नई दिल्ली. मारुति सुजुकी बलेनो प्रीमियम हैचबैक कार सेफ्टी पैरामीटर में फेल साबित हुई है. भारत में बनने वाली मारुति बलेनो में 2 एयरबैग होते हैं. NCAP क्रैश टेस्ट में कार को शून्य रेटिंग मिली है. 1 महीने पहले ही मारुति स्विफ्ट को भी सेफ्टी के लिए जीरो रेटिंग मिली थी. इस तरह 2 महीनों के अंदर कंपनी की बलेनो कार सहित 2 कारें लैटिन NCAP क्रैश टेस्ट में फिसड्डी साबित हुईं हैं. देश में पहली बलेनो 2015 में लॉन्च हुई थी, तब से लेकर अब तक इसकी 9 लाख से ज्यादा यूनिट्स की बिक्री हो चुकी हैं.
लैटिन NCAP रेटिंग में, बलेनो ने एडल्ट ऑक्यूपेंट सेफ्टी में 20.03%, चाइल्ड ऑक्यूपेंट सेफ्टी में 17.06%, पैदल यात्रियों की सेफ्टी में 64.06% और सेफ्टी असिस्ट बॉक्स में 6.98% रेटिंग हासिल की है. जहां बलेनो फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट में स्टेबल रही, वहीं साइड इम्पैक्ट टेस्ट के दौरान एडल्ट के चेस्ट की सेफ्टी में फिसड्डी साबित हुई है.
कार में सिर की सेफ्टी के लिए एयरबैग नहीं मिलता
NCAP ने कार की जीरो स्टार रेटिंग होने की वजह साइड में खराब सेफ्टी, मार्जिनल व्हिपलैश प्रोटेक्शन, स्टैंडर्ड साइड बॉडी और सिर की सेफ्टी के लिए एयरबैग की कमी, स्टैंडर्ड इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC) की कमी और चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम (CRS) का ना होना बताया है.
9 वैरिएंट में मिलती है बलेनो
मारुति बलेनो देश में 9 वैरिएंट में मिलती है. बलेनो की कीमत 5.97 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) से है और इसके टॉप-स्पेक ट्रिम की कीमत 9.33 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) है. यह सभी ट्रिम्स वैरिएंट ड्राइवर और सामने वाले यात्री के लिए दो एयरबैग के साथ आता है.
अगस्त में बलेनो कार की बिक्री सबसे ज्यादा हुई
बलेनो के पिछले तीन महीनों की बात करें तो जुलाई में बलेनो बिक्री के मामले में वैगनआर, स्विफ्ट के बाद 14,729 कार की बिक्री के साथ टॉप 3 पर रही है. वहीं अगस्त में बलेनो की बिक्री सबसे ज्यादा 15,646 कारों की हुई. सितंबर में 8,077 कारों की बिक्री के साथ 6 स्थान पहुंच गई है.
ग्लोबल NCAP क्या होता है
ग्लोबल NCAP यानी ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम एक ऐसा आर्गनाइजेशन है जो स्वतंत्र रूप से नई कारों का कई मानदंडों पर टेस्टिंग करके रेटिंग देता है. टेस्ट की गई कारों को 0-5 स्टार की रेटिंग दी जाती है. कार कंपनियों के लिए ग्लोबल NCAP रेटिंग काफी महत्व रखता है क्योंकि रेटिंग मिलने से कारों की बेहतर मार्केटिंग होती है.
64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाया जाता है
ग्लोबल NCAP टेस्ट की बात करें तो इसमें कार को 64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाया जाता है. यह स्पीड कारों की औसत गति को मान कर तय की जाती है. कार के वजन और आकर की किसी दूसरी ठोस चीज को चलती कार से टकराया जाता है और दोनों पर पड़ने वाले प्रभाव को चेक किया जाता है.
ज्यादा स्टार मतलब बेहतर सेफ्टी
NCAP टेस्ट में सबसे कम रेटिंग या स्टार लाने वाली कारें दुर्घटना के समय सुरक्षित नहीं मानी जाती हैं. टेस्ट की गई कारों को 0-5 स्टार रेटिंग दी जाती है. रेटिंग को एडल्ट सेफ्टी, चाइल्ड सेफ्टी समेत कई मानकों पर बांटा जाता है. कार के अंदर ड्राइवर सीट और पैसेंजर सीट पर मानव आकार के पुतलों को बैठाया जाता है और क्रैश से उन पर पड़ने वाले प्रभाव को चेक किया जाता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-टाटा मोटर्स ने फ्लीट सेगमेंट के लिए XPRES-T EV सेडान उतारी
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