदी के लिए तीनों मंडलों जबलपुर, भोपाल व कोटा की शाखाओं से भी 10-10 लाख रुपए लिए थे, यानी 30 लाख रुपए पहले ही बैग के नाम पर लिया जा चुका था, जबकि अशोक शर्मा गुट द्वारा अभी तक यह दावा किया जाता रहा है कि संघ के खाते से जो बड़ी राशि निकाली गई, उस राशि से बैग की खरीदी की गई.

डॉ. भटनागर जुटा रहे जानकारी, नई एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी

सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मामले में डॉ. आरपी भटनागर नई शिकायत पुलिस में करने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें तीनों मंडलों से लिये गये 10-10 लाख (कुल 30 लाख) रुपए कहां गए और मजदूर संघ ने जो 50 लाख रुपए की एफडी कराई थी, वह कहां गायब हो गई.

जबलपुर मंडल ब्रांच के खाते से भी बड़ी राशि का हिसाब नहीं

बताया जाता है कि मजदूर संघ के मुख्यालय के साथ-साथ जबलपुर मंडल की शाखा से भी बड़ी राशि का हिसाब नहीं मिल रहा है, उसे भी पिछले कुछ समय पहले निकाला गया. उस राशि को कहां खर्चा किया गया, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है.

सीबीआई, इनकम टैक्स, विजिलेंस को शिकायत

सूत्रों के मुताबिक डा. आरपी भटनागर द्वारा संघ के खाते से पिछले सालों में किये गये सभी लेनदेनों की जांच चाहते हैं और उन्होंने अशोक शर्मा द्वारा अर्जित की गई संपत्तियों की जांच के लिए इनकम टैक्स, सीबीआई और पमरे के विजिलेंस विभाग को पत्र लिख रहे हैं.

डेपुटेशन अवधि का वेतन रेलवे कैसे वसूलेगा

वहीं रेलवे में इस बात की भी चर्चा चल रही है कि मजदूर संघ में जबर्दस्त टकराव व अनिश्चितता की स्थिति है, उसका एकाउंट सीज है, उसमें से राशि नहीं निकाली जा सकती, उस स्थिति में रेलवे से संघ में डेपुटेशन में गये अशोक शर्मा के अलावा कोटा व भोपाल से एक-एक पदाधिकारी को मिल रहे वेतन को रेलवे कैसे वसूलेगा. रेलवे में यह व्यवस्था है कि जो कर्मचारी मजदूर संगठन में डेपुटेशन में जाता है, उसे वेतन, भता आदि का भुगतान रेलवे नियमित रूप से करता रहता है, लेकिन बाद में वह संघ से इस राशि को प्राप्त कर लेता है, यह व्यवस्था निरंतर चली आ रही है, लेकिन पमरे मजदूर संघ में चल रहे विवाद में रेलवे की यह राशि अटक सकती है, क्योंकि जितना वेतन, भत्ता इन पदाधिकारियों को रेलवे से प्राप्त हो रहा है, उतनी राशि संघ के खाते में है ही नहीं, ऊपर से एकाउंट सीज है.

- इनका कहना

- रेल कर्मचारी की मेहनत-मशक्कत की राशि संघ को चंदा स्वरूप इस उम्मीद में मिलती है कि संघ के पदाधिकारी इस राशि का बेहतर उपयोग कर्मचारियों के कल्याण व उनसे जुड़ी समस्याओं को हल करने के उपयोग में करेंगे, लेकिन अशोक शर्मा जैसे लोगों ने इस राशि को अपनी निजी जागीर समझ ली थी और बड़ा हेरफेर किया है. पूरे तथ्य जुटाए जा रहे हैं और नये मामले सामने आ रहे हैं, जिसकी शिकायत की जायेगी.

डॉ. आरपी भटनागर, कार्यकारी अध्यक्ष एनएफआईआर व अध्यक्ष सीआरएमएस.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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