धनतेरस के दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र संयोग से त्रिपुष्कर योग भी बन रहा

धनतेरस के दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र संयोग से त्रिपुष्कर योग भी बन रहा

प्रेषित समय :19:47:35 PM / Mon, Nov 1st, 2021

धनत्रयोदशी, धन्वंतरी जयंती, यमदीप दान ,त्रिपुष्कर योग के साथ धनत्रयोदशी का कार्तिक कृष्णा बारस मंगलवार 2 नवंबर 2021 को श्रेष्ठ योग बन रहा है इस दिन द्वादशी होने से मंगलवार होने से एवं उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र संयोग से त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है ज्योतिष शास्त्र वेद पुराण ग्रंथ बताते हैं कि इस दिन धन्वंतरी भगवान की पूजन करने से रोग कष्ट बीमारी अशांति चिंता दूर होती है इस दिन यमराज की पूजन करने से नर्क गामी योग नहीं बनता *त्रिपुष्कर योग 2 नवंबर 21 मंगलवार को प्रातः 6:41 से 11:31 तक श्रेष्ठतम योग बन रहा है. *

इस अवधि में पुष्कर जैसे महान तीर्थ में स्नान करना दान करना हवन पूजन परिक्रमा करना करोड़ों गुना फल लिखा है त्रिपुष्कर योग कार्तिक मास में एवं धनतेरस के दिन आना देश-विदेश एवं जनमानस के लिए श्रेष्ठ योग बन रहा है. 

*_इस दिन से तीन दीपक देसी घी के मिट्टी के एक  बड़ी बत्ती  लंबी बत्ती का 3 दिन तक यानी दीपावली तक अवश्य जलाना चाहिए उसमें कमल गट्टा सूखा धनिया हल्दी की गांठ इलायची लौंग इन 5 चीजों को रखकर दीप जलाने से घर में लक्ष्मी का प्रादुर्भाव होगा धन योग व्यापारियों बढ़ेगा आर्थिक स्थिति ठीक होगी अधूरे कार्य पूर्ण होंगे एवं मां लक्ष्मी की अनूठी कृपा जनमानस को मिलेगी तीनों दीपक पूरब दिशा में मुंह करके जलावे जिससे सुख समृद्धि ऐश्वर्या शांति का योग बनेगा धन काली मिट्टी घर पर लाने का शुभ समय 2 नवंबर मंगलवार को शाम को 4:30 से 6:00 इस दिन धनत्रयोदशी दोपहर में 11:30 बजे प्रारंभ हो जाएगी जो बुधवार 3 नवंबर बुधवार को 9:57 तक रहेगी अगर कोई त्रयोदशी के दिन ही लक्ष्मी लाना चाहते हैं तो प्रातः काल से 9:57 तक पूजन करके आवाहन करके लक्ष्मी मंत्र का जाप करके या लक्ष्मी चालीसा पढ़कर लाल वस्त्र में ढक्कन पुष्प माला चढ़ाकर दीपक अगरबत्ती करके अपने घर पर ले आओ जिससे 1 वर्ष तक लक्ष्मी का निवास धन-धान्य की वृद्धि रहेगी यह कार्य 3 नवंबर को भी कर सकते हैं. _*

3 नवंबर बुधवार कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी उपरांत चतुर्दशी को जिनके शरीर में चर्म रोग असाध्य रोग शरीर में है उनको शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सुंदरता को प्राप्त करने के लिए निर्मल जल सप्त धान जिसमें उड़द मूंग गेहूं चने जो चावल कांगनी मिलाकर एवं लाजवंती कूट खिला कांगनी जो सरसों देवदारू हल्दी सर्वोच्च दी लोध इन को पीसकर जल में मिलाकर स्नान करने से शरीर का रोग दूर होकर शरीर स्वस्थ होकर सुंदरता का योग बनेगा इससे चर्म रोग एवं समस्त लोगों को दूर करके शरीर को स्वस्थ करके असाध्य रोगों से मुक्ति दिलाने का ज्योतिष में योग लिखा है विशेष तौर पर महिलाओं को पिठठी (उबटन ) से स्नान एवं जल में हल्दी डालकर सुगंधित द्रव्य एवं परफ्यूम धार का स्नान करने से महिलाओं का सुख सौभाग्य दांपत्य जीवन श्रेष्ठ बंद कर शरीर में पुष्ट था ताकत एवं सुंदरता बढ़ती है यह अचूक उपाय हैं. 

*_3 नवंबर 2021 बुधवार को हनुमान जयंती भी का श्रेष्ठ योग बन रहा है इस दिन हनुमान जी महाराज की पूजन करने से दान पुण्य करने से रोग कष्ट अशांति एवं शत्रु परास्त होते हैं वेदों में और शास्त्रों में ज्योतिष आधार पर कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जी का जन्मदिन बताते हैं. *

4 नवंबर 2021 गुरुवार कार्तिक कृष्ण अमावस्या महालक्ष्मी पूजन दीपदान कुबेर पूजन गणपति पूजन सरस्वती पूजन का श्रेष्ठ योग हैं ज्योतिष में यह बताता है किस दिन तुला राशि पर सूर्य मंगल चंद्र बुध का श्रेष्ठ योग बन रहा है जो जनमानस के लिए आर्थिक मंदी को दूर करके व्यापार में सुख समृद्धि प्रदान करेगा गुरु एवं शनि मकर राशि पर होने से धन-धान्य की वृद्धि एवं भारत का विश्व में परचम लहराएगा महालक्ष्मी दीपावली पूजन से पूर्व प्रातः 4 नवंबर 2021 गुरुवार को पितरों की पूजन तर्पण मार्जन दान पुण्य भोजन वस्त्र फल फ्रूट मिठाई अन्न दान जल दान करें, जिससे पितरों का आशीर्वाद मिलेगा एवं लक्ष्मी का प्रादुर्भाव रहेगा महालक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ समय प्रदोष वेला में 5:50 से रात्रि 8:27 तक श्रेष्ठ रहेगा सिंह लग्न रात्रि में 12:57 से 3:13 तक श्रेष्ठ समय है दिन में 4:28 से 5:50 शाम का समय शुभ है दिन में 12:21 से 1:30 तक लाभ बेला में श्रेष्ठ समय है 10:59 से 12:21 लक्ष्मी की चंचल योग में पूजन करना भी श्रेष्ठ है इस दिन कमल के पुष्प गुलाब के पुष्प एवं सुगंधित पुष्पों से महालक्ष्मी की पूजन करें अष्टगंध केसर युक्त चंदन से अर्चना करें  लाल चावल से पूजन करें गोपाल सहस्रनाम कनकधारा स्तोत्र श्री सूक्त श्री महालक्ष्मी स्तोत्र एवं मंत्र का पाठ करें एवं करवा वे इससे लक्ष्मी का प्रादुर्भाव होगा एवं घर में सुख समृद्धि और शांति और श्रेष्ठता रहेगी पुरुष सूक्त, श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त के पाठ भी श्रेष्ठ योग बनाते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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