रत्न धारण करने से पहले जान लें, कितना होना चाहिए इनका वजन

रत्न धारण करने से पहले जान लें, कितना होना चाहिए इनका वजन

प्रेषित समय :19:23:13 PM / Mon, Nov 8th, 2021

ज्योतिष में रत्नों का भी विशेष महत्व है. बिगड़े और क्रिधोत ग्रहों को शांत करना हो या अस्त ग्रहों के प्रभाव को बढ़ाना हो.... इन सभी हलातों में ज्योतिषशास्त्री जातक को रत्नों की शरण में जाने की सलाह देते हैं.

निश्चित तौर पर रत्न आपके जीवन की बड़ी परेशानियों का समाधान बन सकते हैं, बशर्ते वह शुद्ध हों, साथ ही साथ उन्हें पहने के लिए जो नियम निर्धारित किए गए हैं उनका ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक है.

एक और बात जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए वो है उनका सही वजन, क्योंकि अगर धारण किए गए रत्न का वजन पर्याप्त नहीं है तो आप उसका प्रभाव देख पाने से वंचित रह जाएंगे और ज्योतिषविद्या जैसे विज्ञान को ही झुठला देंगे.

तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आपको कौनसा रत्न कितनी रत्ती या वजन का धारण करना चाहिए ताकि आपको उसका पूर्ण प्रभाव प्राप्त हो सके.

माणिक्य

माणिक्य सूर्य का रत्न है. जिस जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है उसे उसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए माणिक्य धारण करने की सलाह दी जाती है. जातक को कम से कम तीन रत्ती का माणिक्य पहनना चाहिए ताकि उसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके.

हीरा

शुक्र ग्रह का रत्न है हीरा, जिस जातक को हीरा धारण करने की सलाह दी जाती है उसे कम से कम डेढ़ रत्ती का हीरा पहनना चाहिए.

नीलम

कुंडली में अगर शनि की स्थिति अच्छी है तो उसके पूर्ण प्रभाव को प्राप्त करने के लिए जातक को नीलम पहनना चाहिए. यह रत्न कम से कम चार रत्ती का पहना जाना चाहिए.

पन्ना

बुध ग्रह का रत्न है पन्ना, अगर ज्योतिषशास्त्री ने आपको पन्ना पहनने की सलाह दी है तो आपको तीन से छ: रत्ती का पन्ना ही पहनना चाहिए, अन्यथा आप इसका पूर्ण प्रभाव प्राप्त नहीं कर पाएंगे.

पुखराज

बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के लिए पुखराज धारण किया जाता है. यह कम से कम 3 से 4 रत्ती होना चाहिए. जातक को कभी 6,11,15 रत्ती का पुखराज नहीं पहनना चाहिए.

मोती

चंद्रमा की शांति और प्रसन्नता के लिए मोती धारण किया जाता है. यह 4,6,2 या 11 रत्ती का होना चाहिए. जातक को कभी 7 या 8 रत्ती का मोती नहीं पहनना चाहिए.

मूंगा

मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है. इसे धारण करने से पहले ध्यान रखें कि यह 6,11 या 13 रत्ती का ही होना चाहिए. 5 या 114 रत्ती का मूंगा कभी नहीं पहनना चाहिए.

गोमेद

गोमेद राहु का रत्न है, यह कम से कम 4, 6, 11 या 13 रत्ती का होना चाहिए. 7,10 या 16 रत्ती का गोमेद नहीं पहना जाता.
Acharya M.K.Mishra 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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